अमेरिका ने ईरान और उसके समर्थित ‘मिलिशिया' (असैन्य लड़ाकों) को चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने पश्चिम एशिया में तैनात अमेरिकी सैनिकों को निशाना बनाना जारी रखा, तो एक्शन लिया जाएगा. व्हाइट हाउस (White House) के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) जेक सुलिवन ने रविवार को कहा कि अमेरिका, इराक और सीरिया (US-Syria War) में ईरान समर्थित समूहों के खिलाफ अपनी जवाबी कार्रवाई जारी रखेगा. अमेरिका के इस बयान पर ईरान ने भी प्रतिक्रिया दी है. ईरान (US-Iran Tension) ने कहा कि अगर उसके क्षेत्र पर अमेरिका ने अटैक किया, तो वह इसका जवाब देने में नहीं हिचकिचाएगा.
अमेरिका ने जॉर्डन में अपने सैनिकों पर हमलों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करते हुए इराक और सीरिया में ईरान समर्थित मिलिशिया समेत ‘रिवोल्यूशनरी गार्ड' के 85 ठिकानों पर शुक्रवार को हमले किए. इसके बाद अमेरिका और ब्रिटेन की सेनाओं ने शनिवार को भी यमन में हूती-नियंत्रित क्षेत्रों पर हमले किए.
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अमेरिका अपने लोगों पर कोई खतरा नहीं आने देगा- US NSA
सुलिवन से यह पूछा गया था कि क्या अमेरिकी सेना हूती विद्रोहियों को पनाह और मदद देने वाले ईरान को भी टारगेट करेगी. सुलिवन ने कहा- "यमन में हमलों को आखिरी न समझा जाए. मेरे हिसाब से यह शुरुआत है, अंत नहीं है. अमेरिका अपने लोगों पर कोई खतरा नहीं आने देगा. हम किसी खतरे को पनपने नहीं देंगे."
ईरान ने दी है धमकी
सुलिवन का यह बयान इसलिए भी अहम है, क्योंकि रविवार को ईरान ने धमकी दी थी कि अमेरिका लाल सागर में मौजूद किसी ईरान के किसी शिप को निशाना न बनाए. इसके फौरन बाद अमेरिका ने यमन में हूती विद्रोहियों के कई ठिकानों को निशाना बनाया. इसमें ब्रिटिश नेवी भी उसके साथ थी.
ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी ने अमेरिका को इसका जवाब दिया है. कनानी ने सोमवार को कहा, "इस्लामिक रिपब्लिक ने दिखाया है कि उसने अपनी सुरक्षा, क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के लिए किसी भी खतरे पर हमेशा निर्णायक प्रतिक्रिया दी है."
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क्षेत्र में तनाव को बढ़ाना नहीं चाहता ईरान
कनानी ने अपनी वीकली प्रेस ब्रीफिंग में कहा, "ईरान अपनी धरती पर किसी भी हमले का जवाब देने के लिए अपनी क्षमताओं का इस्तेमाल करने में नहीं हिचकिचाएगा." उन्होंने दोहराया कि ईरान क्षेत्र में तनाव और संकट को बढ़ाना नहीं चाहता है.
लाल सागर में जहाजों को निशाना बना रहे हूती विद्रोही
हूती विद्रोही लगातार लाल सागर में जहाजों को निशाना बना रहे हैं. इसके खिलाफ अमेरिका और ब्रिटेन कार्रवाई कर रहे हैं. दोनों देशों का यह तीसरा जॉइंट ऑपरेशन है. इसके पहले अमेरिका और ब्रिटेन ने 28 जनवरी और 11 जनवरी को यमन पर हमला किया था. वहीं, 11 जनवरी से अब तक अमेरिका 9 बार यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों को निशाना बना चुका है.
अमेरिकी सेनाओं ने लगातार दूसरे दिन खाड़ी देश पर हमला किया. 3 जनवरी को अमेरिका ने इराक-सीरिया में 85 ईरानी ठिकानों को तबाह किया था. इन हमलों में इराक के 16 और सीरिया में 18 लोगों की मौत हुई. इराक ने दावा किया कि मरने वालों में आम नागरिक भी शामिल हैं. सीरियाई मीडिया के मुताबिक, अमेरिका स्ट्राइक में नागरिकों और सैनिकों की मौत हुई.
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