इंडोनेशिया में ये कैसी शादी...
शादी का नाम सुनते ही हमारे दिमाग में प्यार, साथ, सात जन्म जैसे लफ्ज घूमने लगते हैं. लेकिन अगर शादी बस 2-4-10 या 15 दिन की हो और वो भी सिर्फ पैसे के लिए तो आप उसे क्या कहेंगे? आज हम आपको एक ऐसे देश के बारे में बताने जा रहे हैं जहां सिर्फ 15 दिन के लिए आपको पत्नी मिल सकती है. दिलचस्प बात है कि खुद लड़की को भी मालूम होता है कि यह शादी बस कुछ ही दिन की है लेकिन फिर भी वो इसमें खुशी से आगे बढ़ती है. इस शादी के लिए खुशी से हामी भरने की वजह है पैसा. इस शादी को ‘मुताह निकाह' कहा जाता है और जिसका एक नाम 'प्लेजर मैरिज' भी पड़ चुका है.
मुताह निकाह क्या है?
मुताह निकाह या प्लेजर मैरिज इंडोनेशिया के पुंकाक रीजन में पिछले कुछ दिनों से एक चलन में तब्दील हो गई है. मुताह निकाह एक पुरानी इस्लामी परंपरा है जो खासकर शिया मुसलमानों में प्रचलित रही है. इस परंपरा में लड़का और लड़की कुछ तय समय के लिए आपसी सहमति से शादी करते हैं – जैसे 5 दिन, 10 दिन या 15 दिन. समय पूरा होते ही शादी भी खत्म हो जाती है और वह भी बगैर किसी तकरार या कानूनी पचड़े के. दरअसल इस परंपरा की शुरुआत काफी पहले अरब देशों में हुई थी. उस समय पुरुष अक्सर लंबे समय के लिए बाहर रहते थे. तब वो सफर के रास्ते में या दूसरे शहरों में समय बिताने के लिए इस तरह की शॉर्ट टर्म मैरिज करते थे.
गरीब महिलाओं में बढ़ा क्रेज
आज ये प्रथा ईरान और इराक जैसे शिया बहुल देशों में सीमित रूप में जिंदा है. वहीं इंडोनेशिया ने इसे एक नया रूप दे दिया है और अब यह इस देश में पूरी तरह से बिजनेस में बदल गई है. इंडोनेशिया में प्लेजर मैरिज अब एक इंडस्ट्री बन चुकी है. पुंकाक रीजन में इस तरह की शादियों का चलन तेजी से बढ़ा है. यहां की गरीब महिलाएं, खासकर जवान लड़कियां, पैसे के बदले में विदेशी पर्यटकों से 5से 20 दिन की शादी करती हैं.
कौन हैं ये पर्यटक?
ज्यादातर ये पर्यटक मिडिल ईस्ट से आए अरब टूरिस्ट्स होते हैं और वो यहां आते हैं. फिर पर्यटक एजेंट्स के जरिए 'बीवी' चुनते हैं और फिर कुछ दिन की शादी करके निकल लेते हैं. महिलाएं इस दौरान उन्हें घरेलू कामों से लेकर सेक्स सर्विसेज तक मुहैया कराती हैं. इसके बदले में उन्हें 300 से 500 डॉलर तक मिलते हैं. लॉस एंजिलिस टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक काहाया नाम की एक इंडोनेशियाई लड़की ने 28 साल की उम्र तक 15 से ज्यादा ऐसी शादियां की हैं. पहली बार वो जब मुताह निकाह में गई तब उनकी उम्र सिर्फ 13 साल थी. उसे उसके दादा-दादी ने जबरन इस शादी के लिए भेजा.
मिलते हैं अच्छे-खासे पैसे
आज वो अपनी बेटी का खर्च भी ऐसे ही ‘शादियों' से उठाती है. लेकिन उसका सच उसके परिवार को नहीं पता. वो कहती हैं कि अगर किसी फैक्ट्री में काम करती तो मुश्किल से 50 डॉलर मिलते जबकि इस तरह की शादी से 10 गुना पैसा मिलता है. अब ये शादी इतना बड़ा बिजनेस बन चुकी है कि एजेंट्स महीने में 20-25 शादियां तय करते हैं. रेजॉर्ट्स में बाकायदा ‘हाईलैंड प्लेजर पैकेज' टाइप सर्विस मिलती है. यहां पर टूरिस्ट्स को लड़कियां मिलती हैं उनकी शादी होती है लेकिन कुछ समय के बाद सबकुछ खत्म हो जाता है.
होता है महिलाओं का शोषण
वहीं इन सबके पीछे की सच्चाई बहुत कड़वी है. दिखने में यह ‘शादी' है और किसी कॉन्ट्रैक्ट सी नजर आती है. लेकिन असल में इसमें महिलाओं का शोषण भी हो रहा है. सुरक्षा नहीं और न ही महिलाओं को कोई अधिकार मिले हुए हैं. इस शादी में कहीं न कहीं गरीब और मजबूर महिलाओं का दर्द भी छिपा है.