उद्योगपति आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra) ट्विटर पर काफी एक्टिव रहते हैं. वो मजेदार वीडियो और तस्वीरें शेयर कर, अपने फॉलोअर्स को इंटरटेन करते रहते हैं. इस बार आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra) ने अपने 8.4 मिलियन फॉलोअर्स के लिए एक तस्वीर शेयर की है और इससे पहचानने को कहा है. साथ ही उन्होंने हिंट दिया कि कोई भी इस तस्वीर को तुरंत नहीं पहचान पाएगा, लेकिन इसका नाम हर किसी की जुबान पर है. उन्होंने कहा, 'यह चीज क्या है.' जिसे लोग नाम से तो जानते हैं, लेकिन तस्वीर से नहीं पहचान पा रहे.
66 वर्षीय आनंद महिंद्रा की चुनौती को स्वीकार करें और छवि का पता लगाएं:
What is this ‘thing'?
— anand mahindra (@anandmahindra) May 13, 2021
—Whose picture no millennial will recognise right away
—Whose name every millennial will recognise today pic.twitter.com/CCCdD36wY8
गुरुवार शाम को पोस्ट किए जाने के बाद से तस्वीर पर कई कमेंट्स आए. कई ने ऑब्जेक्ट को 4 अक्टूबर, 1957 को सोवियत संघ द्वारा लॉन्च किए गए स्पुतनिक 1 उपग्रह के रूप में पृथ्वी के पहले कृत्रिम उपग्रह के रूप में पहचाना. अब, रूस ने COVID-19 के खिलाफ एक टीका विकसित किया है जिसका नाम Sputnik V है.
शायद यही वजह है कि महिंद्रा ने कहा कि ज्यादातर लोग नाम तो जानते होंगे लेकिन छवि को नहीं पहचानेंगे. ट्विटर उपयोगकर्ताओं ने हालांकि यहां धारणा को सफलतापूर्वक बदल दिया.
https://t.co/vOr0V6uxRx pic.twitter.com/pwogxHAj1L
— Neeraj Sharma (@Neeraj_Sharma_) May 13, 2021
— Kitanu (@AakhriKitanu) May 13, 2021
Something that stole the millions of years of monopoly of the Moon.
— Sudhanwa Pathak MBBS (@pathaksudh) May 13, 2021
— ALOK PANDEY (@alokspndy) May 13, 2021
स्पुतनिक 1 को "उपग्रह" के लिए रूसी शब्द के नाम पर रखा गया था. इसने अंतरिक्ष युग की शुरुआत की थी. स्पुतनिक 1 के प्रक्षेपण के दो महीने बाद, अमेरिका ने अपना पहला उपग्रह - वेंगार्ड टेस्ट व्हीकल 3 (टीवी 3) लॉन्च करने का प्रयास किया - लेकिन असफल रहा. स्पुतनिक 1 का वजन 83 किलोग्राम था और आज के अंतरिक्ष यान की तुलना में आकार में 23 इंच चौड़ा, काफी छोटा था.
1,50,000 Sputnik V का पहला बैच पहले ही भारत आ चुका है और सरकारी दवा नियामकों द्वारा सुरक्षा प्रोटोकॉल पूरा होने के बाद इसका रोलआउट जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है. रूसी टीके की घोषित प्रभावकारिता दर 91.6 प्रतिशत है और इसे 12 अप्रैल को भारत में आपातकालीन उपयोग के लिए अनुमोदित किया गया था, जब देश में कोविड-19 मामलों की दूसरी लहर चरम पर थी.
दैनिक मामले अभी भी 3 लाख से ऊपर हैं, लेकिन पिछले दो दिनों के आंकड़ों से पता चला है कि वायरस फैल रहा था. सरकारी विशेषज्ञों ने लोगों को सलाह दी है कि वे वायरस को हल्के में न लें और नियमों का सख्ती से पालन करें.