लाइफ में नौकरी हो या बिजनेस, आपकी समझदारी ही ये साबित करती है कि आप कितने होशियार हैं. जब आप किसी नौकरी के लिए इंटरव्यू देते हैं, तो आपका एक जवाब आपके इंटरव्यू और सारी मेहनत पर पानी फेर सकता है. जी हां, ये जवाब देकर आप कंपनी को खुद को रिजेक्ट करने का मौका दे रहे हैं. कंज्यूमर टेक्नोलॉजी एसोसिएशन के सीईओ गैरी शापिरो ने इस बारे में एक बात कही है, जो इन दिनों लोगों का खूब ध्यान खींच रही है.
2 सप्ताह से कम में जॉइन करने की बात ना करें
शापिरो ने कहा कि, आमतौर पर कुछ लोग इंटरव्यू के दौरान नई नौकरी पर काम शुरू करने की डेडलाइन की बात होने पर उत्साहित हो जाते हैं. ऐसे में जब कंपनी पूछती है कि, आप कब से काम शुरू कर सकते हैं..तो वो तुरंत या कल जैसी बात करते हैं. उनको लगता है कि उनके ऐसा करने पर कंपनी खुश हो जाएगी, जबकि ऐसा नहीं है, ऐसा कहने पर कंपनी आपको शक के घेरे में लाकर आपको रिजेक्ट कर सकती है. शापिरो कहते हैं कि, उम्मीदवार को काम शुरू करने की डेडलाइन दो सप्ताह से कम की नहीं देनी चाहिए. अगर उम्मीदवार दो सप्ताह से कम की डेडलाइन की बात करता है, तो कंपनी की नजर में वो गैर जिम्मेदार और गैर पेशेवर होता है. कंपनी सोचती है कि अगर वो इतने कम समय में यहां जॉइन कर रहा है तो वो पिछली कंपनी के काम की चिंता नहीं कर रहा है. ऐसे में कंपनी को डर रहता है कि वो यही रवैया नई कंपनी के साथ भी अपना सकता है.
'नौकरी बदलना प्रोफेशनल रवैये को दिखाता है'
शापिरो कहते हैं कि अपने पिछले कामकाज के सही हेंडओवर और पिछली कंपनी के साथ सभी कामकाज पूरे होने के बाद जॉइन करने की बात करने वाले उम्मीदवार जल्दी पास होते हैं. नई कंपनी उन्हें जिम्मेदार मानती है. उन्होंने कहा कि एक नियोक्ता होने के कारण मैं खुद चाहता हूं कि कोई कर्मचारी अपनी पिछली कंपनी के प्रति भी प्रतिबद्ध हो. भले ही वो नई कंपनी जॉइन करे, लेकिन अपने किसी भी नियोक्ता को परेशान और निराश ना करे. उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति का नौकरी छोड़ना और बदलना उनके प्रोफेशनल रवैये और चरित्र को जाहिर करता है. कंपनी नौकरी पर रखते हुए ऐसे लोगों को प्रायोरिटी देती है, जो अपने पिछले काम को पूरा करके और पिछली कंपनी को पर्याप्त सूचना देकर काम छोड़ते हैं.
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