काबुल से निकलने को बेताब ये अफगानी शख्स भीड़ संग प्लेन के पंख पर बैठा, VIDEO बनाया, कौन जानता है क्या हुआ होगा

विमान के पहिए पर लटकी भीड़ के इस नए वीडियो को उसी विमान के पंख पर लटके हुए एक शख्स ने शूट किया है. इस भीड़ में किसी के भी बचने की आशंका नहीं है. वीडियो में दिख रहा है कि रनवे पर हजारों लोग खड़े हैं.

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अफगानी लोग विमान के पहिए पर बैठकर देश छोड़ने के लिए निकले, वीडियो देख सिहर जाएंगे
नई दिल्ली:

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां के हालात खराब हैं. एक नया वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें विमान के पंख पर भीड़ बैठी है और प्लेन रनवे पर चलता दिख रहा है. इसी भीड़ में से किसी एक ने फोन पर इस पल को रिकॉर्ड किया है. बेशक, ये दुखद वीडियो अफगान की हताशा को दिखाता है, जो कि देश छोड़ना चाहते हैं. विमान के पंख पर बैठी इस भीड़ में से किसी के भी बचने की आशंका बहुत कम है. इससे पहले सामने आए वीडियो में एक व्यक्ति प्लेन से हवा में गिरता हुआ दिखाई दिया था. महिलाएं, बच्चे और खासतौर पर वो लोग जिन्होंने पिछले 20 वर्षों में पश्चिमी ताकतों की मदद की वे अफगानिस्तान को छोड़ने के लिए उतावले हैं. उन्हें लगता है कि वे यहां रहे तो उनकी जान जोखिम में है. हालांकि इस बार एक नरम छवि के साथ तालिबान ने आम माफी की घोषणा की है, लेकिन बहुत से लोगों को इस पर विश्वास नहीं है. विमान के पहिए पर लटकी भीड़ के इस नए वीडियो को उसी विमान के पंख पर लटके हुए एक शख्स ने शूट किया है. रनवे पर हजारों और लोगों को दिखाया गया है.

रविवार शाम को जैसे ही तालिबान ने काबुल में प्रवेश किया और चुनी हुई सरकार गिर गई. लोग हवाइअड्डे के जरिए निकल जाना चाहते हैं जो कि लोगों को फिलहाल यहां से निकलने का एकमात्र रास्ता दिखाई दे रहा है. दीवारों और बाड़ों को पार करते हुए हजारों लोग हवाई अड्डे में प्रवेश कर चुके हैं. बस वे किसी भी उड़ान में सवार होकर यहां से निकल जाना चाहते हैं. कुछ लोग निकल जाने में सफल हुए, लेकिन कुछ अभी भी अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. अमेरिकी वायुसेना का एक विमान 600 से अधिक लोगों को लेकर गया है, जिसकी तस्वीरें हाल ही में सुर्खियां बनी हैं. 

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कई अमेरिकी अधिकारियों ने जिन्होंने अफगानिस्तान में पोस्टिंग के दौरान अफगानी सहयोगियों (नुवादकों, दुभाषियों और अन्य लोगों) के डर को प्रत्यक्ष रूप में अनुभव किया था, उन्हें निकालने की प्रक्रिया में देरी करने के लिए विदेश विभाग की आलोचना की. जबकि राष्ट्रपति बाइडेन ने अप्रैल के मध्य में ये फैसला लिया था कि अगस्त के अंत तक सभी अमेरिकी सैनिकों को बाहर निकाल लिया जाएगा. अमेरिका का विदेश विभाग जिसके पास वीजा देने का एकमात्र अधिकार है, ने पूर्व दुभाषियों और अन्य लोगों के लिए अलग व्यवस्था की लेकिन वो भी थोड़ी देरी से.

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भारत ने आश्वासन दिया है कि वह अफगानिस्तान में अपने उन दोस्तों के साथ खड़ा होगा, जिन्हें मदद की जरूरत है. कैबिनेट सुरक्षा समिति की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यही आश्वासन दोहराया. पीएम मोदी ने अधिकारियों से अफगानिस्तान से भारत आने के इच्छुक सिख, हिंदू अल्पसंख्यकों को शरण देने के लिए कहा है.
 

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