गर्लफ्रेंड को 3 महीने से नहीं मिली सैलरी, तो बॉयफ्रेंड ने गुस्से में किया ये काम, लोगों का फूटा गुस्सा

एचआर ने उनसे कहा था कि उन्हें अगले महीने वेतन मिलेगा. हालांकि, इस महीने HR ने बताया कि चूंकि क्लिनिक घाटे में चल रहा है इसलिए महिला को मूल वेतन भी नहीं दिया जा सकता.

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बेंगलुरु के क्लिनिक में काम कर रही एक महिला को 3 महीनों से नहीं मिली सैलरी.

Bengaluru Clinic Hasn't Paid Employee For 3 Months: बेंगलुरु के एक क्लिनिक में कंसल्टेंट (Bengaluru Consultant) के तौर पर काम करने वाली एक महिला को तीन महीने से सैलरी (Salary Delay) नहीं मिली, जिसकी चर्चा अब सोशल मीडिया पर शुरू हो गई है. महिला के बॉयफ्रेंड ने रेडिट पर इसे लेकर पोस्ट किया है. उन्होंने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट पर जाकर आपबीती साझा की. उन्होंने बताया कि, कैसे पहले दो महीनों के लिए एचआर ने उनसे कहा था कि, उन्हें अगले महीने वेतन मिलेगा. हालांकि, इस महीने HR ने बताया कि, चूंकि क्लिनिक घाटे में चल रहा है, इसलिए महिला को मूल वेतन भी नहीं दिया जा सकता. इसके अलावा, एचआर ने उन्हें बताया कि, अगर पैसे चाहिए, तो महिला को यह आश्वस्त करना होगा कि, जो मरीज आएं वो किसी इलाज या सर्जरी का ऑप्शन चुनें.

यहां देखें पोस्ट

Clinic refusing to pay my girlfriend her salary
byu/ScatteredInk inbangalore

लड़की को 3 महीने से नहीं मिली सैलरी (Ladki ko 3 mahine se nahi mili salary)

रेडिट पर किए गए इस पोस्ट (Dealing with Salary Issues) में शख्स ने बताया कि, उनकी गर्लफ्रेंड वहां 2 साल के कॉन्ट्रैक्ट पर है और वह 1.5 साल से वहां काम कर रही है. ऐसे में वह 6 महीने पूरे होने से पहले क्लिनिक नहीं छोड़ सकती, क्योंकि नौकरी बीच में छोड़ने से उसे उसका एक्सपीरिएंस लेटर नहीं मिलेगा और उसे कहीं और फ्रेशर माना जाएगा. अन्य लोगों को उनके वेतन का कम से कम 25% मिल रहा है, लेकिन उन्हें कुछ भी पेमेंट नहीं मिल रहा, क्योंकि वह कॉन्ट्रैक्ट पर है.

लोगों ने दी कुछ ऐसी सलाह (Agar Company Salary na de to Kya kare)

शख्स ने आगे बताया कि, कैसे यह पूरी स्थिति उसे तनावग्रस्त कर रही है और उसे सैलरी (Financial Struggles) बिना यहां रहना और खर्चों को मैनेज करना मुश्किल हो रहा है. इसके साथ ही उन्होंने लोगों से उनके सुझाव मांगे. पोस्ट सोशल मीडिया चर्चा का विषय बन गया है और कई लोगों ने सुझाव भी दिए. लोगों ने सुझाव दिया कि, उन्हें बस कंपनी पर मुकदमा कर देना चाहिए. एक Reddit यूजर ने कमेंट करते हुए लिखा, 'मुझे इससे नफरत है कि यह सामान्य है. हमें एक कानूनी शिकायत दर्ज करनी होगी, जिसके परिणामस्वरूप कंपनी/क्लिनिक बंद हो जाएगी या कई अन्य उपाय करने पड़ेंगे, लेकिन समाधान में बहुत लंबा समय लगता है.' दूसरे ने लिखा, 'अगर वे उसकी ट्रेनिंग में निवेश नहीं कर रहे हैं, तो टॉयलेट पेपर का मूल्य उस बांड से अधिक है. एक अच्छा वकील हायर करें और कानूनी नोटिस दें.'

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