खुद को विपरीत परिस्थितियों में जिंदा रखने के लिए और कभी-कभी प्रकृति से जूझने के लिए जानवर भी तरह-तरह की तरकीब लगाते हैं. जमे हुए बर्फीले पानी में खुद को जीवित रखने के लिए जुगाड़ लगाते एक घड़ियाल (Alligator) का वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे घड़ियाल ठंडे तापमान में अपनी एनर्जी बचाते हैं. फुटेज में घड़ियाल को दम घुटने से बचने के लिए जमे हुए तालाब की बर्फ से अपनी नाक को बाहर करते हुए देखा जा सकता है. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार घड़ियाल को अमेरिका के उत्तरी कैरोलिना में ओशन आइल बीच के पास एक पर्यटक आकर्षण और मगरमच्छ अभयारण्य, स्वैम्प पार्क में विशाल तालाब के आकार के बर्फ के टुकड़ों के अंदर "जमा हुआ" देखा गया था.
सांस लेने के लिए नाक रखी बाहर
वीडियो में मगरमच्छ के थूथन और सामने के दांत बर्फ की सतह के ऊपर दिखाई देते हैं, जिससे वह सांस ले पाता है. बचाए गए घड़ियालों की देखभाल करने वाले द स्वैम्प पार्क ने फेसबुक पर घड़ियाल की एक क्लिप पोस्ट की. शेयर किए जाने के बाद से यह क्लिप दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी सामने आ गई है. फेसबुक पर इसे 2.4 मिलियन से अधिक बार देखा जा चुका है और ढेरों लोगों ने कमेंट भी किया है.
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एक यूजर ने कमेंट करते हुए लिखा, बस यह जानने की प्रवृत्ति अद्भुत है. दूसरे ने लिखा, यह आश्चर्यजनक है, मैंने पहले सोचा कि यह मर चुका है. तीसरे ने लिखा, यह वास्तव में अच्छा है! मैंने आज कुछ नया सीखा! धन्यवाद.
क्या है ब्रूमेशन
मगरमच्छ अपने तापमान को नियंत्रित नहीं कर सकते हैं, इसलिए वे बर्फीले हालात में ब्रूमेशन की स्थिति में जाकर जीवित रहते हैं - जो कि स्तनधारियों, गर्म रक्त वाले जानवरों के हाइबरनेट के समान है. हाइबरनेशन के दौरान, एक जानवर की हृदय गति और सांस धीमी हो जाती है और उनके शरीर का तापमान कम हो जाता है जिससे उन्हें कम ऊर्जा खर्च करने में मदद मिलती है. इसी तरह, मगरमच्छों के मामले में, जब बर्फ के क्रिस्टल बनने लगते हैं, तो उनका मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है और उनका थका हुआ शरीर धीरे-धीरे आंखें बंद करके जमे हुए पानी में लटक जाता है.
बीबीसी के अनुसार, स्वैम्प पार्क के प्रवक्ता ने कहा, वे सहज रूप से अपनी नाक ऊपर की ओर उठाते हैं" ताकि उनका दम घुटने से रोकने के लिए नाक पानी से बाहर चिपक जाए.