बलूचिस्‍तान के तेल पर अमेरिका की नजर! कहां तक जाएगा ट्रंप का लालच... क्‍या होगा पाकिस्तान से रिश्‍ते का अंजाम?

बलूचिस्‍तान, वह हिस्‍सा है जो विशाल तेल और खनिज संसाधनों से लैस है. यही वजह है कि चीन का लालच जागा और उसने यहीं पर चीन-पाकिस्‍तान इकोनॉमिक कॉरिडोर की नींव रखी.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बलूचिस्तान लिब्रेशन आर्मी को आतंकी संगठन घोषित कर एक बड़ा दांव खेला है.
  • बलूचिस्तान के नेता मीर यार बलूच ने अमेरिका को क्षेत्रीय संसाधनों में हस्तक्षेप न करने की कड़ी चेतावनी दी है
  • बलूचिस्तान में तेल, गैस, लिथियम और यूरेनियम जैसे महत्वपूर्ण संसाधन बलूचों के अधिकार क्षेत्र में हैं.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्‍ली:

पाकिस्‍तान के लिए अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप का प्‍यार दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है. 11 अगस्‍त 2025 को अमेरिकी विभाग ने बलूचिस्‍तान लिब्रेशन आर्मी (BLA) को आतंकी संगठन घोषित किया है. पहली नजर में हो सकता है कि आपको लगे कि यह अपने 'साथी' को बचाने की रणनीति है. लेकिन ऐसा नहीं है. बलूचिस्‍तान सिर्फ एक अशांत इलाका नहीं है बल्कि यह दुनिया का वह हिस्‍सा है जिसके पहाड़ों की गहराईयों में ऐसे अनमोल खजाने छिपे हैं जो किसी की भी तकदीर बदल सकते हैं. अगर ट्रंप ने बीएलए को आतंकी संगठन बताया है तो उसकी वजह पाकिस्‍तान नहीं बल्कि उनका लालच है, वही लालच जो चीन को भी यहां तक खींचकर ले आया. 

बलूचिस्‍तान से दूर रहने की चेतावनी!   

डोनाल्‍ड ट्रंप ने दुनिया के सामने यह ऐलान किया कि उन्‍होंने पाकिस्‍तान के साथ तेल की डील की है तो बलूचिस्‍तान की तरफ से अमेरिका को आगाह किया गया. बीएलए ने हर बार यह बात दोहराई है कि बलूचिस्‍तान के संसाधनों पर सिर्फ बलूचों का हक है. यही वजह है कि हर बार चीन के नागरिकों को बलूचिस्‍तान में निशाना बनाया जाता गया है.  बलूचिस्तान के नेता मीर यार बलूच ने अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को पाकिस्तान में एक मेगा ऑयल एंड नैचुरल गैस प्‍लांट स्थापित करने में उनकी रुचि को लेकर कड़ी चेतावनी दी है. अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर एक पोस्ट में, बलूच ने ट्रंप को क्षेत्र में किसी भी प्राकृतिक संसाधन में हस्तक्षेप न करने के लिए आगाह किया है. दावा किया कि तेल, गैस, लिथियम और यूरेनियम जैसे संसाधन बलूचिस्तान के हैं, पाकिस्तान के नहीं. 

क्‍यों है बलूचिस्‍तान पर नजर 

बलूचिस्‍तान, वह हिस्‍सा है जो विशाल तेल और खनिज संसाधनों से लैस है. यही वजह है कि चीन का लालच जागा और उसने यहीं पर चीन-पाकिस्‍तान इकोनॉमिक कॉरिडोर की नींव रखी. मीर यार बलूच ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान की सेना खासकर जनरल असीम मुनीर और उनके राजनयिक माध्यमों ने जानबूझकर अमेरिका को गलत जानकारियां दी गई हैं. बलूच का कहना था कि तेल, प्राकृतिक गैस, तांबा, लिथियम, यूरेनियम और रेयर अर्थ मिनिरल्‍स के भंडार पाकिस्तान के पंजाब क्षेत्र में नहीं, बल्कि बलूचिस्तान में स्थित हैं. मीर का कहना था कि बलूचिस्‍तान एतिहासिक तौर पर एक संप्रभु राष्‍ट्र है जो वर्तमान में पाकिस्तान के अवैध कब्जे में है. 

