'नकली पुतिन', पॉटी सूटकेस, न्यूक्लियर बटन... पुतिन की सिक्योरिटी टीम की 10 चौंकाने वाली बातें

Vladimir Putin India Visit: पुतिन दुनिया की सबसे शक्तिशाली हस्तियों में से एक हैं. वह रूसी खुफिया एजेंट केजीबी के एजेंट रहे हैं. ऐसे में अपनी सुरक्षा को लेकर बेहद सतर्क रहते हैं. अत्याधुनिक हथियारों से लैस ट्रेंड कमांडोज की टीम हमेशा घेरे रहती है.

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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिवसीय भारत दौरे पर आने वाले हैं (फाइल फोटो)
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  • रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4 साल बाद भारत का दौरा कर रहे हैं. पुतिन 4-5 दिसंबर को दिल्ली में होंगे
  • पुतिन की सुरक्षा टीम बेहद सख्त और एडवांस है, जो हर परिस्थिति में उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करती है
  • पुतिन की कार बुलेटप्रूफ है और चारों टायर पंचर होने पर भी 249 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती है
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के न्योते पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4 और 5 दिसंबर को भारत का दौरा (Vladimir Putin India Visit) करेंगे. दो दिवसीय यात्रा के दौरान पुतिन 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेंगे. चार साल में यह उनकी पहली भारत यात्रा होगी. मौका बड़ा है तो तैयारी भी बड़ी होगी. पुतिन दुनिया की सबसे शक्तिशाली हस्तियों में से एक हैं. वह रूसी खुफिया एजेंट केजीबी के एजेंट रहे हैं. ऐसे में अपनी सुरक्षा को लेकर बेहद सतर्क रहते हैं. 

पुतिन के हर दौरे में उनकी सिक्योरिटी टीम साये की तरह उनके साथ रहती है. पुतिन को हर परिस्थिति में महफूज रखने वाला 'सुरक्षा चक्र' बेहद खास और बेहद एडवांस है. चलिए आपको पुतिन की सिक्योरिटी के बारे में 10 दिलचस्प बाते बताते हैं.

1. मल-मूत्र वाला सूटकेस

रिपोर्टों से पता चलता है कि जब पुतिन विदेश यात्रा करते हैं, तो उनका मल-मूत्र उनकी सुरक्षा टीम द्वारा एक सूटकेस में जमा किया जाता है, उसे सील किया जाता है और वापस रूस भेज दिया जाता है. दरअसल पुतिन अपनी सेहत के राज को किसी भी कीमत पर बाहर नहीं आने देते. इसलिए अपने मल-मूत्र को भी सुरक्षित रखते हैं. कहा जाता है कि उनके बॉडीगार्ड निजी क्षणों के दौरान भी उनके साथ रहते हैं, जिसमें बाथरूम जाना भी शामिल है.

2- 35 साल में रिटायर हो जाते हैं पुतिन के बॉडीगार्ड

पुतिन के बॉडीगार्ड्स का चुनाव और उनकी ट्रेनिंग बेहद सावधानीपूर्वक किया जाता है. इनमें से अधिकांश फेडरल प्रोटेक्टिव सर्विस अकेडमी (FSO) से निकले होते हैं. उनका इंटरव्यू होता है, पॉलीग्राफ टेस्ट होता है और आखिर में बैकग्राउंड जांचा जाता है. इन बॉडीगार्ड की लंबाई 5.8-6.2 फीट होनी चाहिए, वजन 75-90 किलोग्राम होना चाहिए और वे विदेशी भाषाएं बोलते हैं. उन्हें कठोर सर्दियों के लिए ट्रेन किया जाता है और उन्हें 35 साल की उम्र में ही रिटायर कर दिया जाता है. वे हाई लेबल वाले बैठकों में भी हस्तक्षेप करते हैं, जैसे कि 2025 में किम जोंग उन को पुतिन के बहुत करीब जाने से रोक दिया था.

3- पुतिन के बॉडी डबल्स (नकली पुतिन)

रिपोर्टों से पता चलता है कि पुतिन कभी-कभी बॉडी डबल्स का उपयोग करते हैं, खासकर सार्वजनिक कार्यक्रमों या उच्च जोखिम वाली स्थितियों में जाते समय. यूक्रेन के सैन्य प्रमुख मेजर जनरल किरिल बुडानोव ने दावा किया कि पुतिन कम से कम तीन बॉडी डबल्स का इस्तेमाल करते हैं, जिनमें से कुछ ने उनके जैसा दिखने के लिए प्लास्टिक सर्जरी करवाई है.

