- जोहरान ममदानी न्यूयॉर्क के पहले भारतीय-अमेरिकी मुस्लिम मेयर बनने में सफल हुए हैं
- ममदानी ने पूर्व गवर्नर एंड्रयू कुओमो को चुनाव में हराकर मेयर पद जीता है
- जोहरान ममदानी 34 वर्ष के हैं और सात वर्ष की उम्र में न्यूयॉर्क शहर आए थे
भारतीय मूल के जोहरान ममदानी ने न्यूयॉर्क मेयर का चुनाव जीत लिया है. इस जीत के साथ डेमोक्रेट्स जोहरान ममदानी न्यूयॉर्क के पहले भारतीय-अमेरिकी मुस्लिम मेयर बन गए हैं. 34 वर्षीय ममदानी ने शहर के पूर्व गवर्नर एंड्रयू कुओमो को हराया है, जो एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे थे. जोहरान ममदानी सात साल की उम्र में न्यूयॉर्क शहर आ गए थे. उनके पिता महमूद ममदानी युगांडा के फेमस लेखक हैं और भारतीय मूल के मार्क्सवादी विद्वान हैं. उनकी मां मीरा नायर एक पुरस्कार विजेता भारतीय-अमेरिकी फिल्म मेकर हैं, जिन्होंने 'मॉनसून वेडिंग' और 'द नेमसेक' जैसी फिल्में बनाई हैं.
सदी के सबसे युवा मेयर
ममदानी ने पूर्व गवर्नर एंड्रयू कुओमो और रिपब्लिकन कर्टिस स्लीवा को हराया है. अब ममदानी को अमेरिका के सबसे बड़े शहर की मांगों को पूरा करना होगा और महत्वाकांक्षी चुनावी वादों को पूरा करना होगा. इस जीत के साथ ममदानी ने, डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट शहर के पहले मुस्लिम मेयर, दक्षिण एशियाई मूल के पहले व्यक्ति और अफ्रीका में जन्मे पहले व्यक्ति के रूप में इतिहास में अपनी जगह बना ली है. ममदानी 1 जनवरी को पदभार संभालेंगे और इस सदी के सबसे युवा मेयर भी बन जाएंगे.
50 सालों के इतिहास में सबसे ज्यादा वोटिंग
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने काफी जोर लगाया था कि ममदानी मेयर का पद न जीतें, लेकिन ऐसा हो न सका. ममदानी की जीत से डेमोक्रेट्स को बल मिलेगा. बता दें कि शहर के चुनाव बोर्ड के अनुसार, इस चुनाव में 50 से अधिक वर्षों में मेयर पद के लिए सबसे अधिक मतदान हुआ, जिसमें 2 मिलियन से अधिक न्यूयॉर्क के लोगों ने वोटिंग में हिस्सा लिया.
अब चुनावी वादों को पूरा करने की कवायद
ममदानी ने चुनाव के दौरान अपना इलेक्शन कैंपेन जमीनी स्तर पर चलाया और इसका असर नजर भी आया है. ममदानी के करिश्मे ने कुओमो की राजनीतिक वापसी की कोशिशों पर पानी फेर दिया. पूर्व गवर्नर ने चार साल पहले यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद इस्तीफा दे दिया था. वह पूरे चुनाव के दौरान अपने अतीत से जूझते रहे और नकारात्मक अभियान चलाने के लिए उनकी आलोचना की गई. ममदानी की पूरे चुनाव अभियान के दौरान उनके कमज़ोर रेज़्यूमे के लिए आलोचना की गई थी. अब अगले साल पदभार ग्रहण करने से पहले अपने नए प्रशासन में कर्मचारियों की भर्ती शुरू करनी होगी और यह तय करना होगा कि वे उस महत्वाकांक्षी, लेकिन ध्रुवीकरणकारी एजेंडे को कैसे पूरा करेंगे, जिसने उन्हें जीत दिलाई.
जोहरान ममदानी ने किये थे ये चुनावी वादे
- घरों के रेंट नहीं बढ़ेंगे
- फ्री सरकारी बसें दी जाएगी.
- 6 सप्ताह से 5 वर्ष की आयु के सभी लोगों के लिए फ्री डे केयर
- सस्ता राशन दिया जाएगा.
राष्ट्रपति ट्रंप ने दी थी धमकी, फिर भी जीत गए ममदानी
राष्ट्रपति ट्रंप ने पूरा जोर लगा लिया था कि ममदानी मेयर की चेयर तक न पहुंचे. ऐसे में अब यह भी सवाल उठ रहा है कि वे ट्रंप से कैसे निपटेंगे, जिन्होंने शहर पर कब्ज़ा करने और ममदानी के जीतने पर उन्हें गिरफ़्तार करके निर्वासित करने की धमकी दी थी. ममदानी का जन्म युगांडा में हुआ था, जहां उन्होंने अपना शुरुआती बचपन बिताया, लेकिन उनका पालन-पोषण न्यूयॉर्क शहर में हुआ और वे 2018 में अमेरिकी नागरिक बन गए.













