जेलेंस्की को आया किसका कॉल.
यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की की लाइव प्रेस कॉन्फ्रेंस (Zelensky Press Conference) में अचानक फोन की घंटी बजी और हर कोई हैरान रह गया. रूस और यूक्रेन की जंग (Russia Ukraine War) पिछले कई सालों से चल रही है. दोनों देश एक-दूसरे पर हमले कर रहे हैं, और अब तक न जाने कितने लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. लेकिन इन सबके बीच अमेरिका सीजफायर कराने की कोशिश में लगा है. हाल ही में कुछ ऐसा हुआ कि हर किसी का ध्यान उस तरफ चला गया. पूरा माजरा समझिए.
ट्रंप और पुतिन की बातचीत
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच 90 मिनट की लंबी फोन कॉल हुई. जी हां, 90 मिनट! और इस बातचीत में फोकस था कि यूक्रेन की जंग को कैसे रोका जाए. ट्रंप चाहते हैं कि जल्द से जल्द एक सीजफायर हो, लेकिन पुतिन ने कुछ शर्तें रख दीं. पुतिन ने कहा कि वो यूक्रेन के ऊर्जा ठिकानों पर हमले तो रोक सकते हैं, लेकिन पूरे सीजफायर के लिए पश्चिमी देशों को यूक्रेन की सैन्य मदद बंद करनी होगी. मतलब, पुतिन का कहना है कि जब तक यूक्रेन को हथियार मिलते रहेंगे, वो पूरी तरह से जंग नहीं रोकेंगे. अब ये डिमांड कितनी मानी जाएगी, ये तो वक्त ही बताएगा!
ट्रंप और जेलेंस्की की बातचीत
अब पुतिन से बात करने के ठीक एक दिन बाद ट्रंप ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से भी बात की. ये बातचीत करीब एक घंटे तक चली. इसमें भी सीजफायर और जंग रोकने के तरीकों पर चर्चा हुई. जेलेंस्की चाहते हैं कि जंग रुके, लेकिन वो बार-बार कहते हैं कि रूस की तरफ से हमले अभी भी रुक नहीं रहे. मतलब, ग्राउंड लेवल पर हालात अभी भी वही हैं, भले ही टॉप लेवल पर बातें हो रही हों. लेकिन इस बीच कुछ ऐसा हुआ जिसने सबका ध्यान खींच लिया!
जेलेंस्की की लाइव प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्विस्ट
जेलेंस्की एक लाइव प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे. दुनिया भर की मीडिया वहां थी, और लोग उनकी बातें सुन रहे थे. तभी अचानक... फोन की घंटी बजी. जेलेंस्की के फोन की रिंगटोन ने सबको चौंका दिया. हर कोई सोचने लगा कि भला इस टाइम कौन फोन कर रहा है? जेलेंस्की ने फोन देखा और कहा, 'मैं बाद में कॉल बैक करूंगा.' लेकिन सवाल तो बनता है ना कि वो कौन था? तो जेलेंस्की ने खुद ही इसका जवाब भी दे दिया. उन्होंने बताया कि ये फोन फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का था. जेलेंस्की ने कहा, 'मैं मैक्रों से रोज बात करता हूं, दिन में एक बार तो जरूर. अभी मैं बिजी हूं, तो बाद में कॉल बैक करूंगा.' मतलब, इन दोनों की दोस्ती तो पक्की है!
रूस की शर्तें और ग्राउंड रियलिटी
अब ये तो थी टॉप लेवल की बातें. लेकिन ग्राउंड पर क्या हो रहा है? रूस ने भले ही ऊर्जा ठिकानों पर हमले रोकने की बात कही हो, लेकिन जेलेंस्की का कहना है कि हमले अभी भी जारी हैं. रूस की तरफ से ऊर्जा सुविधाओं को निशाना बनाया जा रहा है, और हालात वैसे ही बने हुए हैं. पुतिन ने 30 दिन के पूर्ण सीजफायर को सपोर्ट नहीं किया, जो अमेरिका लागू करना चाहता है. पुतिन की शर्त साफ है - पश्चिमी देश यूक्रेन को हथियार देना बंद करें, तभी वो जंग पूरी तरह रोकेंगे. अब सवाल ये है कि क्या पश्चिमी देश ऐसा करेंगे? और अगर नहीं करेंगे, तो क्या ये जंग ऐसे ही चलती रहेगी? तो ये पूरा मसला अभी चल रहा है. ट्रंप मध्यस्थता करने की कोशिश में लगे हैं, जेलेंस्की और पुतिन से बातें हो रही हैं, और मैक्रों जैसे नेता भी सपोर्ट में हैं.