4- पुतिन की कार 4 फ्लैट टायरों के साथ भी चल सकती है

अपने प्लेन से लैंड करने के बाद, पुतिन ऑरस मोटर्स और रूस के NAMI संस्थान द्वारा डिजाइन की गई एक कार ऑरस सीनेट में यात्रा करते हैं. यह गाड़ी बुलेटप्रूफ है, ग्रेनेड हमले को भी झेल सकती है. इसमें आग नहीं लग सकती, इमरजेंसी में ऑक्सीजन सप्लाई की सुविधा है और यह एडवांस कमांड सिस्टम से लैश है. खास बात है कि यह कार चारों टायर पंक्चर होने पर भी काम कर सकती है, 249 किमी प्रति घंटे की गति तक पहुंच सकता है और इसमें लक्जरी सुविधाएं हैं.

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5- पुतिन का खास टेलीफोन

किसी भी देश की यात्रा से पहले, रूस की राष्ट्रपति सुरक्षा सेवा के अधिकारी उस देश के अपराध, आतंकवाद, विरोध और धार्मिक परिदृश्य का अध्ययन करते हैं. पुतिन मोबाइल फोन का उपयोग नहीं करते हैं, उनके लिए उस देश में एक अलग टेलीफोन बूथ सहित सुरक्षित संचार लाइनें तैयार की जाती हैं.

6- खाने को पर्सनल लैब में किया जाता है टेस्ट 

पुतिन कथित तौर पर जहर मिले खाने को टेस्ट करने के लिए एक पर्सनल लैब लेकर यात्रा करते हैं. पुतिन होटल स्टाफ का उपयोग नहीं करते हैं बल्कि उनकी अपनी शेफ और हाउसकीपिंग टीम रूस से आती है. एक एडवांस सुरक्षा टीम एक महीने पहले ही होटल का निरीक्षण करती है, वहां से सभी भोजन और अन्य वस्तुओं को हटा देती है और उनके स्थान पर रूस से आए खाद्य सामग्री को रखती है. होटल कभी-कभी केवल इस टीम के लिए एक अलग लिफ्ट की व्यवस्था करते हैं. क्रेमलिन में सभी सामग्रियों की पहले से जांच की जाती है. उनके रसोइये भी ट्रेंड सैन्यकर्मी होते हैं.

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7- प्लेन से ही न्यूक्लियर हमलों का दे सकते हैं कमांड

पुतिन जिस प्लेन में यात्रा करते हैं, वो इल्युशिन IL-96-300 PU है. इसे "फ्लाइंग प्लूटन" कहा जाता है. विमान में उन्नत संचार, मिसाइल सुरक्षा, बैठक कक्ष, एक जिम, एक बार और एक चिकित्सा सुविधा है. इसमें एक इमरजेंसी न्यूक्लियर कमांड बटन भी है, जिससे पुतिन हवा में रहते हुए हमले का कमांड दे सकते हैं. यह प्लेन 262 लोगों को ले जा सकता है और 11,000 किलोमीटर तक बिना रुके उड़ान भर सकता है.

8- बॉडीगार्ड बन जाते हैं मानव ढाल

हमले की स्थिति में बॉडीगार्ड पुतिन के चारों ओर एक मानव ढाल बनाते हैं. फिर पुतिन को उनके ऑरस सीनेट गाड़ी तक ले जाया जाता है. वहां से उन्हें सीधे विशेष रूप से पार्क किए गए प्लेन या बैकअप जेट में ले जाया जा सकता है.

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9- बैकअप जेट

आपात स्थिति के लिए पुतिन के प्लेन के साथ एक या दो बैकअप जेट भी होते हैं. यात्राओं से पहले, उनके बॉडीगार्ड यह सुनिश्चित करने के लिए दो सप्ताह के लिए क्वारनटाइन में रहते हैं कि वे पूरी तरह से तैयार हैं.

10- एंटी-ड्रोन सिस्टम जो हाथ से ही होता है ऑपरेट

पुतिन की सुरक्षा टीम ड्रोन जैसे आधुनिक खतरों को गंभीरता से लेती है. कथित तौर पर उनके एक बॉडीगार्ड को हाथ से कैरी करने लायक एंटी-ड्रोन इंटरसेप्टर के साथ देखा गया है. यह संभवतः किसी भी परिस्थिति में दुश्मन देश के ड्रोन को निष्क्रिय करने या मार गिराने में सक्षम है.

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