स्पेन के मैलोर्का द्वीप पर जेनोवेसा गुफा की गहराई में डूबे एक प्राचीन पुल ने नए साक्ष्यों का खुलासा किया है, जो बताते हैं कि मनुष्य कल्पना से कहीं अधिक पहले इस द्वीप पर बसे थे. जर्नल कम्युनिकेशंस अर्थ एंड एनवायरनमेंट में प्रकाशित एक अध्ययन में विस्तृत निष्कर्षों ने पश्चिमी भूमध्य सागर में मानव बस्ती के समय की जानकारी दी है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह लेटेस्ट खोज पूर्वी और पश्चिमी भूमध्य सागर क्षेत्रों में मनुष्यों के बसने के समय के बीच के अंतर को कम कर सकती है.
अबतक, लिखित रिकॉर्ड की कमी और सीमित पुरातात्विक साक्ष्यों के कारण यह पता लगाना मुश्किल था कि मनुष्य ने भूमध्यसागरीय द्वीपों पर कब बसेरा बनाया. हालांकि, अब डूबे हुए प्राचीन पुल की खोज से विशेषज्ञों को यह निर्धारित करने में मदद मिल रही है कि मनुष्य पहली बार द्वीपों पर कब बसे थे. अध्ययन के अनुसार, पुल पर पाए गए खनिज संरचनाओं के साथ-साथ एक "बाथटब रिंग" ने वैज्ञानिकों को यह अनुमान लगाने में मदद की है कि संरचना लगभग 6,000 साल पहले बनाई गई थी.
दक्षिण फ्लोरिडा विश्वविद्यालय में भूविज्ञान स्कूल के प्रोफेसर और अध्ययन के प्रमुख लेखक बोगदान ओनाक ने कहा, "इस डूबे हुए पुल और अन्य कलाकृतियों की उपस्थिति का अर्थ है कि शुरुआती निवासियों ने गुफा के जल संसाधनों को पहचाना और इसे नेविगेट करने के लिए रणनीतिक रूप से बुनियादी ढांचे का निर्माण किया."
अध्ययन के अनुसार, प्राचीन पुल बड़े, भारी चूना पत्थर के ब्लॉकों से बना है, जिनमें से कुछ 4.2 फीट चौड़े हैं. यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि प्राचीन मनुष्यों ने पुल का निर्माण किस तंत्र से किया. हालांकि, शोधकर्ताओं का मानना है कि पुल बनाने वाले लोग गुफा के प्रवेश द्वार को गुफा के भीतर एक झील से परे एक चेंबर से जोड़ने के लिए एक सूखा, निरंतर मार्ग चाहते थे.
रेडियोकार्बन-डेट की स्टडी
पुल की पहली बार 2000 में खोज की गई थी. कुछ साल बाद, एक अध्ययन ने गुफा के एक कक्ष में मिट्टी के बर्तनों के आधार पर पुल के 3,500 साल पुराने होने का अनुमान लगाया. तब से, शोधकर्ताओं ने मैलोर्का से हड्डियों और मिट्टी के बर्तनों की रेडियोकार्बन-डेट का पता लगाया और सुझाव दिया कि 9,000 साल पहले इस द्वीप पर मानव की मौजूदगी रही होगी. हालांकि, राख, हड्डियों, चारकोल और अन्य द्वीपों में समुद्र के स्तर में वृद्धि का अध्ययन करने के बाद, विशेषज्ञों ने एक अलग दृष्टिकोण अपनाया.
ओनाक ने कहा, "पिछले चार वर्षों में ही हमने इस लंबे समय से चले आ रहे शोध विषय को संबोधित करने और मैलोर्का में मनुष्यों के आगमन के समय का बेहतर अनुमान लगाने के लिए आवश्यक डेटा जमा किया है."
शोधकर्ताओं ने गुफा के भीतर डूबे हुए पुल पर एक हल्के रंग की पट्टी का अध्ययन किया और साथ ही कैल्साइट की परत की भी स्टडी की, जो उस समय पुल पर बनी थी जब समुद्र का स्तर अधिक था और गुफा भर गई थी. उन्होंने निर्धारित किया कि पुल लगभग 6,000 साल पहले बनाया गया था. ओनाक ने बताया कि रंग बैंड उसी स्तर से मेल खाता है, जहां समुद्र का स्तर स्थिर होने पर खनिज जमा हुआ था, जो दर्शाता है कि इसका निर्माण 5,600 साल पहले हुआ होगा.
उन्होंने कहा कि समुद्र के बढ़ते स्तर के कारण गुफा की झील ने पुल को ढकने से पहले संभवतः 400 से 500 वर्षों तक पुल का उपयोग किया होगा. हालांकि, टीम के पास इस बात के स्पष्ट प्रमाण नहीं हैं कि प्राचीन मानव ने गुफा का उपयोग कैसे किया.