रूस ने Google पर इतना भारी भरकम जुर्माना लगाया है कि आप जीरो गिनते-गिनते थक जाएंगे. रूसी अदालत ने Google के खिलाफ़ $20 डेसिलियन का जुर्माना लगाया है. ये जुर्माना रूस के मीडिया चैनलों को ब्लॉक करने के प्लेटफ़ॉर्म के फैसले पर Google की मूल कंपनी अल्फाबेट के स्वामित्व वाले YouTube पर लगाया गया है. रूस का आरोप है कि YouTube ने यूक्रेन से जारी युद्ध के दौरान उसके मीडिया चैनलों को ब्लॉक किया, जो राष्ट्रीय प्रसारण नियमों का उल्लंघन है. अब सवाल उठता है कि क्या इतनी बड़ी रकम गूगल दे पाएगी?
रूसी अदालत ने जितना बड़ा जुर्माना गूगल पर लगाया है... एक अनुमान के अनुसार, वो पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था से कई गुना अधिक है. अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा है कि अगर इन चैनलों की बहाली प्लेटफ़ॉर्म नौ महीने की अवधि के भीतर नहीं करता है, तो जुर्माना हर दिन दोगुना हो जाएगा. दरअसल, रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बाद अमेरिका ने रूसी कंपनियों पर कई प्रतिबंध लगा दिये. इधर, रूस भी अमेरिका की कंपिनयों पर कई प्रतिबंध लगा रहा है. इसी क्रम में गूगल पर लगाए गए जुर्माने को देखा जा रहा है.
मामला मार्च 2022 का है, जब यूट्यूब ने आरटी और स्पुतनिक सहित कई रूसी राज्य-संचालित चैनलों पर वैश्विक प्रतिबंध की घोषणा की थी. मंच ने हिंसक घटनाओं को नकारने, कम करने या तुच्छ बताने वाले कंटेंट को बैन करने वाली अपनी पॉलिसी की ओर इशारा करते हुए अपने निर्णय को उचित ठहराया है. YouTube ने यूक्रेन संघर्ष के आसपास रूस के बयानों का समर्थन करने वाले चैनलों के खिलाफ ऐसी नीतियां लागू की हैं, जिससे वैश्विक स्तर पर 1,000 से अधिक चैनल और 15,000 से अधिक वीडियो हटा दिए गए हैं. यूरोप में सबसे पहले रूसी मीडिया खातों पर प्रतिबंध लगाए गए थे. इस कार्रवाई को रूस अपने राज्य-प्रायोजित मीडिया की सेंसरशिप और दमन के रूप में देखता है.
वहीं, 2020 के बाद से, Google को लगातार दंड का सामना करना पड़ा है, जिसकी शुरुआत दो प्रमुख रूसी मीडिया आउटलेट, Tsargrad और RIA FAN पर बैन लगाने के साथ हुई है. इसके बाद रूसी अदालत ने गूगल पर 100,000 रूबल (लगभग $1,028) का दैनिक जुर्माने लगाया था.
रिपोर्टों के अनुसार, 17 रूसी प्रसारक कानूनी लड़ाई में शामिल हो गए हैं, उन्होंने Google के खिलाफ मुकदमा दायर किया है और प्लेटफॉर्म पर अपने चैनलों को बहाल करने की मांग की है. 2022 की शुरुआत में यूक्रेन पर रूस के हमले की शुरुआत के बाद, Google ने रूस के भीतर अपने परिचालन को काफी हद तक कम कर दिया था.