धरती पर आकर परिवार को गले लगाना अद्भुत... पत्नी और बेटे से मिलकर भावुक हुए शुभांशु शुक्ला, तस्वीर शेयर कर कही ये बात

अंतरिक्ष यात्री ने इंस्टाग्राम पर तस्वीरें साझा कीं हैं, जिनमें वह दो महीने से ज़्यादा समय तक अलग रहने के बाद अपनी पत्नी और बेटे को गले लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं.

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पत्नी और बेटे से मिलकर भावुक हुए शुभांशु शुक्ला

भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला (Shubhanshu Shukla) अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर अपने 18 दिवसीय मिशन के बाद पृथ्वी पर लौटने के एक दिन बाद ही अपने परिवार से मिले और उनके रीयूनियन की दिल छू लेने वाली तस्वीरों ने लोगों को इमोशनल कर दिया. अंतरिक्ष यात्री ने इंस्टाग्राम पर तस्वीरें साझा कीं हैं, जिनमें वह दो महीने से ज़्यादा समय तक अलग रहने के बाद अपनी पत्नी और बेटे को गले लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि कई हफ़्तों तक क्वारंटाइन में रहने के बाद अपने परिवार को गले लगाना "घर" जैसा लगा.

अपनों से मिलना अंतरिक्ष यात्रा जितना ही अद्भुत

उन्होंने कैप्शन में लिखा, "अंतरिक्ष यात्रा अद्भुत है, लेकिन लंबे समय के बाद अपनों से मिलना भी उतना ही अद्भुत है. मुझे क्वारंटाइन में गए दो महीने हो गए हैं. क्वारंटाइन के दौरान, परिवार से मिलने के लिए हमें 8 मीटर की दूरी पर रहना पड़ता था. मेरे छोटे बच्चे को यह बताना पड़ा कि उसके हाथों में कीटाणु हैं और इसलिए वह अपने पिता को नहीं छू सकता. पृथ्वी पर वापस आकर और अपने परिवार को अपनी बाहों में लेकर घर जैसा महसूस हुआ." 

15 जुलाई को पृथ्वी पर लौटे

शुभांशु शुक्ला ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर जाने वाले पहले भारतीय और 1984 में राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बनकर इतिहास रच दिया है. अपने साथियों द्वारा Shux नाम से मशहूर शुक्ला 15 जुलाई को स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष कैप्सूल से पृथ्वी पर लौटे.

तस्वीरों में, शुक्ला की पत्नी कामना उन्हें गले लगाती हुई दिखाई दे रही हैं और उनकी आंखों से आंसू बह रहे थे. उनका बेटा अपने पिता की बाहों में कूद पड़ा और उन्हें कसकर गले लगा लिया. अंतरिक्ष यात्री ने बताया कि कैसे इस छोटे बच्चे को अंतरिक्ष उड़ान से पहले के हफ्तों में पिता से मिलने पर क्वारंटाइन प्रोटोकॉल के बारे में बताया गया था.

उन्होंने कहा, "आज ही किसी प्रियजन को खोजें और उन्हें बताएं कि आप उनसे प्यार करते हैं. हम अक्सर ज़िंदगी में व्यस्त हो जाते हैं और भूल जाते हैं कि हमारे जीवन में लोग कितने महत्वपूर्ण हैं. मानव अंतरिक्ष यान मिशन जादुई होते हैं, लेकिन उन्हें इंसानों ने ही जादुई बनाया है." 

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