देश का आईटी हब और मेट्रो सिटी बेंगलुरु में मोटी-मोटी सैलरी कमाने वाले प्रोफेशनल्स के लिए भी एक अच्छा लाइफस्टाइल जीना आसान नहीं रह गया है. बेंगलुरु में रहन-सहन को लेकर होने वाली समस्याएं आए दिन सोशल मीडिया पर डिस्कस होती रहती हैं. कभी बेंगलुरु के हैवी ट्रैफिक की बात होती है तो कभी यहां पीजी के बढ़ते किराए पर भी चर्चा होती है. आम लोगों के लिए बेंगलुरु में रहना अब आसान नहीं रह गया है. लोग यहां कि महंगाई और बढ़ती भीड़ से तंग आ चुके हैं. अब बेंगलुरु के एक शख्स के लिंक्डइन पोस्ट ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है. इस बेंगलुरु निवासी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया है और बताया है कि यहां रहना कितना दुभर हो चुका है.
बढ़ गया घरों का किराया (Bengaluru becoming unaffordable)
बेंगलुरु में स्टार्टअप मेंटर हरीश एएन ने अपने पोस्ट में बताया है कि देश की टेक कैपिटल में घर के किराए से लेकर दूध, पेट्रोल, डीजल आदि बहुत महंगे हो चुके हैं, लेकिन इनकम वहीं की वहीं है. हरीश ने अपने पोस्ट में आगे कहा, 'बेंगलुरु लगातार महंगा होता जा रहा है और यहां लोगों को अपनी कड़ी मेहनत की कमाई से हुई बचत को अब खर्च करना पड़ रहा है. यूटिलिटी कोस्ट में बढ़ोतरी के अलावा, हरीश ने संपत्तियों के बढ़ते किराए के बारे में भी लिखा, 'व्हाइटफील्ड या कोरमंगला में एक 2BHK का किराया अब 40,000 रुपये प्रति माह है, जो एक साल पहले 25,000 रुपये था'.
मिडिल क्लास पिस रहा है (Bengaluru Man's LinkedIn post)
हरीश ने बताया कि बेंगलुरु में यातायात जाम भी एक आम समस्या है, पीक ऑवर में कुछ किमी के लिए दो घंटे तक का समय लगता है और हेब्बल में तो ट्रैफिक अब आम हो गया है. हरीश ने आगे बताया कि इन कारकों के साथ-साथ वेतन में स्थिरता, टियर-2 और टियर-3 शहरों के युवा फ्रेशर्स पीजी के बढ़ते किराए, खाने के दाम और ट्रैवलिंग खर्च से जूझ रहे हैं. हरीश ने कहा कि ऑथोरिटीज को इस पर ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि मिडिल क्लास वाला इंसान पिस रहा है, आए दिन बढ़ती महंगाई और लिमिटेड इनकम ग्रोथ की वजह से यहां रहना अब आसान नहीं रह गया है.
लोगों ने सुझाए ये उपाय (Bengaluru common problems)
हालांकि, हरीश ने अपने पोस्ट में यह भी कहा कि यह बेंगलुरु का मौसम निवासियों को राहत देने वाला है. ऐसे में वित्तीय तनाव के बीच, बेंगलुरु का सुहावना मौसम ही लोगों को राहत पहुंचा रहा है, इसलिए लोगों का यहां से जाना मुश्किल हो जाता है. अब हरीश के पोस्ट पर लोगों के रिएक्शन आ रहे हैं. इस पर एक यूजर ने कहा, 'बिलकुल सही, मैं एक और बड़ा खर्च जोड़ना चाहूंगा, स्कूल फीस'. एक अन्य ने कहा, 'इस भयावह स्थिति का एकमात्र समाधान घर से काम करना है. कई अन्य यूजर्स ने खराब शहरी नियोजन और अनियंत्रित रियल एस्टेट विकास के कारण बढ़ते तापमान को भी जिम्मेदार ठहराया. एक ने लिखा है, 'भारत के सभी शहरों का एक समान विकास सबसे अच्छा समाधान है'. एक और ने लिखा, ' रिमोट वर्क को बढ़ावा देना, खासकर उनके लिए जो ऑनशोर टीमों के साथ सहयोग पर निर्भर हैं, वास्तव में शहर के भार को कम करने और चीजों को सामान्य के करीब लाने में मदद कर सकता है.