IAS अधिकारी ने शेयर की 89 साल की महिला पंचायत अध्यक्ष की प्रेरणादायक कहानी, इनकी एक स्माइल जीत लेगी दिल

ये कहानी है तमिलनाडु की एक 89 साल की बुजुर्ग महिला वीरम्मल अम्मा (Veerammal Amma) की, जिन्हें प्यार से लोग "अरिटापट्टी पाती" (Arittapatti Paati) के नाम से भी पुकारते हैं.

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IAS अधिकारी ने शेयर की 89 साल की महिला पंचायत अध्यक्ष की प्रेरणादायक कहानी
नई दिल्ली:

सोशल मीडिया पर अक्सर प्रेरक कहानियां वायरल होती हैं, जिनसे हर किसी को जीवन में कोई न कोई सीख जरूर मिलती है. कई बार तो समाज में विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर जागरुकता फैलाने वाली कहानियां भी वायरल होती है. अक्सर भारतीय सिविल सेवा अधिकारी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर ऐसी तस्वीरें और कहानियां शेयर करते रहते हैं. ऐसी ही एक कहानी अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसे आईएएस अधिकारी सुप्रिया साहू (IAS officer Supriya Sahu) ने ट्विटर पर शेयर किया है. ये कहानी है तमिलनाडु की एक 89 साल की बुजुर्ग महिला वीरम्मल अम्मा (Veerammal Amma) की, जिन्हें प्यार से लोग "अरिटापट्टी पाती" (Arittapatti Paati) के नाम से भी पुकारते और जानते हैं.

वीरम्मल अम्मा, तमिलनाडु (Tamil Nadu) में एक प्रेरक शख्सियत के रूप में उभरी हैं. अरिटापट्टी पंचायत के पंचायत अध्यक्ष (Panchayat President) के सम्मानित पद पर रहते हुए, वह हर उम्र में दृढ़ संकल्प की शक्ति के प्रमाण के रूप में खड़ी रही हैं.

अपनी बढ़ती उम्र के बावजूद, उनमें जीवंतता और उत्साह है, जो उन्हें राज्य में सबसे उम्रदराज पंचायत अध्यक्ष बनाती है. उसकी दिल जीत लेने वाली मुस्कान और असीम उत्साह ने उनके आस-पास के लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया है.

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वीरम्मल अम्मा के साथ सुप्रिया साहू की बातचीत ने उनकी फिटनेस और सकारात्मक दृष्टिकोण के पीछे के रहस्यों पर प्रकाश डाला. अम्मा ने अपनी जीवन शक्ति का श्रेय एक सरल लेकिन प्रभावी जीवनशैली को दिया. उन्होंने बताया कि वो हमेशा ही बाजरे से भरपूर पारंपरिक घर का बना खाना खाती हैं और पूरे दिन कृषि कार्यों में लगी रहती हैं और यही वजह है कि वो इस उम्र में भी इतनी फिट हैं.

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खासतौर पर, वीरम्मल अम्मा के नेतृत्व में अरिट्टापट्टी को मदुरै का पहला जैव विविधता विरासत स्थल होने का गौरव प्राप्त है. अपने समुदाय के विकास के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता तब लोगों को नज़र आती है जब वह क्षेत्र की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए साहू जैसे अधिकारियों के साथ सहयोग करती हैं.

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वीरम्मल अम्मा की यात्रा इस बात का जीवंत उदाहरण है कि कैसे महानता हासिल करने में उम्र कोई बाधा नहीं है. उनकी कहानी एक प्रेरणा के रूप में काम करती है, जो आजीवन समर्पण की क्षमता और एक पूर्ण जीवन के लिए सदियों पुराने ज्ञान को अपनाने के प्रभाव को दर्शाती है.

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