हे भगवान...कर्नाटक के राघवेंद्र स्वामी मठ में भक्तों ने चढ़ाए 3.48 करोड़ रुपये, 1 किलो चांदी और सोना

हाल ही में कर्नाटक के रायचूर में एक मंदिर में कुल 3,48,69,621 रुपये नकद, 32 ग्राम सोना और 1.24 किलोग्राम चांदी दान की गई है. सोशल मीडिया पर इस चढ़ावे से जुड़ा यह वीडियो जमकर वायरल हो रहा है.

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कर्नाटक के राघवेंद्र स्वामी मठ में आस्था का सैलाब, 3.48 करोड़ नकद, 1 किलो चांदी और सोने का भव्य दान

Karnataka Raghavendra Swamy Mutt RS 3.48 Crore Cash: सोशल मीडिया पर इन दिनों कर्नाटक का एक मंदिर खूब सुर्खियां बटोर रहा है. इस खबर के चर्चा में रहने की वजह है इस मंदिर को मिला दान. दरअसल, कर्नाटक के रायचूर में एक मंदिर में कुल 3,48,69,621 रुपये नकद, 32 ग्राम सोना और 1.24 किलोग्राम चांदी दान की गई है. यही वजह है कि, सोशल मीडिया पर इस चढ़ावे से जुड़ा यह वीडियो जमकर वायरल हो रहा है. वायरल हो रहे इस वीडियो में देखा जा सकता है कि, कैसे सौ से ज़्यादा पुजारी राघवेंद्र स्वामी मठ में दान की गई राशि को गिनती नजर आ रहे हैं.

भक्तों की आस्था और दान की अनूठी परंपरा (Raghavendra Swamy Mutt)

कर्नाटक के फेमस राघवेंद्र स्वामी मठ में हाल ही में दान के रूप में भारी मात्रा में नकदी और बहुमूल्य धातु प्राप्त हुई. रिपोर्ट के अनुसार, भक्तों ने 3,48,69,621 रुपये नकद, 1 किलोग्राम चांदी और 32 ग्राम सोना मंदिर में चढ़ावे के रूप में अर्पित किए. राघवेंद्र स्वामी मठ कर्नाटक के मंत्रालय मठ, मण्ट्रालयम में स्थित है और यह भक्तों के लिए आस्था का केंद्र माना जाता है. यह मंदिर हर साल हजारों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है, जो यहां अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए आते हैं और अपनी श्रद्धा के अनुसार दान देते हैं. इस साल भी श्रद्धालुओं ने अपने विश्वास और भक्ति का परिचय देते हुए मंदिर को नकदी और कीमती धातुओं के रूप में अपार दान दिया.  

दान की गणना और प्रशासन की प्रतिक्रिया (Cash Donation)  

मठ प्रशासन द्वारा दान की गिनती पूरी होने के बाद 3.48 करोड़ रुपये नकद, 1 किलो चांदी और 32 ग्राम सोने की कुल राशि दर्ज की गई. मठ के अधिकारियों ने बताया कि यह दान भक्तों की गहरी आस्था और भक्ति को दर्शाता है. मंदिर प्रशासन ने सभी दानदाताओं के प्रति आभार व्यक्त किया और बताया कि यह राशि धार्मिक गतिविधियों और समाजसेवा के कार्यों में खर्च की जाएगी. बता दें कि पिछले साल, यूनाइटेड किंगडम के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति ने भी बेंगलुरु में राघवेंद्र स्वामी मठ का दौरा किया था. यही नहीं इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति और राज्यसभा सदस्य सुधा मूर्ति भी अपनी बेटी और दामाद के साथ मठ में आए थे.

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मठ में दान का महत्व (Daan at Karnataka Temple)

राघवेंद्र स्वामी मठ में मिलने वाले दान का उपयोग मंदिर की देखभाल, गरीबों की मदद, धार्मिक उत्सवों और भंडारों के आयोजन में किया जाता है. मंदिर प्रशासन का कहना है कि दान की यह राशि धार्मिक और समाज सेवा कार्यों में सहायक होगी. जब से यह खबर सामने आई है, सोशल मीडिया पर इसकी चर्चा जोरों पर है. कई लोगों ने इसे भारत में धार्मिक स्थलों पर भक्तों की अटूट आस्था का प्रतीक बताया है. राघवेंद्र स्वामी मठ में भक्तों द्वारा चढ़ाए गए इस भारी दान ने एक बार फिर दिखा दिया कि भारतीय संस्कृति में धर्म और आस्था कितनी गहराई से जुड़ी हुई है.

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