वॉशिंगटन पोस्‍ट की एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी अधिकारियों की नजर अब पाकिस्‍तान के उस रिजर्व पर है जिस पर अभी तक किसी की नजर नहीं पड़ी है. रेयर अर्थ मिनिरल्‍स जो इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स और डिफेंस टेक्‍नोलॉजी के लिए जरूरी हैं. चीन के साथ अमेरिका का तनाव बढ़ता जा रहा है. अभी तक चीन इन चीजों का टॉप सप्‍लायर रहा है. इस साल अप्रैल में पाकिस्‍तान में हुए मिनिरल्‍स इनवेस्‍टमेंट फोरम में तो अमेरिकी अधिकारियों ने भी शिरकत की थी. 

क्‍या होगा चीन का? 

चीन ने पहले से ही यहां पर 2000 मील लंबा ट्रांसपोर्ट नेटवर्क तैयार कर लिया है जो नॉर्दन पाकिस्‍तान को दक्षिण में गहरे समंदर के करीब स्थित बंदरगाह से जोड़ता है. लेकिन बलूचिस्‍तान में बढ़ती हिंसा और खैबर पख्‍तूनख्‍वां में तालिबान आतंकवाद का खतरा भी बढ़ता जा रहा है. बलूच अलगाववादियों ने हाल ही में एक माइनिंग ट्रक पर हमला किया था. इस हमले के साथ ही उन्‍होंने चेतावनी दी थी कि जो भी बलूचों के संसाधनों को लूटेगा, उसे निशाना बनाया जाएगा. 

बलूच नेता अक्‍सर यह कहते आए हैं कि पाकिस्‍तान का यह दावा कि इन संसाधनों पर उसका हक, पूरी तरह से झूठा है. बलूचों की मानें तो यह राजनीतिक और आर्थिक लाभ के लिए बलूचिस्तान की संपत्ति को हड़पने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास है. मीर, ट्रंप को चेतावनी दे चुके हैं कि उन्‍हें इन महत्वपूर्ण संसाधनों के भूगोल और संप्रभुता के बारे में 'गंभीर तौर' पर गुमराह किया गया है. जानकारों की मानें तो पाकिस्‍तान जो इस समय आईएमएफ के कर्ज जाल में फंसा है, बलूच‍िस्‍तान को 'किराये' पर देने से भी पीछे नहीं हटेगा. 

Advertisement

अमेरिका के लिए बढ़ेंगी मुश्किलें? 

 बलूच नेताओं ने हमेशा जोर देकर कहा है कि बलूचिस्तान कभी भी पाकिस्तान या किसी विदेशी संस्था को अपनी खनिज संपदा का दोहन नहीं करने देगा. उन्होंने चेतावनी दी कि पाकिस्तान की इंटेलीजेंस एजेंसी, आईएसआई और उसकी सेना को बलूचिस्तान के खनिज भंडारों का दोहन करने की अनुमति देना एक गंभीर रणनीतिक भूल होगी. उन्होंने यहां तक कहा कि इस तरह के दोहन से आईएसआई की ताकत और आर्थिक क्षमताएं बढ़ जाएंगी. इससे उसके ग्‍लोबल टेरर नेटवर्क को और मजबूती मिलेगी. मीर यार बलूच ने अमेरिका को चेताया है कि अगर आईएसआई ताकतवर हुआ तो फिर 9/11 जैसे हमलों का खतरा दोगुना हो जाएगा. 
 

Featured Video Of The Day
Uttarkashi Cloudburst: कल्प केदार मंदिर के मुख्य पुजारी के घर पर मातम, भाई लापता, परिवार
Topics mentioned in this article