हैदराबाद में जीदिमेटला इंडस्ट्रियल एस्टेट के पास के इलाके वेंकटाद्रि नगर के निवासी उस समय डर गए जब सड़कों पर लाल रंग का पानी बहता दिखा. एक मैनहोल से तरल पदार्थ बाहर निकलने लगा और सड़कों पर बहने लगा, जिससे ऐसा लग रहा था कि सड़क पर खून बह रहा है. सड़क पर बह रहे लाल रंग के इस तरल पदार्थ की दुर्गंध के कारण निवासियों को सांस लेने में मुश्किल हो रही थी. खून जैसे तरल पदार्थ से रंगी सड़कों वाले दृश्य का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक वहां के लोगों का कहना है कि, "घटना से पता चलता है कि क्षेत्र में औद्योगिक कचरे के निपटान की कोई निगरानी नहीं है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड या जीएचएमसी को इस कचरे को सड़क पर डंप करने के खिलाफ कड़े कदम उठाने होंगे. आसपास के क्षेत्र में कचरा प्रबंधन की उचित निगरानी होनी चाहिए.“
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कई निवासियों ने आरोप लगाया कि सीवेज सिस्टम में एक्सपायर्ड पेंट की अवैध डंपिंग से यह स्थिति पैदा हुई. हालांकि, हैदराबाद मेट्रोपॉलिटन वाटर सप्लाई एंड सीवरेज बोर्ड (HMWS&SB) ने उस दावे को खारिज कर दिया. कुथबुल्लापुर डिवीजन के एक जल बोर्ड अधिकारी ने आउटलेट को बताया, "स्थानीय सीवर नेटवर्क से ऐसे रंगीन पानी बहने की कोई पूर्व रिपोर्ट नहीं मिली है. इससे पता चलता है कि रासायनिक अपशिष्ट को सीधे सड़कों पर फेंक दिया गया था."
रिपोर्टों के अनुसार, स्थानीय लोगों ने दावा किया कि उद्योग पहले क्षेत्र में पहले से ही प्रदूषित नदी में कचरा फेंकते थे. कथित तौर पर निवासियों ने सरकार से अवैध डंपिंग की जांच करने की अपील की है. पिछले साल 2023 में, न्यूयॉर्क निवासी सीवरों से सड़कों पर हरे कीचड़ को बहते हुए देखकर हैरान रह गए थे. कथित तौर पर, यह ट्रेसिंग डाई थी, जिसका उपयोग अक्सर कम रोशनी वाली स्थितियों जैसे भूमिगत पाइप या सीवर में लीक का पता लगाने के लिए किया जाता था.
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