Paris Olympics 2024 : पेरिस ओलंपिक में हमारे बस 3…तालिबान को चिढ़ा रहीं 3 कौन

Paris Olympics 2024 : तालिबान सरकार ने पेरिस ओलंपिक 2024 में ऐसा कारनामा कर दिया है कि चर्चा का विषय बन गया है...पढ़िए, आखिर क्या किया है तालिबान ने...

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Paris Olympics 2024 : पेरिस ओलंपिक 2024 में एक अजीब किस्सा हुआ है. अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने अफगानिस्तान के छह एथलीटों के एक दल को ओलंपिक में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया. इन छह में से तीन पुरुष और तीन महिलाएं हैं. सभी एथलीट ओलंपिक में भाग लेने के लिए पहुंच भी गए, मगर अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने तीन महिला एथलीटों को मान्यता देने से इनकार कर दिया है और इसके पीछे जो वजह बताई है, वह चौंकाने वाली तो नहीं पर शर्मनाक जरूर है. 

क्या कहा तालिबान सरकार ने? 

अफगानिस्तान के खेल निदेशालय के प्रवक्ता अटल मशवानी ने एएफपी को बताया कि अफगानिस्तान की तालिबान सरकार उन तीन महिला एथलीटों को मान्यता नहीं देती है, जो इस महीने पेरिस ओलंपिक खेलों में देश का प्रतिनिधित्व करेंगी. अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने अफगानिस्तान की निर्वासित राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के परामर्श से छह अफगान एथलीटों के एक दल को आमंत्रित किया है. इनमें तीन महिलाएं और तीन पुरुष हैं. पुरुष प्रतियोगियों का जिक्र करते हुए मशवानी ने कहा, "केवल तीन एथलीट अफगानिस्तान का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.वर्तमान में, अफगानिस्तान में लड़कियों के खेल बंद कर दिए गए हैं. जब लड़कियों के खेल का अभ्यास नहीं किया जाता है, तो वे राष्ट्रीय टीम में कैसे जा सकती हैं?"  अटल मशवानी ने आगे कहा कि तीनों महिलाएं और दो पुरुष एथलीट अफगानिस्तान से बाहर रह रहे हैं. देश में प्रशिक्षण लेने वाला एकमात्र जूडो फाइटर है, जबकि उसके साथी खिलाड़ी एथलेटिक्स और तैराकी में भाग लेंगे. महिलाएं एथलेटिक्स और साइकिलिंग में प्रतिस्पर्धा करेंगी. 

आईओसी ने क्या कहा?

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए आईओसी ने कहा कि उसने टीम के बारे में तालिबान अधिकारियों से सलाह नहीं ली थी और उन्हें खेलों में आमंत्रित नहीं किया गया था. आईओसी के प्रवक्ता मार्क एडम्स ने कहा कि हमने अफगानिस्तान की राष्ट्रीय ओलंपिक समिति में अध्यक्ष और महासचिव से पिछले महीने पुष्टि की थी. वे दोनों भी निर्वासन में रह रहे हैं. वही दोनों अफगान टीम की तैयारी और भागीदारी के लिए आईओसी से एकमात्र वार्ताकार बने रहेंगे. हालांकि, अफगान समिति के सीईओ दाद मोहम्मद पायेंदा अख्तरी ने कहा कि महिला एथलीटों को विदेश से बुलाया गया था. उनकी समिति ने पुरुष एथलीटों को लेकर तालिबान अधिकारियों के साथ समन्वय किया था. आपको बता दें कि दाद मोहम्मद पायेंदा अख्तरी अभी भी अफगानिस्तान में ही रहते हैं. मोहम्मद पायेंदा अख्तरी ने आगे कहा कि हम ओलंपिक में भाग लेने वाले केवल तीन पुरुष एथलीटों की जिम्मेदारी लेते हैं. 

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महिलाओं को शिक्षा से भी किया दूर

अफगानिस्तान के प्रतिभागी पुरानी पश्चिमी समर्थित सरकार के काले, लाल और हरे झंडे के नीचे प्रतिस्पर्धा करेंगे. यह सरकार तीन साल पहले अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद गिर गई थी और तालिबान ने सरकार बना ली थी. 2021 में सत्ता में वापस आने के बाद से तालिबान सरकार ने महिलाओं को खेल के साथ-साथ माध्यमिक विद्यालयों और विश्वविद्यालयों से भी बाहर कर दिया है. संयुक्त राष्ट्र ने इन प्रतिबंधों को "लैंगिक रंगभेद" बताया है. आईओसी ने 1999 में अफगानिस्तान को खेलों से प्रतिबंधित कर दिया था. 1996 और 2001 के बीच तालिबान शासन की पहली अवधि की सरकार के दौरान भी महिलाओं को खेल से प्रतिबंधित कर दिया गया था. 9/11 के आक्रमण के बाद तालिबान के सत्ता से बेदखल होने के बाद अफगानिस्तान की ओलंपिक में वापसी हुई थी.

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