YouTube वीडियो देखने से लेकर अपने दिमाग को भूखमरी से हटाने के लिए खुद एक लोकप्रिय YouTuber बनने तक, इसाक मुंडा (Isak Munda) की प्रसिद्धि की कहानी किसी प्रेरणादायक कहानी से कम नहीं है. ओडिशा के संबलपुर (Odisha's Sambalpur) जिले के एक आदिवासी व्यक्ति श्री मुंडा कभी दिहाड़ी मजदूर थे, जिन्होंने पिछले साल ही वीडियो बनाना शुरू किया था. News18 के मुताबिक, लॉकडाउन के कारण काम खत्म होने के बाद उन्होंने मार्च 2020 में YouTube वीडियो बनाना शुरू करने का फैसला किया.
फूड ब्लॉगर्स से प्रेरित होकर, श्री मुंडा ने उबले हुए चावल और करी खाते हुए खुद का एक वीडियो बनाने का फैसला किया. वीडियो प्लेटफॉर्म पर हिट हो गया और अब तक इसे आधा मिलियन से ज्यादा बार देखा जा चुका है. इसमें दिखाया गया है कि 35 वर्षीय व्यक्ति चावल, सांभर, एक टमाटर और हरी मिर्च खाने खाता है. वीडियो बनाने के लिए मुंडा को सबसे पहले स्मार्टफोन खरीदने के लिए 3 हजार का कर्ज लेना पड़ा.
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इसाक मुंडा ने कहा, "मैंने वीडियो बनाने के लिए अपना पहला छोटा स्मार्टफोन खरीदने के लिए 3 हजार का कर्ज लिया था." उन्होंने कहा, "मैं अपने गरीब घर और गांव में जीवन के बारे में वीडियो बनाता हूं, जिसमें दिखाया गया है कि हम क्या और कैसे खाते हैं. मुझे खुशी है कि मेरे वीडियो को बहुत से लोग पसंद कर रहे हैं. मैं अब अच्छी कमाई कर रहा हूं."
इसाक मुंडा के आज अपने चैनल 'इसाक मुंडा ईटिंग' पर 7 लाख से अधिक YouTube सब्सक्राइबर्स हैं. उनके ज्यादातर वीडियो स्थानीय स्वाद और क्षेत्रीय व्यंजन दिखाते हैं - साधारण, रोज़मर्रा का भोजन जो मजदूर को लखपति बनाने में कामयाब रहा है.
मुंडा ने ओडिशा टीवी को बताया, "अगस्त 2020 में, मुझे YouTube से 5 लाख रुपए की आय प्राप्त हु." उन्होंने कहा, "मैंने पैसों से घर बनाया है और अपने परिवार को आर्थिक संकट से उबारा है. मैंने अपनी क्षमता के अनुसार जरूरतमंद लोगों की मदद करने का भी फैसला किया है."
लेकिन, श्री मुंडा का एकमात्र उद्देश्य YouTube वीडियो से पैसा कमाना नहीं है. उन्होंने कहा, "मैं अपनी स्थानीय परंपराओं और इसके नकारात्मक प्रभावों के बारे में लोगों के बीच जागरूकता पैदा करना चाहता हूं. मुझे खुशी है कि अब मैं मजदूर के रूप में दिहाड़ी मजदूरी की तलाश नहीं कर रहा हूं."