दुनिया की सबसे खतरनाक जगह पर छुट्टियां मनाना चाहता था छात्र, पहुंच गया अफगानिस्तान, फिर हुआ ये हाल...

तालिबान (Taliban) के अधिग्रहण से कुछ समय पहले छुट्टी मनाने के लिए अफगानिस्तान (Afghanistan) की यात्रा करने वाले एक ब्रिटिश छात्र (British student) को अब देश से निकाल लिया गया है.

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तालिबान (Taliban) के अधिग्रहण से कुछ समय पहले छुट्टी मनाने के लिए अफगानिस्तान (Afghanistan) की यात्रा करने वाले एक ब्रिटिश छात्र (British student) को अब देश से निकाल लिया गया है. मैनचेस्टर इवनिंग न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, 21 वर्षीय माइल्स रूटलेज ने कहा, कि वह "दुनिया की सबसे खतरनाक जगहों" के बारे में पता लगाना चाहते हैं. हालांकि, देश में तालिबान के विद्रोह ने उसे मंगलवार को वहां से निकाले जाने तक छिपने के लिए मजबूर कर दिया था.

बर्मिंघम (Birmingham) के माइल्स रूटलेज (Miles Routledge) शुक्रवार को अफगानिस्तान पहुंचे, जब तालिबान ने पहले ही कंधार और लश्कर गाह पर कब्जा कर लिया था और काबुल की ओर बढ़ रहे थे. 21 वर्षीय माइल्स, जिनकी यात्रा के लिए सोशल मीडिया पर बहुत आलोचना हुई, जो कि फेसबुक, ट्विच पर अफगानिस्तान में अपने समय से नियमित अपडेट पोस्ट कर रहा था.

मंगलवार को उन्होंने दुबई में अपने वहां से निकलने की फुटेज शेयर की, जिसमें उन्होंने कहा, कि एक ब्रिटिश सेना का विमान था. उसने लिखा, "सुखद अंत: दुबई में उतरा, ब्रिटिश सेना में शानदार लोगों को शुक्रिया. सभी सुरक्षित हैं!"

तब से उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स को साफ कर दिया गया है और सभी पोस्ट डिलीट कर दिए गए हैं. स्क्रीनशॉट जो अभी भी ऑनलाइन उपलब्ध हैं, दिखाते हैं कि माइल्स रूटलेज ने तस्वीरें साझा की थीं, उनके ठिकाने पर नियमित अपडेट, जिसमें वो हथियारों के साथ पोज देते हुए नजर आ रहे थे  और अफगानिस्तान में उनके द्वारा देखी गई जगहों की तस्वीरें भी हैं. उनका वहां से वापस निकलने का वीडियो भी काफी तेजी से शेयर किया गया है और ऑनलाइन फिर से पोस्ट किया गया है.

देखें Video:

रूटलेज ने बीबीसी को बताया, कि वहां से निकाले जाने के बाद वह "थक गए लेकिन राहत महसूस कर रहे थे".

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ब्रिटिश छात्र को अफगानिस्तान की यात्रा के लिए काफी ऑनलाइन आलोचना मिली है, जहां दो दशकों से ज्यादा समय से, अधिकारियों ने आवश्यक यात्रा के अलावा सभी को यात्रा न करने की सलाह दी थी.

माइल्स को वहां से निकाले जाने पर बहुत से लोग काफी नाराज हुए और सोशल मीडिया पर कमेंट्स करके अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. एक ट्विटर यूजर ने लिखा, "उसे वहां से निकालने के लिए प्राथमिकता क्यों दी गई? उसे देश की सेवा करने वाले ब्रिटिश नागरिकों और उनकी मदद करने वाले अफगानों के पीछे लाइन में सबसे पीछे होना चाहिए था."

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रूटलेज ने पहले दावा किया था कि वह अफगानिस्तान में फंसे हुए थे और संयुक्त राष्ट्र के एक सुरक्षित घर में छिपे हुए थे. उनके दावे को संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता द्वारा सत्यापित नहीं किया जा सका. लॉफबोरो विश्वविद्यालय के भौतिकी के छात्र ने यह भी कहा, कि देश में स्थिति खराब होने के कारण उन्हें काबुल हवाई अड्डे पर भागने के लिए बुर्का पहनने के लिए मजबूर किया गया था.

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रविवार शाम को तालिबान द्वारा काबुल पर अपना कब्ज़ा करने के बाद अफगानिस्तान की निर्वाचित सरकार गिर गई. राजधानी काबुल पर कब्जा करने के बाद से तालिबान ने मंगलवार को अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में शांति, समृद्धि का वादा किया और महिलाओं के काम पर प्रतिबंध लगाने के पिछले नियमों से हटते हुए दिखाई दिए, लेकिन लोग फिर भी सावधान हैं.

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