अमेरिकी सेना से ही मिली थी ट्रेनिंग, अफगानिस्तान में साथ लड़ता था जंग... आतंकी हमलावर रहमानुल्लाह की कुंडली आई

US Capital Shooting: अमेरिका की राजधानी यानी वाशिंगटन डीसी में तैनात वेस्ट वर्जीनिया नेशनल गार्ड के दो सैनिकों को बुधवार दोपहर व्हाइट हाउस से कुछ ही दूरी पर गोली मार दी गई. संदिग्ध हमलावर को 4 साल पहले अमेरिकी सरकार खुद अफगानिस्तान से लेकर आई थी.

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  • वाशिंगटन में व्हाइट हाउस के पास हुई गोलीबारी में दो नेशनल गार्ड सैनिक गंभीर रूप से घायल हो गए हैं
  • संदिग्ध हमलावर रहमानुल्लाह लकनवाल 2021 में अफगानिस्तान से अमेरिका लाया गया था
  • लकनवाल अफगानिस्तान की 01 यूनिट में सैनिक था, जिसे अमेरिका की खुफिया एजेंसियों ने बनाया और हथियार दिए थे
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अमेरिका के वाशिंगटन में व्हाइट हाउस के पास हुई गोलीबारी में दो नेशनल गार्ड्समैन गंभीर रूप से घायल हो गए. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले को आतंकवादी हमला बताया है. एक तरफ राष्ट्रपति ट्रंप ने वाशिंगटन में 500 और सैनिकों को भेजने का आदेश दिया है वहीं दूसरी तरफ संदिग्ध हमलावर के बारे में एक-एक कर जानकारी सामने आने लगी है. इस हमलावर की पहचान रहमानुल्लाह लकनवाल के रूप में हुई है, जिसके बारे में ट्रंप ने कहा कि वह 2021 में अफगानिस्तान से अमेरिका लाया गया था.

अमेरिकी नेता ने इस शूटिंग के लिए पिछली जो बाइडेन को दोषी ठहराया है और कहा कि हमले का संदिग्ध 2021 में एयरलिफ्ट करके अफगानिस्तान से अमेरिका लाया गया था. ट्रंप ने इस घटना के बाद अफगानिस्तान को "नरक" कहा है.

अफगानिस्तान में ही अमेरिकी सेना के लिए काम करता था रहमानुल्लाह लकनवाल

2021 के बाद से अफगानिस्तान को चलाने वाली तालिबान सरकार के सूत्रों ने जानकारी दी है कि रहमानुल्लाह लकनवाल ने पूर्व अफगान गणराज्य (तालिबान शासन के पहले) के दौरान 01 यूनिट में एक सैनिक के रूप में कार्य किया था. इस सैन्य यूनिट को अमेरिका की खुफिया एजेंसियों ने ही बनाया था, उसे ट्रेनिंग दी थी और हथियारों से लैस किया था.

रिपोर्ट्स से संकेत मिलता है कि इस यूनिट के कई सैनिक अभी वर्तमान में मनोवैज्ञानिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं. इनमें से कईयों की सुसाइड से जान गई है तो कईयों ने दूसरों के खिलाफ हमले भी किए हैं.

एक सवाल आपके मन में आ सकता है कि जब रहमानुल्लाह लकनवाल अफगानिस्तान का सैनिक था तो वह 2021 के तालिबानी कब्जे के बाद अमेरिका कैसे आ गया. दरअसल जब साल 2021 में तालिबान के कब्जे के बाद अमेरिका जल्दीबाजी में अफगानिस्तान से भागा था तो उन कुछ चुनिंदे अफगानियों को भी अमेरिका लाया गया था, जिन्होंने अमेरिका के लिए काम किया था. जिनके बारे में अमेरिका को यह डर था कि तालिबान उन्हें मौका मिलते ही मौत के घाट उतार देगा. रिपोर्ट के मुताबिक, लकनवाल को ऑपरेशन एलीज वेलकम के तहत अमेरिका लाया गया था. फिर वह वाशिंगटन के बेलिंगहैम में बस गया. 

अफगानिस्तान के 01 यूनिट में सैनिक था रहमानुल्लाह

अफगानिस्तान से आए हर एक नागरिक की फिर से जांच होगी- ट्रंप

राष्ट्रपति ट्रंप ने बुधवार शाम (स्थानीय समय) देश को संबोधित करते हुए कहा, "यह घिनौना हमला बुराई, नफरत और आतंक का काम था. यह देश और इंसानियत के खिलाफ एक जुर्म था." उन्होंने आगे कहा कि हिरासत में लिया गया संदिग्ध व्यक्ति अफगानिस्तान से हमारे देश में आया है, जो धरती पर एक नरक है." इसके साथ ही उन्होंने हमलावर को शरणार्थी स्टेटस के तहत देश में आने देने के लिए पिछली बाइडेन सरकार को दोषी ठहराया.

उन्होंने आगे कहा, "हमें अब अफगानिस्तान से हमारे देश में आए हर एक नागरिक की फिर से जांच करनी चाहिए, और हमें किसी भी देश से किसी भी नागरिक को हटाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने चाहिए जो यहां का नहीं है या हमारे देश को फायदा नहीं पहुंचाता है. अगर वे हमारे देश से प्यार नहीं कर सकते तो हम उन्हें नहीं चाहते हैं."

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ट्रंप ने वाशिंगटन शहर की सुरक्षा में मदद के लिए 500 और सैनिकों की तैनाती की भी घोषणा की. गोलीबारी व्हाइट हाउस से 500 मीटर से भी कम दूरी पर हुई. पश्चिमी वर्जीनिया से वाशिंगटन में तैनात दो नेशनल गार्ड की हालत अभी भी गंभीर है. अभी वाशिंगटन में लगभग 2,400 नेशनल गार्ड तैनात हैं, जिनमें डीसी डीसी नेशनल गार्ड के लगभग 958 और आठ दूसरे राज्यों के लगभग 1,300 सैनिक शामिल हैं.

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