पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (PM Shehbaz Sharif) को व्लादिमिर पुतिन (Vladimir Putin) से मुलाकात के दौरान "भारी बेइज्ज़ती" का सामना करना पड़ा. यह मीटिंग उज़बेकिस्तान (Uzbekistan) में हो रहे क्षेत्रीय सम्मेलन, शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की वार्षिक बैठक से इतर हुई. इस दौरान शहबाज़ शरीफ का हेडफोन गिर पड़ा और इस दौरान पुतिन हंस पड़े. शहबाज़ शरीफ अपना हेडफोन समरकंद में नहीं संभाल पाए जहां 22वीं एससीओ बैठक हो रही है. इससे पुतिन को साफ तौर पर हंसी आ गई, जिसे सुना भी गया.
शुरुआत में, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को हेडफोन फिक्स करने में कुछ समय लगा, फिर इसके बाद उन्होंने एक अधिकारी से मदद मांगी. इस दौरान पुतिन अपना हेडफोन लगा कर इंतजार करते रहे. लेकिन जैसे शहबाज शरीफ के कान में हेडफोन लगा, और मीटिंग शुरू होने को हुई, शहबाज शरीफ के कान से हेडफोन गिर पड़ा और पुतिन अपनी हंसी पर नियंत्रण नहीं कर पाए.
इसके बाद सोशल मीडिया पर शहबाज़ शरीफ की आलोचना हो रही है. पाकिस्तान के पू्र्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी ने दावा किया है कि यह लम्हा देश के लिए "शर्मनाक़" रहा.
दो साल बाद पहली बार शंघाई सहयोग संगठन के देशों की आमने-सामने बैठक हो रही है. पिछले दो साल कोविड महामारी के डर के कारण इसे वर्चुअली आयोजित किया गया. इस बैठक में आठ सदस्य देशों के नेता पहुंचे हैं. प्रधानमंत्री मोदी, पिछली रात समरकंद पहुंचे.
इसके अलावा शहबाज शरीफ की बेलारूस के नेता के साथ हुई बैठक की भी आलोचना हो रही है जिसमें एक फोटो में साफ दिखता है कि बेलारूस के अधिकारी हाथ में कागज पेन लेकर बैठे हैं और मीटिंग के नोट्स बना रहे हैं जबकि शहबाज शरीफ की ओर बैठे हुए पाकिस्तानी अधिकारी खाली हाथ बैठे हैं और ऊंघ रहे है .
पीटीआई के सदस्य शिरीन मज़ारी ने ्ट्वीट किया है, " जब आप वहां केवल मुफ्त की ट्रिप पर होते हैं और अपने देश के बारे में फिक्र नहीं करते, तब आप मीटिंग के दौरान सोते हैं, जब दूसरा पक्ष नोट बना रहा होता है. एससीओ में आयातित सरकार का शर्मनाक व्यवहार."