रूस से समझौते को तैयार हुआ यूक्रेन, सिर्फ अपने कब्जे वाले इलाके पर चाहता है नाटो 'कवच'

Russia Ukraine Peace Agreement: रूस और यूक्रेन के बीच अब शांति समझौते को लेकर मामला आगे बढ़ने लगा है. जेलेंस्की भी अब इस पर विचार कर रहे हैं. उन्होंने खुद एक रास्ता भी नाटो को सुझाया है.

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Russia Ukraine Peace Agreement: जेलेंस्की के ऑफर पर सबसे पहला सवाल तो यही है कि क्या पुतिन इस पर मानेंगे.

Russia Ukraine Peace Agreement: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की (Ukrainian President Volodymyr Zelensky) अब रूस (Russia) से शांति समझौता करने के लिए तैयार हो गए हैं. उन्होंने कहा है कि अगर नाटो (NATO) यूक्रेन के नियंत्रण वाले इलाके की सुरक्षा का जिम्मा ले ले तो फिर शांति समझौता किया जा सकता है. ज़ेलेंस्की ने यह भी कहा कि वह रूस के कब्जे में गए अपने देश के लगभग पांचवें हिस्से को फिर से कूटनीतिक तरीके से हासिल करने के लिए इंतजार करेंगे. 

क्या बोले जेलेंस्की

रूस ने इस सप्ताह कीव में सरकारी इमारतों पर हमला करने की धमकी दी है और यूक्रेन के ऊर्जा क्षेत्र पर बड़े पैमाने पर हवाई हमला किया है. ये यूक्रेन के रूसी क्षेत्र पर अमेरिका और ब्रिटिश मिसाइलों से हमले के जवाब में किया गया है. जेलेंस्की ने ब्रिटेन के स्काई न्यूज से कहा, "अगर हम युद्ध के इस गर्म हो चुके माहौल को रोकना चाहते हैं, तो हमें नाटो के तहत यूक्रेन के उस क्षेत्र को लेना चाहिए, जो अभी हमारे नियंत्रण में है. हमें यह तेजी से करने की जरूरत है, और फिर यूक्रेन अपने क्षेत्र के दूसरे हिस्से को कूटनीतिक रूप से वापस ले सकता है."

इस महीने की शुरुआत में डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद से संभावित संघर्षविराम या शांति समझौते की चर्चा तेज हो गई है.

यूक्रेन का कितना हिस्सा रूस के पास

फिलहाल रूस का यूक्रेन के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त क्षेत्र के लगभग 18 प्रतिशत हिस्से पर नियंत्रण है. इसमें क्रीमिया प्रायद्वीप भी शामिल है, जिसे मास्को ने 2014 में कब्जा कर लिया था. वर्ष 2022 में आक्रमण के बाद से, मास्को ने यूक्रेन के अन्य चार क्षेत्रों दोनेस्तक, खेरसॉन, लुगांस्क और ज़ेपोरिज़्ज़िया पर पूर्ण नियंत्रण नहीं होने के बावजूद अपना दावा किया है. कीव ने शांति के बदले क्षेत्र को सौंपने से अब तक बार-बार इनकार किया था.

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पुतिन ने दे रखी है वार्निंग

ज़ेलेंस्की ने जोर देकर कहा कि नाटो में शामिल होने का कोई भी प्रस्ताव पूरे यूक्रेन को दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस तरह की व्यवस्था यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक होगी कि रूस भविष्य में फिर से हमला न करे. जेलेंस्की ने अंग्रेजी में कहा, "अगर हम संघर्ष विराम की बात करते हैं, तो हमें गारंटी चाहिए कि व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) वापस नहीं आएंगे. वहीं पुतिन ने कीव से अपनी नाटो महत्वाकांक्षाओं को त्यागने का आह्वान किया है अगर वह शांति समझौता चाहता है.

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पुतिन के गुस्से में जल रहा यूक्रेन

युद्ध के मैदान में संघर्ष बढ़ने के साथ, ज़ेलेंस्की ने हाल के दिनों में पश्चिमी नेताओं के साथ फोन कॉल कर बात की है.ब्रिटेन के कीर स्टार्मर, फ्रांस के इमैनुएल मैक्रॉन और जर्मनी के ओलाफ स्कोल्ज़ सहित अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से भी उनकी बातचीत हुई है. ट्रंप के चुनाव जीतने के बाद से जो बाइडेन (Joe Biden) के प्रशासन ने कीव को अपना समर्थन बढ़ा दिया है. उसे अधिक हथियार दिए जा रहे हैं. यहां तक की यूक्रेन को रूसी क्षेत्र पर लंबी दूरी की मिसाइलों को फायर करने की अनुमति भी दे दी है. इस कदम से मॉस्को बेहद गुस्से में है. पुतिन ने यूक्रेनी शहर निप्रो में एक नई हाइपरसोनिक मिसाइल से हमला कर दिया और कीव में सरकारी भवनों पर हमला करने की धमकी दी है.

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