जब शार्दुल कदम ने कहा कि वह अपनी शादी के दिन मंगलसूत्र पहनेंगे, तो सभी हैरान रह गए. मंगलसूत्र एक पवित्र धागा है जो परंपरागत रूप से दूल्हे द्वारा अपनी शादी के दिन दुल्हन के गले में बांधा जाता है. ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे से बात करते हुए शार्दुल ने कहा, 'फेरे के बाद जब तनुजा और मैंने एक दूसरे को मंगलसूत्र पहनाया, तो मैं बहुत खुश था.' उन्होंने बताया कि उन्होंने यह फैसला क्यों किया और कैसे इस फैसले से कपल को ट्रेलिंग का सामना करना पड़ा.
शार्दुल और तनुजा की मुलाकात कॉलेज में हुई, हालाँकि उनकी प्रेम कहानी ग्रेजुएट होने के चार साल बाद शुरू हुई. शार्दुक ने कहा, 'हम सबसे अप्रत्याशित तरीके से फिर से जुड़े. मैंने इंस्टाग्राम पर हिमेश रेशमिया का एक गाना शेयर किया. साथ ही कैप्शन में लिखा - 'टॉर्चर' जिस पर तनुजा ने रिप्लाई किया, 'महा टॉर्चर.' उसके बाद हमारी बातचीत शुरू हो गई.'
जब वे कुछ हफ्तों के बाद चाय के लिए मिले और फेमिनिस्ट के बारे में बात करने लगे, तो शार्दुल ने खुद को "कट्टर फेमिनिस्ट" घोषित कर दिया. वह कहते हैं, 'उसने मुझे देखा जैसे कि उसने मुझसे ऐसा कहने की उम्मीद नहीं की थी.'
शार्दुल और तनुजा ने एक साल तक एक दूसरे को डेट किया और फिर अपने परिवार को बताया, जिसको सुनकर वो काफी रोमांचित थे. सितंबर 2020 में, कोरोनावायरस महामारी की पहली लहर थम गई, तो उन्होंने अपनी शादी की योजना बनाना शुरू कर दिया.
शार्दुल ने ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे को बताया, 'तभी मैंने तनुजा से कहा, 'ऐसा क्यों है कि केवल एक लड़की को मंगलसूत्र पहनना पड़ता है? इससे कोई सेंस बनता है? हम दोनों एक समान है. इसलिए मैंने घोषणा करते हुए कहा कि शादी के दिन मैं भी तु्म्हारे साथ मंगलसूत्र पहनूंगा.'
उनके माता-पिता आश्चर्यचकित थे और रिश्तेदारों ने उनके फैसले पर सवाल उठाया, तो शार्दुल ने कहा कि उनके लिए मंगलसूत्र पहनना समानता का प्रतिनिधित्व करता है. साथ ही उन्होंने कहा, 'शादी की सारी लागत लड़की के परिवार वाले लगाते हैं. लेकिन मैं तनुजा के परिवार से मिला और कहा कि शादी दोनों के पैसों से होगी.'
उनकी शादी से एक दिन पहले, तनुजा ने उनसे पूछा कि क्या वह शादी के बाद भी मंगलसूत्र पहनेंगी - और शार्दुल ने कहा कि वह करेंगे. उनकी शादी आसानी से हो गई. शार्दुल ने मंगलसूत्रों के आदान-प्रदान का जिक्र करते हुए कहा, "भले ही कुछ पुरुष रिश्तेदार इससे खुश नहीं थे, लेकिन उन्होंने हमसे कुछ नहीं कहा."
हालांकि, अगले दिन, नवविवाहितों ने सोशल मीडिया पर हैरान करने वाली चीज देखी. लोगों ने उनको ट्रोल करना शुरू कर दिया. शार्दुल कहते हैं, 'एक डिजिटल अखबार ने हमारी कहानी को उठाया था.'
उन्होंने कहा, 'लोगों ने कमेंट करना शुरू कर दिया. एक यूजर ने लिखा, 'अब तुम साड़ी भी पहन लो.' एक ने तो कहा, 'क्या महीने में तुम्हें पीरियड्स भी होते हैं.' तीसरे यूजर ने लिखा, 'यह लिंग समानता का समर्थन करने का तरीका नहीं है''
शार्दुल कहते हैं कि उन्हें उम्मीद थी कि कुछ ट्रोलिंग उनके रास्ते में आएगी, लेकिन इस हद ने उन्हें चौंका दिया. वे कहते हैं, 'शुरुआत में तनुजा इससे काफी परेशान थीं, लेकिन अब शादी को चार महीने हो गए हैं. हमें कोई फर्क नहीं पड़ता.'
शार्दुल कॉनक्लूड करते हुए कहते हैं, 'क्योंकि तनुजा और मैं हमारे रिश्ते को किसी और से बेहतर परिभाषित कर सकते हैं; हम एक-दूसरे के काम का समर्थन करते हैं, एक-दूसरे के सपनों पर विश्वास करते हैं, और एक साथ इस यात्रा में हैं. इसलिए, कौन परवाह करता है कि दुनिया क्या सोचती है?'
शार्दुल और तनुजा की कहानी ने इंटरनेट पर धूम मचा दी है, इंस्टाग्राम पर 82,000 से अधिक 'लाइक' और फेसबुक पर हजारों लोगों ने उनकी तारीफ की है. एक फेसबुक यूजर ने लिखा, "आपके फैसले पर गर्व है और भगवान आपको बहुत ताकत और खुशी प्रदान करे.''
अन्य ने कहा, 'मैं दूल्हे की भावनाओं का सम्मान करता हूं. मुझे नहीं लगता कि उसने कुछ भी गलत किया है. उसने मंगलसूत्र को समानता के प्रतीक के रूप में पहना है और उसकी सोच को चित्रित किया है.'