कतार में खड़ा अंतिम व्यक्ति भी इतिहास रच सकता है. सोशल मीडिया पर कुछ ऐसा ही संदेश दे रहे चाय सुट्टा बार (Chai Sutta Bar) के सह-संस्थापक अनुभव दुबे (Anubhav Dubey) ने लोगों का ध्यान खींचा है. अनुभव ने एक इंस्पायरिंग मैसेज शेयर किया, जिसमें उन लोगों को प्रोत्साहित किया गया जिन्हें कभी पुरस्कार या मान्यता नहीं मिली. अनुभव ने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने से लेकर बिजनेस में सफलता पाने तक की अपनी यात्रा पर बात की.
जब यूपीएससी परीक्षा पास करने की उनकी उम्मीदें धूमिल हो गईं, तो उन्होंने अपने डर के बावजूद विश्वास की एक साहसिक छलांग लगाते हुए अपने दोस्त आनंद नायक के साथ एक बिजनेस आइडिया शेयर किया. उन्होंने पोस्ट में लिखा, "25 साल की उम्र तक, मुझे एक भी पुरस्कार नहीं मिला था. मैं एक बैकबेंचर था. पुरस्कार, प्रमाणपत्र से मेरा कोई लेना देना नहीं था. जब मुझे लगने लगा कि मैं फिर से अपनी यूपीएससी परीक्षा पास नहीं कर पाऊंगा, तो मैंने आनंद से बात की और हमने अपने बिजनेस आइडिया पर चर्चा की."
दृढ़ता और समर्पण के माध्यम से, अनुभव दुबे ने चाय सुट्टा बार को एक चर्चित टी चेन में बदल दिया. आज, उनका ऑफिस अवॉर्ड्स से भरा हुआ है, जो उनकी सफलता का प्रमाण है. उन्होंने कहा, "सीएसबी को बहुत प्यार मिला और इसके परिणामस्वरूप, हमें मान्यता और इतने सारे पुरस्कार मिले कि हमारा केबिन अब उनसे भरा हुआ है."
पोस्ट यहां देखें:
उन्होंने सफलता की राह पर चुनौतियों का सामना करने वालों के लिए एक संदेश के साथ अपनी पोस्ट को समाप्त किया. उन्होंने लिखा, "कहानी का मोरल यह है: सिर्फ़ इसलिए कि आपको मान्यता या पुरस्कार नहीं मिले हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि आप सक्षम नहीं हैं. हो सकता है कि आपको यह किसी दूसरी जगह से मिले. एकमात्र शर्त यह है कि आप कोशिश करना बंद न करें."
लोग उनके इस पोस्ट से बहुत प्रभावित हुए और उनके प्रेरक शब्दों के लिए उनकी जमकर तारीफ हो रही है.
बता दें कि चाय सुट्टा बार एक पॉपुलर इंडियन टी चेन है जिसकी स्थापना 2016 में अनुभव दुबे और आनंद नायक ने की थी. बाद में राहुल पाटीदार कंपनी में शामिल हो गए. यह चेन अपने अनूठे चाय के स्वाद और आरामदायक माहौल के लिए जानी जाती है और पूरे भारत में तेज़ी से फैल गई है.