हम भारत सहित किसी भी देश के साथ संघर्ष नहीं चाहते : अफगानी विदेश मंत्री मुत्ताकी

अफगानिस्तान में तालिबान के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार में कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने कहा कि हम नहीं चाहते कि अफगानिस्तान का किसी अन्य देश के साथ संघर्ष हो

विज्ञापन
Read Time: 25 mins
प्रतीकात्मक फोटो.
इस्लामाबाद:

अफगानिस्तान में तालिबान के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार में कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने कहा है कि उनका देश भारत सहित किसी भी देश के साथ संघर्ष नहीं चाहता. मुत्ताकी ने यह टिप्पणी ‘बीबीसी उर्दू' से बात करते हुए की. यह एक महिला पत्रकार के साथ उनका पहला साक्षात्कार भी था. महिला पत्रकार ने मुत्ताकी से तालिबान सरकार के तहत नई दिल्ली के साथ अफगानिस्तान के संबंधों के बारे में सवाल किया था. मुत्ताकी ने कहा, ‘‘हम नहीं चाहते कि अफगानिस्तान का किसी अन्य देश के साथ संघर्ष हो या ऐसी चुनौतियां हों जो हमारे देश को प्रभावित कर सकती हैं. इसलिए, हम इस मुद्दे पर काम करना जारी रखेंगे.''

यह पूछे जाने पर कि क्या अफगानिस्तान के भारत के साथ घनिष्ठ संबंध होने पर चीन या पाकिस्तान की ओर से कोई प्रतिक्रिया हुई है, मुत्ताकी ने इसका कोई सीधे जवाब देने के बजाय, मॉस्को में हाल की बैठकों का उल्लेख किया. उन्होंने कहा, ‘‘जब हमने मास्को सम्मेलन में हिस्सा लिया, तो भारत, पाकिस्तान और कई अन्य देशों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे. हमने सकारात्मक बातचीत की और उम्मीद है कि हम किसी भी देश का विरोध नहीं करेंगे.''

मुत्ताकी की यह टिप्पणी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल द्वारा नई दिल्ली में अफगानिस्तान पर आठ देशों के संवाद की अध्यक्षता किए जाने के कुछ दिनों बाद आई है, जिसमें ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उजबेकिस्तान के अधिकारियों ने हिस्सा लिया था. बृहस्पतिवार के संवाद में शामिल देशों ने यह सुनिश्चित करने का संकल्प लिया कि अफगानिस्तान को ‘‘वैश्विक आतंकवाद का पनाहगाह'' नहीं बनने दिया जाएगा. साथ ही, उन्होंने काबुल में एक खुली और सही मायने में समावेशी सरकार का गठन करने का आह्वान किया.

Advertisement

सुरक्षा संवाद के अंत में इन आठ देशों ने एक घोषणापत्र में यह बात दोहराई कि आतंकवादी गतिविधियों को पनाह, प्रशिक्षण, साजिश रचने देने या वित्त पोषण करने में अफगान भू-भाग का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए. 11 सितंबर के हमलों के तुरंत बाद अमेरिका द्वारा सत्ता से बेदखल किए गए तालिबान ने अगस्त के मध्य में अफगानिस्तान पर नियंत्रण कर लिया था.

Advertisement

महिला शिक्षा पर पूछे गए एक सवाल पर मुत्ताकी ने इस बात को खारिज किया कि अफगान महिलाओं को विभिन्न क्षेत्रों से बाहर रखा जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘स्वास्थ्य क्षेत्र में महिलाओं की 100 प्रतिशत भागीदारी है. वे शिक्षा के क्षेत्र में भी पढ़ा रही हैं. वे हर उस क्षेत्र में काम कर रही हैं जहां उनकी जरूरत है.'' उन्होंने कहा कि तालिबान सरकार ने पिछली सरकार के तहत काम करने वाली किसी भी महिला अधिकारी को नौकरी से नहीं निकाला. हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि कुछ क्षेत्रों में शैक्षणिक संस्थान अभी भी बंद हैं, लेकिन कहा कि यह कोविड -19 महामारी के कारण है.

Advertisement

अफगान तालिबान के नेता ने स्वीकार किया कि उनका देश पाकिस्तान और प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के बीच मध्यस्थता कर रहा है, लेकिन अब तक कोई समझौता नहीं हुआ है. हालांकि, उन्होंने कहा कि प्रक्रिया की शुरुआत अच्छी रही और एक महीने के संघर्षविराम की घोषणा की गई.

Advertisement

मुत्ताकी ने स्वीकार किया कि इस्लामिक स्टेट एक खतरा है लेकिन घोषणा की कि तालिबान सरकार ने इसे देश के एक बड़े हिस्से से खत्म कर दिया है. उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया में कहीं भी कुछ छिटपुट घटनाएं हो सकती हैं. पहले, अफगानिस्तान का 70 प्रतिशत हिस्सा इस्लामिक अमीरात के नियंत्रण में था. अब, तालिबान ने इन क्षेत्रों से उसकी उपस्थिति समाप्त कर दी है.''

उन्होंने कहा कि तालिबान ने एक समावेशी सरकार के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय की मांग को पूरा किया, जो अफगान समाज में सभी हितधारकों का प्रतिनिधित्व करती है. उन्होंने दुनिया से उनकी सरकार को मान्यता देने का आग्रह किया.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Delhi Assembly Elections: BJP उम्मीदवारों की लिस्ट पर बड़ा अपडेट
Topics mentioned in this article