भारतीय पर्वतारोही अनुराग मालू के रेस्क्यू का खतरनाक Video आया सामने, देखकर खड़े हो जाएंगे रोंगटे

34 वर्षीय अनुराग मालू 8,000 मीटर से ऊपर की सभी 14 चोटियों और सभी सात महाद्वीपों में सात उच्चतम बिंदुओं पर चढ़ने के मिशन पर हैं ताकि जागरूकता पैदा की जा सके और संयुक्त राष्ट्र वैश्विक लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में कार्रवाई की जा सके.

विज्ञापन
Read Time: 10 mins

भारतीय पर्वतारोही अनुराग मालू के रेस्क्यू का खतरनाक Video आया सामने

भारतीय पर्वतारोही अनुराग मालू (Indian climber Anurag Maloo), जो पिछले सप्ताह नेपाल के माउंट अन्नपूर्णा (Mount Annapurna) से नीचे उतरते समय लापता हो गए थे, वह सही सलामत मिले हैं. और अब उनके रेस्क्यू अभियान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है.

वीडियो में प्रसिद्ध पर्वतारोही एडम बेलेकी (Polish climber Adam Bielecki) को अन्नपूर्णा पर्वत की गहरी दरार से अनुराग मालू को बचाते हुए दिखाया गया है.

एवरेस्ट टुडे ने एक ट्वीट में कहा, 8,000 मीटर की चोटियों पर विशेष ध्यान देने के साथ हिमालय और काराकोरम पर पर्वतारोहण को कवर करते हुए, "अन्नपूर्णा I (8091 मीटर) पर क्रेवास से अनुराग मालू को बचाने में आपकी अविश्वसनीय बहादुरी और विशेषज्ञता के लिए धन्यवाद. अनुराग मालू को क्रेवास से बचाने में आपकी मदद किसी असंभव चीज से कम नहीं है. आपका सम्मान." 

देखें Video:

17 अप्रैल को उतरते समय भारतीय पर्वतारोही अनुराग मालू के नीचे गिर जाने के बाद एडम बेलेकी और उनके दोस्त जमीनी खोज और बचाव दल का हिस्सा थे. छांग दावा के नेतृत्व में 6 शेरपा पर्वतारोहियों की एक टीम ने गुरुवार सुबह उसे लगभग 300 मीटर गहरी दरार में पाया.

सेवन समिट ट्रेक्स के महाप्रबंधक थानेश्वर गुरगैन ने कहा, "उनका स्वास्थ्य बहुत नाजुक है. डॉक्टर उनकी देखभाल कर रहे हैं."

माउंट अन्नपूर्णा, समुद्र तल से 8,091 मीटर ऊपर खड़ा है, दुनिया का दसवां सबसे ऊँचा पर्वत है और इसे K2 और नंगा पर्वत के साथ शिखर तक पहुँचने वाली सबसे कठिन चोटियों में गिना जाता है.

Advertisement

34 वर्षीय मालू, जागरूकता पैदा करने और संयुक्त राष्ट्र वैश्विक लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में कार्रवाई करने के लिए सभी सात महाद्वीपों में 8,000 मीटर से ऊपर की सभी 14 चोटियों और सात उच्चतम बिंदुओं पर चढ़ने के मिशन पर हैं. उन्हें REX करम-वीर चक्र से सम्मानित किया गया है और वे भारत से 2041 अंटार्कटिक युवा राजदूत बने हैं.

गोंडा: गरीब बच्चों के लिए पेड़ के नीचे चलती है 'सिपाही सर' की पाठशाला