हमारे देश अलग-अलग राज्यों में विभिन्न तरह की संस्कृतियां और रीति-रिवाज हैं. देश में बहुत सी अलग-अलग प्रथाएं प्रचलित हैं. जैसे अलग-अलग धर्मों के अलग-अलग रीति-रिवाज होते हैं, वैसे ही अलग-अलग राज्यों में बहुत सी अलग मान्यताएं भी प्रचलित हैं. जिनमें से एक परंपरा है बारिश को लेकर. हमारे देश के कुछ हिस्सों में ऐसी मान्यता है कि बारिश के देवता को खुश करने पर वो बारिश करते हैं. जिसके लिए एक रस्म में त्रिपुरा (Tripura) में गांव के लोग मेंढकों की शादी (Frogs marriage) करते हैं.
मानसून की शुरुआत से पहले उत्तरपूर्वी इलाकों में मेढकों की पूरे रीति-रिवाज से शादी कराई जाती है, जिससे बारिश के देवता खुश हों और बारिश समय से हो. ऐसी मान्यता है कि मेंढकों की शादी से बारिश के देवता वरुण प्रसन्न हो जाते हैं. शादी में मेंढकों को पूरी तरह से सजाकर पारंपरिक कपड़े पहनाए जाते हैं और पूरे रीति-रिवाज के साथ उनकी शादी कराई ती है.
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वीडियो में आप देख सकते हैं कि एक महिला ने दूल्हे मेंढक को पकड़ रखा है और दूसरी ने दुल्हन मेंढकी को पकड़ा है. महिला दूल्हे को पकड़कर दूल्हन की मांग में सिंदूर भरवा रही है. शादी में तालाब में स्नान करने के बाद नए कपड़े पहनाकर दोनों मेंढकों के बीच जयमाला भी डलवाई गयी. बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं है कि भारत में मेंढकों की शादी हुई हो. हर साल वरुण देवता को प्रसन्न करने के लिए असम, त्रिपुरा समेत कई राज्यों में मेढकों की शादी कराई जाती है.