8 फरवरी को पाकिस्तान में चुनाव (Pakistan Elections) होने हैं. चुनाव को लेकर बलूचिस्तान के अधिकतर बूथों को संवेदनशील घोषित किया गया है. क्योंकि अलग-अलग जगहों पर धमाके हो रहे हैं. लेकिन चुनावी तैयारियों से अलग बलूचिस्तान में महिलाओं का एक मार्च हुआ है. यह मार्च 22 दिसंबर से 22 जनवरी तक चला. यह मार्च इस्लामाबाद तक पहुंचा जहां महिलाओं ने धरना दिया. महिलाओं ने बलूचिस्तान के लापता लोगों के समर्थन में यह मार्च किया.
जानकारी के अनुसार इस मार्च की अगुवाई महरंग बलोच कर रही थीं. मार्च के दौरान उन्हें 2 बार गिरफ्तार भी किया गया. ये महिलाएं लापता लोगों की तस्वीरें लेकर आयी थी. इन महिलाओं को पाकिस्तान के लगभग सभी राज्यों की महिलाओं का साथ मिला.
इन महिलाओं ने पाकिस्तान के सुरक्षाबलों और सेना पर आरोप लगाया कि वो बलूचिस्तान के लोगों को उनके घरों से उठा लेती है. बिना किसी एफआईआर के उन्हें उठाया जाता है और उन्हें गायब कर दिया जाता है.
बलूचिस्तान में इस तरह के आरोप कई वर्षों से पाकिस्तानी सेना पर लगते रहे हैं. पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने एक रिपोर्ट दी थी जिसमें बताया गया था कि लगभग 47,000 बलूचिस्तानी लापता थे. वहीं 35 हजार पख्तून भी लापता हैं. चुनाव से पहले हुए इस मार्च के बाद भी किसी भी दल ने इसे मुद्दा नहीं बनाया है.