IAS ऑफिसर ने अंग्रेजी लिखने में कर दी भारी मिस्टेक, सोशल मीडिया पर हुए ट्रोल, लोग बोले- देश का क्या होगा

एक आईएएस ऑफिसर के अंग्रेजी वाक्य में मामूली गलती से सोशल मीडिया पर बवाल मच चुका है.

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IAS ऑफिसर ने अंग्रेजी वाक्य में कर दी भारी मिस्टेक, पोस्ट वायरल

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने हाल ही में रिजल्ट की घोषणा की है. इस बीच एक आईएएस ऑफिसर ने भी अपने यूपीएससी रिजल्ट का अनुभव सोशल मीडिया पर शेयर किया है. इस आईएएस ऑफिसर ने अपने पोस्ट में कुछ ऐसी गलती कर दी है, जिसके बाद यह सोशल मीडिया पर लोगों के निशाने पर आ गया है. एक्स हैंडल पर वायरल राम प्रकाश नामक आईएएस ऑफिसर के पोस्ट ने लोगों को बोलने पर मजबूर कर दिया है. आईएएस ऑफिसर ने 27 अप्रैल 2018 को यूपीएससी क्लियर किया था और हाल ही में आए यूपीएससी 2025 के रिजल्ट पर अपना अनुभव शेयर किया था.

आईएएस ऑफिसर ने की अंग्रेजी वाक्य में गलती  (IAS officer Grammatical Mistake)

आईएएस राम प्रकाश ने अपने पोस्ट में लिखा है, 'मैंने 27 अप्रैल 2018 में यूपीएससी क्लियर किया था, रात के 8 बजे थे, आज पूरे 7 साल हो चुके हैं, मैंने इस बारे में अपनी फैमिली को एक घंटे तक नहीं बताया था'. अपने इस पोस्ट में आईएएस ने क्या गलती की है जानिए. आईएएस ने अंग्रेजी में लिखा 'आई डिन्ट टोल्ड एनीवन' (I Didnt told anyone), जबकि आई डिन्ट 'टोल्ड' नहीं बल्कि 'टेल' होना चाहिए'. (I didn't tell). आईएएस की इस ग्रामेटिकल मिस्टेक पर अब लोगों उन्हें घेर लिया और उनका यह वाक्य ठीक किया है. इसके बाद खुद आईएएस राम प्रकाश ने भी अपनी गलती को स्वीकारा है.

अंग्रेजी में गलती पर लोगों के रिएक्शन (UPSC goes viral for incorrect English)

वहीं, एक यूजर ने आईएएस का पोस्ट शेयर कर कैप्शन में लिखा है, 'मैं जानता हूं, अंग्रेजी हमारी प्राथमिक भाषा नहीं हैं, लेकिन हमारे के देश के आईएएस ऑफिसर का ऐसा लेवल होगा तो देश का क्या होगा'. अब इस पर लोग तरह-तरह के रिएक्शन दे रहे हैं. इस पर एक यूजर ने लिखा है, 'वह एक आईएएस ऑफिसर है, ना कि अंग्रेजी टीचर, यहां तक कि हमारे देश के प्रधानमंत्री को भी अंग्रेजी नहीं आती है, ब्रिटिशर के गुलाम न बने देशों के सभी मूल निवासी इस श्रेणी में नहीं आते, इनका मजाक बनाना बंद करें'.

सोशल मीडिया पर लोगों में छिड़ी जंग  (IAS officer's post on cracking UPSC)
बहस तब और बढ़ गई जब एक अन्य यूजर ने कहा, 'यहां तक कि सिविल सेवा का कॉन्सेप्ट भी औपनिवेशिक है, अब समय आ गया है कि हम इस प्रक्रिया से छुटकारा पाएं'. इस कमेंट ने भारत की सिविल सेवाओं के औपनिवेशिक इतिहास पर प्रकाश डाला और आलोचकों ने तर्क दिया कि ब्रिटिश-प्रभावित प्रणाली पुरानी हो चुकी है और अब यह आधुनिक भारत की जरूरतों को पूरा नहीं करती है.

कुछ लोगों ने किया सपोर्ट (IAS officer's post Viral)

आईएएस ऑफिसर की इस ग्रामेटिकल मिस्टेक ने भारत की शैक्षिक और नौकरशाही प्रणाली में अंग्रेजी के भूमिका पर बड़ी बहस को जन्म दे दिया है. एक यूजर ने कहा, 'जब तक हम समझ सकते हैं, तब तक यह ठीक है, कई आईएएस अधिकारियों ने परीक्षा के दौरान भी अपनी मातृभाषा का अध्ययन किया'. आईएएस ऑफिसर के बचाव में कुछ लोगों ने कहा कि ध्यान उसकी योग्यता और क्षमताओं पर होना चाहिए, न कि उसकी मामूली भाषाई गलतियों पर'.

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