Lohri 2021: लोहड़ी (Lohri) सबसे लोकप्रिय त्योहार है. खासतौर पर पंजाब में यह त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. इस साल लोहड़ी (Lohri 2021) का पर्व 13 जनवरी को मनाया जा रहा है. यह नए साल (New Year 2021) का पहला त्योहार (Lohri) है. रात के वक्त सब लोग खुले आसामन के नीचे आग जलाकर उसके चारों ओर चक्कर काटते हुए लोक गीत गाते हैं, नाचते हैं और मूंगफली, मकई, रेवड़ी व गजक खाते हैं. लोहड़ी (Lohri) के दिन बिना स्टेटस (Lohri Status) लगाए कैसे रहा जा सकता है. जमाना डिज़िटल शुभकामनाएं भेजने का है, जिसमें सबसे ज्यादा पॉपुलर हैं फेसबुक और वाट्सएप स्टेटस (Lohri Facebook and WhatApp Status) है. तो आप भी यहां दिए शानदार स्टेटस से एक-दूसरे को लोहड़ी बधाई (Lohri Wishes) देना ना भूलें.
Lohri 2021 Facebook and WhatApp Status
हाथ विच मूंगफली
मुंह विच रेवड़ी
ला के घुट थोड़ी-थोड़ी
फेर बोलो...हैप्पी लोहड़ी
Happy Lohri 2021
हमारी ओर से आपको एवं आपके परिवार को
लोहड़ी की हार्दिक शुभकामनाएं
Happy Lohri 2021
लोहड़ी की आग में दहन हों सारे गम
खुशियों आएं आप के जीवन में हरदम
Happy Lohri 2021
मीठी बोली, मीठी जुबान, ते मीठे ही पकवान
मेरी तरफ से आपको लोहड़ी का यही शुभ पैगाम
Happy Lohri 2021
मीठे गुड़ में मिल गया तिल
उड़ीं पतंग और खिल गया दिल
Happy Lohri 2021
दिल की खुशी और अपनों का प्यार
मुबारक हो आपको लोहड़ी का त्योहार
Happy Lohri 2021
तमाम सबूतों और गवाहों को नज़र में रखते हुए मैसेज पढ़ने वाले को
हैप्पी लोहड़ी कहते हुए जिंदगी भर खुश रहने का हुक्म सुनाया जाता है
Happy Lohri 2021
गन्ने दे रस तों चिन्नी दी बोरी
फेर बनी उस्तों मिट्ठी-मिट्ठी रेवरी
रल मिल सारे खइया तिल दे नाल
ते मनिये अस्सी खुशियां भरी लोहड़ी
Happy Lohri 2021
हम आपके दिल में रहते है
इसीलिए हर गम सहते हैं
कोई हमसे पहले न कह दे आपको
इसीलिए सबसे पहले ही आपको हैप्पी लोहड़ी कहते हैं...
Happy Lohri 2021
फिर आ गयी भंगडे दी वारी
लोहड़ी मनाओ दी करो तैयारी
अग्ग दे कोल सारे आओ
सुन्दरिये मुनदरिये जोर नाल गाओ
लोहड़ी दी आप ते आपदे पूरे परिवार की बधाई
Happy Lohri 2021
कहां से आया लोहड़ी शब्द?
लोहड़ी शब्द को लेकर लोगों की अलग-अलग मान्यताएं हैं. कई लोग मानते हैं कि लोहड़ी शब्द ‘लोई (संत कबीर की पत्नी) से उत्पन्न हुआ था, लेकिन कई लोग इसे तिलोड़ी से उत्पन्न हुआ मानते हैं, जो बाद में लोहड़ी हो गया. वहीं, कुछ लोग यह मानते है कि यह शब्द लोह' से उत्पन्न हुआ था, जो चपाती बनाने के लिए प्रयुक्त एक उपकरण है.
आग का क्या है महत्व?
लोहड़ी के दिन आग जलाने को लेकर माना जाता है कि यह आग्नि राजा दक्ष की पुत्री सती की याद में जलाई जाती है. पौराणिक कथा के अनुसार एक बार राजा दक्ष ने यज्ञ करवाया और इसमें अपने दामाद शिव और पुत्री सती को आमंत्रित नहीं किया. इस बात से निराश होकर सती अपने पिता के पास जवाब लेने गईं कि उन्होंने शिव जी को यज्ञ में निमंत्रित क्यों नहीं भेजा. इस बात पर राजा दक्ष ने सती और भगवान शिव की बहुत निंदा की. सती बहुत रोईं, उनसे अपने पति का अपमान नहीं देखा गया और उन्होंने उसी यज्ञ में खुद को भस्म कर दिया. सती के मृत्यु का समाचार सुन खुद भगवान शिव ने वीरभद्र को उत्पन्न कर उसके द्वारा यज्ञ का विध्वंस करा दिया. वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि यह आग पूस की आखिरी रात और माघ की पहली सुबह की कड़क ठंड को कम करने के लिए जलाई जाती है.