अफगानिस्तान के तालिबान के हाथों में जाने क बाद काबुल हवाईअड्डे (Kabul Airport) पर अफरातफरी और हताशा का माहौल है. स्काई न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक- एक दिल दहलाने वाली घटना में हताश अफगान महिलाओं को अपने बच्चों को कंटीली तारों पर फेंकते देखा गया. एक वरिष्ठ ब्रिटिश अधिकारी ने स्काई न्यूज से स्टुअर्ट रामसे को बताया कि वे चिल्लाने की आवाज, हताशा का शोर सुन सकते हैं, क्योंकि हजारों लोगों के लिए काबुल हवाईअड्डा स्वतंत्रता का प्रवेश द्वार होगा तो कुछ के लिए तालिबान से बचने के सपने का अंत. रामसे ने बताया कि ये भयानक था कि महिलाएं अपने बच्चों को कंटीली तारों पर फेंक रही थीं और ब्रिटिश सैनिकों से उन्हें लेने को कह रही थीं. इस बीच कुछ बच्चे तो कंटीली तारों में फंस भी गए थे.
एक अधिकारी ने कहा, "मैं अपने लोगों (सैनिकों) के लिए चिंतित हूं, कल रात सभी रोए थे, मैंने कुछ लोगों को समझाया भी था. स्काई न्यूज की रिपोर्ट बताती है कि यहां माहौल इतना खराब है कि हवाईअड्डे के फाटकों पर गोलीबारी के बीच दिन और रात परिवार बच्चों के साथ जान जोखिम में डाल रहे हैं,क्योंकि वे उस तालिबान से बचना चाहते हैं.
बता दें कि एक संकरी रोड के दूसरी ओर काबुल हवाई अड्डे की दीवारों के भीतर थके हुए ब्रिटिश सैनिक भी लेटे हुए हैं, जो इस भीड़ का मुकाबला करने के लिए अपनी बारी के इंतजार में हैं. जैसे-जैसे दिन बीतते जा रहे हैं राहत अभियान और अधिक तेज हो रहा है क्योंकि ब्रिटिश सेना को अफगानिस्तान से कुछ ही दिनों में हजारों लोगों को निकालना है.
स्काई न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार- यह एक मानवीय मिशन है, जिसे देख ऐसा लग रहा है जैसे युद्ध के मैदान में हों. तालिबान ब्रिटिश सैनिकों से सिर्फ एक मीटर की दूरी पर हैं. तालिबानी लड़ाके काबुल हवाई अड्डे पर ब्रिटिश सैनिकों तक पहुंचने की कोशिश कर रही भीड़ को नियंत्रित कर रहे हैं. रामसे ने बताया कि वे भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कभी कभी हवा में फायरिंग करते हैं, जिससे लोग आगे बढ़ने से रुक जाते हैं. सच ये बहुत खतरनाक स्थिति है. तालिबान ने रविवार को काबुल में राष्ट्रपति भवन में घुसकर अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था.