हर्ष गोयनका ने ट्वीट कर समझाया सच्चे दोस्त कितने होते हैं? यूजर्स ने दिए कमाल के रिएक्शन

आरपीजी एंटरप्राइजेज के चेयरमैन हर्ष गोयनका ने 23 मई को अपने ट्विटर हैंडल से दोस्ती को लेकर एक पोस्ट शेयर किया है, जो लोगों को खूब पसंद आ रहा है.

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हर्ष गोयनका ने आसान तरीके से समझाई दोस्ती की परिभाषा

बिजनेसमैन हर्ष गोयनका सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं, यही वजह है कि, उनके ट्वीट आए दिन इंटरनेट पर सुर्खियां बटोरते हुए चर्चा का विषय बने रहते हैं. कभी उनके कुछ पोस्ट दिल को छू जाते हैं, तो कभी कुछ पोस्ट सोचने पर मजबूर कर देते हैं. हाल ही में उनका एक और ट्वीट धड़ल्ले से वायरल हो रहा है, जिसमें वह जिंदगी से जुड़ी खास बात पर लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच रहे हैं. इस बार बिजनेसमैन हर्ष गोयनका ने दोस्ती को लेकर एक पोस्ट शेयर किया है, जो लोगों को खूब पसंद आ रहा है.

हर्ष गोयनका के इस पोस्ट पर यूजर्स की राय

दरअसल, सोशल मीडियाप्लेटफॉर्म प्लेटफॉर्म पर आरपीजी एंटरप्राइजेज के चेयरमैन हर्ष गोयनका ने 23 मई को अपने ट्विटर हैंडल से एक पोस्ट शेयर किया है. पोस्ट क शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा गया है, 'मुझे इस बात का एहसास हुआ है कि, जैसे-जैसे मैं बूढ़ा होता जा रहा हूं, मुझे बहुत सारे दोस्तों की जरूरत नहीं है. मेरे पास जो कुछ अच्छे दोस्त हैं, मैं उससे खुश हूं.' उनके इस ट्वीट को अब तक 25 हजार से ज्यादा लोग देख चुके हैं, जबकि 8 सौ से ज्यादा लोगों ने इस पोस्ट को लाइक किया है.

यहां देखें पोस्ट

हर्ष गोयनका ने बताई दोस्ती की परिभाषा

आज ही कुछ घंटों पहले शेयर किए गए इस पोस्ट पर सोशल मीडिया यूजर्स अपनी तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. पोस्ट में एक तस्वीर नजर आ रही है, जिसमें अंगूर के दो गुच्छे दिखाई दे रहे हैं. ध्यान से देखेंगे तो पता चलेगा कि, एक गुच्छे में तो कई सारे अंगूर हैं, जिसके सामने लिखा गया है, जब मैं 15 साल का था तब मेरे दोस्त. वहीं इसके उल्ट दूसरे गुच्छे पर सिर्फ दो अंगूर नजर आ रहे हैं, जिसके आगे लिखा है, 'अब मेरे दोस्त.' इस तस्वीर को देखकर आप इसका अर्थ तो समझ ही गए होंगे. 

पोस्ट के कैप्शन ने खींचा पब्लिक का ध्यान

देखा जाए तो बात सही ही भी है, उम्र एक पड़ाव पर जब आप कई दोस्तों से घिरे रहते हैं. वहीं आगे चलकर जब बुढ़ापे की तरफ कदम बढ़ रहे होते हैं, तब बहुत कम ही लोग आसपास होते हैं. इस कमाल के पोस्ट पर यूजर्स तरह-तरह के रिएक्शन दे रहे हैं. एक यूजर ने लिखा, 'भीड़ नहीं चाहिए... सिर्फ दोस्त चाहिए.' दूसरे यूजर ने लिखा, 'अंगूर खट्टे हैं. वैसे दोस्ती और कितने दोस्त होने चाहिए? ' तीसरे यूजर ने लिखा, 'कम दोस्त हों, पर अच्छे और सच्चे हों.'

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