राष्ट्रपति पद के भारतीय-अमेरिकी दावेदार विवेक रामास्वामी दोनों देशों में मजबूत संबंधों के पक्षधर

पिछले हफ्ते रिपब्लिकन पार्टी की पहली प्राइमरी बहस के बाद अपनी लोकप्रियता में इजाफा दर्ज करने वाले 38 वर्षीय रामास्वामी ने मंगलवार को अपनी योजनाएं और विदेश नीति संबंधी विचार जाहिर किए.

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भारतीय मूल के अमेरिकी विवेक रामास्वामी
वाशिंगटन:

राष्ट्रपति चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी की उम्मीदवारी हासिल करने की दौड़ में शामिल भारतवंशी विवेक रामास्वामी ने चीन और ताइवान पर अमेरिका की आर्थिक निर्भरता घटाने के लिए भारत, दक्षिण कोरिया और जापान के साथ मजबूत रिश्ते कायम करने की वकालत की है. पिछले हफ्ते रिपब्लिकन पार्टी की पहली प्राइमरी बहस के बाद अपनी लोकप्रियता में इजाफा दर्ज करने वाले 38 वर्षीय रामास्वामी ने मंगलवार को अपनी योजनाएं और विदेश नीति संबंधी विचार जाहिर किए.

रामास्वामी ने रिपब्लिकन पार्टी की उम्मीदवारी की एक अन्य दावेदार निक्की हैली पर निशाना साधा, जिन्होंने विदेश नीति संबंधी मामलों का अनुभव न होने के कारण उनकी आलोचना की थी. उन्होंने कहा, “हम भारत के साथ एक मजबूत साझेदारी कायम करेंगे, जिसमें ताइवान के साथ निकट भविष्य में संघर्ष की स्थिति में मलक्का जलडमरूमध्य को बंद करने की भारतीय प्रतिबद्धता शामिल है. हम चीन और ताइवान पर हमारी आर्थिक निर्भरता घटाने के लिए दक्षिण कोरिया और जापान सहित अन्य सहयोगियों के साथ साझेदारी मजबूत करेंगे.”

उद्यमी से नेता बने रामास्वामी ने कहा कि वह रणनीतिक स्पष्टता के पक्षधर हैं और इस बात की वकालत करते हैं कि जब तक अमेरिका सेमीकंडक्टर स्वतंत्रता हासिल नहीं कर लेता, तब तक उसे ताइवान की मजबूती से रक्षा करनी चाहिए, और जब अमेरिका के लिए जोखिम कम हो, तो वह रणनीतिक अस्पष्टता की मुद्रा फिर से अपना सकता है.

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उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिकियों का जीवन ताइवान में निर्मित अग्रणी सेमीकंडक्टर पर निर्भर करता है और हम चीन के अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर लगभग पूर्ण प्रभुत्व हासिल करने का जोखिम नहीं उठा सकते हैं.''

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रामास्वामी ने कहा, “यह कहकर कि हम ताइवान की रक्षा करेंगे, अमेरिका चीन को निकट भविष्य में द्वीप को अवरुद्ध करने या उस पर आक्रमण करने से दृढ़ता से रोक सकता है. इस बीच, ताइवान को अपने सैन्य खर्च को दोगुना कर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के चार से पांच प्रतिशत के अधिक तर्कसंगत स्तर तक ले जाना चाहिए.''

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उन्होंने कहा कि अमेरिका को हर हफ्ते ताइवान जलडमरूमध्य के माध्यम से कम से कम एक विध्वंसक युद्धपोत रवाना करते हुए तेजी से ताइवान को एंटी-एक्सेस/एरिया डेनियल हथियारों से लैस और प्रशिक्षित करना चाहिए.

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रामास्वामी ने कहा कि अमेरिका को अपनी मातृभूमि की रक्षा क्षमता को भी मजबूत करना चाहिए, जो वर्तमान में चीन के साथ संघर्ष के मद्देनजर संवेदनशील स्थिति में पहुंच गई है और इसमें परमाणु, सुपर इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स, साइबर एवं अंतरिक्ष रक्षा क्षमताओं में सुधार शामिल है.

उनकी अभियान टीम ने कहा कि रामास्वामी अमेरिका के राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी हासिल करने की दौड़ में शामिल एकमात्र दावेदार हैं, जिन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि अमेरिका ताइवान की रक्षा करेगा.

रामास्वामी ने कहा, “मैं राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी हासिल करने की दौड़ में शामिल एकमात्र दावेदार हूं, जो इस बात की आवश्यकता को स्पष्ट करता है कि हम ताइवान की रक्षा करें. अमेरिका फिलहाल ताइवान को एक राष्ट्र के रूप में भी मान्यता नहीं देता है. डेमोक्रेट और रिपब्लिकन दोनों पार्टियां निर्विवाद रूप से 'एक चीन' नीति का समर्थन करते हैं और द्वीप के प्रति ‘रणनीतिक अस्पष्टता' को अपनाते हैं.''

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