- ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की रिसर्च में पता चला कि किस करना लगभग 2 करोड़ साल पहले शुरू हुआ था
- महान वानरों के पूर्वजों से किसिंग की आदत इंसानों में विरासत में मिली और यह व्यवहार साझा था
- निएंडरथल और आधुनिक मानव ने भी आपस में लिपलॉक किस करने की पुष्टि वैज्ञानिक अध्ययनों से हुई है
दुनिया में इंसानों ने किस करना कब सीखा या करना शुरू किया? कई लोग होंगे जिनके जेहन में यह सवाल आता है. अब ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और फ्लोरिडा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ने अपनी एक रिसर्च में इस सवाल का जवाब दिया है. पता चला है कि इंसानों ने इंसान बनने से पहले ही किस करना शुरू कर दिया था. बुधवार, 19 नवंबर को छपी इस रिसर्च के अनुसार किस करने की शुरुआत लगभग 2 करोड़ साल पहले महान वानरों (great apes) के भी पूर्वजों से हुई थी. यह भी पता चला है कि निएंडरथल और इंसानों ने आपस में लिपलॉक किस भी किए थे. निएंडरथल मानव होमो वंश का एक विलुप्त सदस्य है.
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और फ्लोरिडा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के रिसर्चर्स यह जांचना चाहते थे कि किस करना कब शुरू हुआ. दरअसल इंसानों के अस्तित्व में किसिंग का कोई स्पष्ट लाभ नहीं था, और इससे बीमारी भी फैल सकती थी. तो फिर इंसानों ने ऐसा करना कब शुरू किया.
मनुष्य, चिंपैंजी, बोनोबोस, ऑरंगुटान और गोरिल्ला... ये सभी किस करते हैं और यह बात दृढ़ता से सुझाव देती है कि यह आदत एक साझा पूर्वज से विरासत में मिली थी. इस स्टडी में वैज्ञानिकों ने पहली किसिंग की तारीख तय करने के लिए प्राइमेट व्यवहार के अवलोकन (ऑब्जर्वेशन) को विकासवादी संबंधों के डेटा के साथ जोड़ा.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार ऑक्सफोर्ड के जीवविज्ञान विभाग के प्रमुख लेखक डॉ. मटिल्डा ब्रिंडल ने कहा, "जानकारी के इन दो प्रमुख टुकड़ों का उपयोग करके, हमने एक मॉडलिंग दृष्टिकोण अपनाया जिसने हमें विभिन्न विकासवादी परिदृश्यों को फॉलो करने की अनुमति दी." मॉडल को लाखों बार चलाने से पता चलता है कि पहला स्मूच 21.5-16.9 मिलियन वर्ष पहले हुआ था. यानी लगभग 2.1 करोड़ साल से लेकर 1.7 करोड़ साल पहले.
यह निष्कर्ष इवोल्यूशन एंड ह्यूमन बिहेवियर जर्नल में प्रकाशित हुए हैं. डॉ. मटिल्डा ब्रिंडल ने कहा, "कुछ लोग सुझाव देते हैं कि सेक्सुअल किसिंग पार्टनर की क्वालिटी और वो कितना सूट कर रहा है, इसको जांचन का एक उपयोगी तरीका था... दूसरा यह कि किसिंग एक प्रकार का फोरप्ले हो सकता है, जो यौन उत्तेजना को बढ़ाता है और प्रेगनेंसी की संभावना को बढ़ाता है."













