ईरान और इजराइल की जंग में अब अमेरिका की एंट्री हो सकती है. अमेरिका सीधे तौर पर तो नहीं, लेकिन इजराइल के कंधे पर 'बंदूक' रखकर ईरान की परमाणु क्षमता को ध्वस्त करने की तैयारी कर रहा है, ऐसी खबरें हैं. ईरान ने अपनी फोर्डो न्यूक्लियर फैसिलिटी को जमीन के लगभग 260 फुट नीचे, बेहद सुरक्षित तरीके से बंकर में बना रखा है. कहा जा रहा है कि इजराइल के पास ऐसी क्षमता नहीं है कि वह जमीन के इतना नीचे मार कर सके. ऐसे में अमेरिका के बेहद घातक धरतीफाड़ बंकर बम की मदद से ईरानी परमाणु केंद्र को नेस्तनाबूद करने की योजना बनाई जा रही है.
ईरान का दूसरा सबसे बड़ा परमाणु केंद्र
ईरान के परमाणु कार्यक्रम को बर्बाद करने के लिए इजरायल ने पूरा जोर लगा रखा है. इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान के मिसाइल और परमाणु कार्यक्रम को तबाह करने का संकल्प लिया है. इस हमले का मुख्य निशाना फोर्डो परमाणु संवर्धन केंद्र है. यह तेहरान के दक्षिण-पश्चिम में क़ोम शहर के पास एक पहाड़ के अंदर बना है. फोर्डो को ईरान के सबसे सुरक्षित परमाणु केंद्र में से एक माना जाता है. ईरान का सबसे बड़ा परमाणु केंद्र नतांज है, जिस पर हाल ही में इजराइल ने हमला किया था.
फोर्डो परमाणु केंद्र कितना सुरक्षित?
ईरान का फोर्डो परमाणु केंद्र क़ोम शहर के पास मोटी-मोटी चट्टानों के नीचे करीब 260 फुट गहराई में बना है. ऊपर से ईरान की सबसे एडवांस एयर डिफेंस सिस्टम इसकी हिफाजत करते हैं. ईरान ने 2006 में इसे बनाना शुरू किया था. 2009 में यह बनकर तैयार हुआ. उसी समय ईरान ने इसकी मौजूदगी की बात कबूली थी. अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने पुष्टि की है कि ईरान फोर्डो फैसिलिटी में बेहद उच्च क्षमता के यूरेनियम का संवर्धन कर रहा है.
बेहद घातक है धरतीफाड़ बंकर बम
- नाम - GBU-57 A/B मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर बम
- लंबाई - 20 फुट 5 इंच
- वजन - 13,607 किलो करीब
- पेलोड - 2500 किलो से अधिक उच्च क्षमता का विस्फोटक
- कितना घातक - धरती के 200 फीट से अधिक गहराई में तबाही मचा सकता है
- कब बना - 2004 में काम शुरू हुआ, बाद के वर्षों में क्षमता बढ़ी
- कितने बम हैं - सरकार ने 2009 में बोइंग को ऐसे 20 बम बनाने का ऑर्डर दिया था
- विमान - इसे सिर्फ अमेरिकी बी-2 स्पिरिट स्टेल्थ बॉम्बर से छोड़ा जा सकता है
- कब प्रयोग हुआ- जानकार बताते हैं कि इसका कभी युद्ध में इस्तेमाल नहीं हुआ है
ये धरतीफाड़ बंकर बम क्या है?
ईरान के फोर्डो परमाणु केंद्र को नष्ट करने के लिए अमेरिका के बंकर बस्टर बम का इस्तेमाल किया जा सकता है, ऐसी खबरें हैं. इसे GBU-57 A/B मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर (MOP) बम कहा जाता है. इसका वजन 13600 किलो और लंबाई 20 फुट से अधिक है. इसमें 5 हजार पाउंड से अधिक उच्च क्षमता का विस्फोटक लगाया जा सकता है. यह एक गाइडेड बम है, जो जमीन के नीचे कंक्रीट के बंकर को भी नेस्तनाबूद कर सकता है. इसे धरती के नीचे 200 फीट से अधिक गहराई में तबाही मचाने के लिए डिजाइन किया गया है.
कैसे काम करता है ये बम?
अमेरिका के GBU-57 A/B मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर बम के काम करने का तरीका भी अनोखा है. धरती के इतना नीचे कोई आम मिसाइल काम नहीं कर सकती. इसलिए ये पैनेट्रेटर बम कई चरणों में काम करता है. पहला धरती की सतह पर धमाके से साथ अंदर घुसता है, फिर एक के बाद एक विस्फोट करते हुए अंदर तक प्रवेश कर जाता है. इस तरह धरती के नीचे किले की तरह बनाए गए कंक्रीट के सुरक्षित बंकरों को भी इसके जरिए तबाह किया जा सकता है.
क्या अमेरिका करेगा ईरान पर हमला?
ये सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि इस धरतीफाड़ बंकर बम को अमेरिका ने तैयार किया है. इसके बारे में कहा जाता है कि इसे सिर्फ अमेरिकी वायुसेना के अत्याधुनिक बी-2 स्पिरिट स्टेल्थ फाइटर से ही छोड़ा जा सकता है. यह विमान 18 हजार किलो तक का पेलोड ले जाने में सक्षम है. अमेरिकी वायुसेना ने पहले बताया था कि वह वह बी-2 स्पिरिट स्टेल्थ बॉम्बर में दो GBU-57 A/B लगाकर सफल परीक्षण कर चुका है. दो बमों का मतलब हुआ कि बी-2 विमान 27,200 किलो वजन ले जाने की अपनी क्षमता दिखा चुका है. यह विमान भी बहुत खास है. इसमें एक बार तेल भरने पर यह 18,500 किलोमीटर तक बिना रुके उड़ान भर सकता है.
सबकी नजरें अमेरिका पर
इजराइल के पास फिलहाल ऐसी क्षमता नहीं है कि वह ईरान के फोर्डो में इतनी गहराई में बने परमाणु केंद्र को तबाह कर सके. ऐसे में सबकी नजरें अमेरिका के अगले कदम पर हैं. क्या वह फोर्डो परमाणु केंद्र को नेस्तनाबूद करने के लिए अपने धरतीफाड़ बंकर बम और अपने विशेष विमान का इस्तेमाल करेगा? यह कदम ईरान के साथ कूटनीति खासकर राष्ट्रपति ट्रम्प की प्रस्तावित परमाणु वार्ता को भी पूरी तरह चौपट कर सकता है. ऐसी भी आशंकाएं हैं कि अगर अमेरिका इस जंग में कूदता है तो मध्य-पूर्व का संकट और भी गहरा सकता है.