एक फ्रेंच व्यक्ति (French Man) ने अपना सपना पूरा करने के लिए पूरे आठ साल मेहनत की. लेकिन उसका सपना चकनाचूर होने में 8 मिनट का समय भी नहीं लगा. उनकी एक छोटी सी गलती उनके ही सपने के साकार होने के बीच में रोड़ा बन गई. इस शख्स ने पूरी जी जान लगाकर पूरी मेहनत से 'एफिल टॉवर' बनाया. इस उम्मीद से कि उसकी इस मेहनत का सिला उसे गिनीज बुक में नाम दर्ज होने के रूप में मिलेगा. लेकिन उसकी ही एक गलती ने उसकी मेहनत पर पानी फेर दिया और गिनीज बुक (Guinness World Record) ने उसे रिकॉर्ड मानने से इंकार कर दिया.
23.6 फीट ऊंचा एफिल टॉवर
इस फ्रेंच मैन का नाम है रिचर्ड प्लॉड. जिन्होंने पूरे आठ साल तक माचिस की तीलियां जोड़ जोड़कर एफिल टॉवर (Eiffel Tower) बनाया. जिसकी ऊंचाई है 23.6 फीट. बीबीसी के मुताबिक इस काम के लिए उन्होंने 7 लाख से ज्यादा माचिसों को एक साथ जोड़ा. लेकिन गिनीज बुक ने इस मेहनत को रिकॉर्ड नहीं माना. प्लॉड ने इस बारे में फेसबुक अकाउंट से एक पोस्ट भी साझा की. आउटलेट के मुताबिक उन्होंने इस पोस्ट मे लिखा कि उनका सपना टूट गया. उन्होंने ये भी लिखा कि गिनीज बुक ने बिना देखे ही अपना फैसला सुना दिया. उन्होंने बताया कि गिनीज बुक ने उन्हें कहा कि माचिस वही होना चाहिए जो बाजार में उपलब्ध होती है. उन्हें इस तरह तोड़ा या बदला नहीं जा सकता कि वो माचिस जैसी दिखना ही बंद हो जाए. प्लॉड ने ये भी कहा कि ये उनके लिए बड़ी निराशा वाला पल है.
क्या हुई गलती?
प्लॉड ने इस एफिल टॉवर को बनाने के लिए सात लाख माचिस की तीलियों सहित 23 किलो ग्लू का भी इस्तेमाल किया. पिछले साल 27 दिसंबर को उनका ये एफिल टॉवर बन कर तैयार हुआ. ये एफिल टॉवर बनाते समय उन्हें लगा कि माचिस का सल्फर निकालते निकालते बहुत समय निकल जाएगा. इसलिए उन्होंने एक मेन्युफेक्चरर से संपर्क किया और बिना सल्फर वाली माचिस बनाने के लिए कहा. उन्हें वैसी माचिस मिल भी गई. जिसमें आगे का जलने वाला हिस्सा नहीं था. यही गलती उनसे हो गई. क्योंकि गिनीज बुक में साफ लिखा है कि माचिस को माचिस जैसा ही दिखना चाहिए. बता दें कि 6 लाख माचिस की तीलियों से एफिल टॉवर बनाने का रिकॉर्ड लेबनान के तौफीक दहर के नाम दर्ज है.