एक ही ट्रे में जूते और पर्सनल सामान, एयरपोर्ट की व्यवस्था पर पैसेंजर ने सोशल मीडिया पर उठाया सवाल

कभी-कभी कुछ जगहें भी उम्मीद पर खरी नहीं उतरती हैं और पैसेंजर्स को शिकायत का मौका मिल ही जाता है. ऐसा ही कुछ हुआ बेंगलुरु इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर, जिसकी शिकायत एक पैसेंजर ने सोशल मीडिया के जरिए दर्ज करवाई.

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Bengaluru Airport Luggage Tray: जब भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट या उससे जुड़े किसी स्टेशन की बात आती है तो सहूलियत, सुविधा और सफाई की दृष्टि से लोग एयरपोर्ट्स और मेट्रोज का चुनाव करते हैं. कहीं आना जाना हो तो बस स्टेशन और रेलवे स्टेशन के मुकाबले ये सारी जगहें ज्यादा हाइजीनक लगती हैं, लेकिन कभी-कभी ये जगहें भी उम्मीद पर खरी नहीं उतरती हैं और पैसेंजर्स को शिकायत का मौका मिल ही जाता है. ऐसा ही कुछ हुआ बेंगलुरु इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर, जिसकी शिकायत एक पैसेंजर ने सोशल मीडिया के जरिए दर्ज करवाई. आपको बताते हैं क्या है वो मामला जिस पर पैसेंजर को इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर हाइजीन की कमी नजर आई.

एक ही ट्रे में सबके शूज (bengaluru airport shoes tray)

बेंगलुरु इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एक शख्स ने नोटिस किया कि सभी लोग अपने शूज और पर्सनल आइटम रखने के लिए सेम ट्रे का उपयोग कर रहे हैं, जिसके बाद उन्होंने #HygiengeMattersBIAL के हैशटैग से ट्विटर पर ये जानकारी पोस्ट कर दी. ट्विटर पर निचानी आनंद नाम के ट्विटर हैंडल से पोस्ट किया गया, जिसमें लिखा गया कि जिस ट्रे में हम अपने गंदे जूते रख रहे हैं उसी ट्रे में हमें अपना पर्सनल सामान भी रखना पड़ रहा है. ये सही नहीं है. उन्होंने आगे लिखा कि, ये जरूरी है कि शूज और दूसरे आइटम्स के लिए डेडिकेटेड ट्रे होना जरूरी है, ताकि सारे पैसेंजर्स को अच्छा एक्सपीरियंस मिल सके. उन्होंने ये भी पूछा कि, मुझ से कौन-कौन सहमत है?

यहां देखें पोस्ट

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लोग कब समझेंगे? (bengaluru airport security check in)

उनके इस पोस्ट पर बहुत तेजी से लोगों ने रिएक्ट करना शुरू किया, जिसके चलते पोस्ट को बहुत कम समय में 35 हजार से ज्यादा व्यूज मिल चुके हैं. एक यूजर ने लिखा कि, 'मैं भी विकसित भारत 2047 के पक्ष में हूं, लेकिन पता नहीं लोग कब समझेंगे कि बेसिक हाइजीन बहुत जरूरी है.' इस पोस्ट पर बेंगलुरु एयरपोर्ट ने भी रिएक्ट किया है और लिखा कि, 'हमारे लिए हाइजीन और पैसेंजर एक्सपीरियंस टॉप प्रायोरिटी पर है, इसलिए हमनें एक्स रेज के पास ही डेडिकेटेड ट्रे रखवा दी हैं.'

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