सुबह 6 बजे की शिफ्ट की जानकारी देने को सीनियर ने रात 1:30 बजे लगाया फोन, नेटिजन्स ने कंपनी को बताया 'टॉक्सिक'

एक सपोर्ट इंजीनियर ने रेडिट परअपना एक्सपीरियंस शेयर करते हुए बताया कि, उसके सीनियर ने रात के 1:30 बजे उसे कुछ बताने के लिए कॉल किया था, जिसे जानकर सोशल मीडिया यूजर्स भी हक्के बक्के रह गए.

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Viral Post: वेस्टर्न देशों की तरह भारत में भी कॉर्पोरेट कल्चर कॉमन होता जा रहा है. 9 घंटे की शिफ्ट करने वाले कॉर्पोरेट के लोग कई बार अपना ही मजाक उड़ाते हुए खुद को कॉर्पोरेट मजदूर कह डालते हैं. टाइट और लंबे वर्किंग शेड्यूल के अलावा इमरजेंसी और अचानक लगाई गई नाइट शिफ्ट के चक्कर में कई बार वर्किंग प्रोफेशनल्स काफी परेशान भी हो जाते हैं. एक सपोर्ट इंजीनियर ने रेडिट पर कुछ इसी तरह का एक्सपीरियंस शेयर किया है. इंजीनियर ने बताया कि, उसके सीनियर ने रात के 1:30 बजे उसे यह बताने के लिए कॉल किया कि 5 घंटे से भी कम समय के अंदर उसे काम पर जाना होगा.

आधी रात को किया कॉल (toxic work culture)

विनीत पाटिल ने बताया कि जब उसके सीनियर ने आधी रात को उन्हें कॉल किया तो वह गहरी नींद में सो रहे थे, जिस वजह से कॉल मिस हो गया. सीनियर ने उन्हें 5 घंटे से भी कम समय के अंदर शिफ्ट में हुए बदलाव के बारे में जानकारी देते हुए काम पर आने के लिए फोन लगाया था.

विनीत ने रेडिट पोस्ट में लिखा, "कल रात मुझे मेरे वरिष्ठ सहकर्मी ने फोन करके बताया कि, मुझे सुबह 6 बजे ऑफिस ज्वाइन करना है और मेरी शिफ्ट 7:30 बजे शुरू होती है (पीएस मैं एक सपोर्ट इंजीनियर के रूप में काम करता हूं). मैंने फोन नहीं उठाया, क्योंकि जब कॉल आया तब मैं सो रहा था. मोबाइल मेरे पास था फिर भी मुझे तब तक पता नहीं चला कि मुझे कॉल आया है, जब तक मैं 6 बजे उठा और मैंने अपना मोबाइल चेक किया और इसके बाद सोचने लगा कि परिणाम क्या होंगे."

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लोगों ने कंपनी को बताया 'टॉक्सिक' (engineer gets calls from senior to report at 6)

यह पोस्ट काफी तेजी से वायरल हो गया, जिसके बाद नेटिजन्स ने कंपनी को टॉक्सिक करार दिया. पोस्ट पर कमेंट करते हुए एक यूजर ने लिखा, "हास्यास्पद! रात 1:30 बजे वह आपको सुबह 6 बजे शामिल होने के लिए सूचित करना चाहता है. क्या यह किसी प्रकार का गैर-पेशेवर व्यवहार है? मैं इसकी रिपोर्ट प्रोजेक्ट मैनेजर को दूंगा, लेकिन मैत्रीपूर्ण लहजे में."

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रेडिट पोस्ट पर कमेंट करते हुए दूसरे यूजर ने लिखा, "चिंता मत करो, कुछ नहीं होगा. प्रोजेक्ट लीड या किसी को बताने के बारे में लोग क्या कह रहे हैं उस पर ध्यान मत दो. भारत में चीजें उस तरह से काम नहीं करती हैं. यहां केवल बहाने काम करते हैं, अन्यथा व्यक्ति के इगो को ठेस पहुंचती है, इसीलिए करीब 9 बजे जाओ और मुस्कुराते हुए माफी मांगते हुए कहो कि, जब आपने फोन किया तो मैं सो रहा था, 8 बजे उठा और फिर आपका मैसेज देखा तो भागकर अंदर आ गया."

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