लंदन में ‘किल द बिल’विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसक झड़प, 107 प्रदर्शनकारी गिरफ्तार

पुलिस और अपराध विधेयक के विरोध में ‘किल द बिल’ प्रदर्शन बर्मिंघम, लीवरपुल, मैनचेस्टर, ब्रिस्टल, न्यूकैसल, ब्राइटन, बॉर्नेमाउथ, वेमाउथ और लूटन में भी हुए.लंदन में प्रदर्शन को संबोधित करने वालों में लेबर पार्टी के पूर्व नेता जेरेमी कोर्बिन भी थे.

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Police and Crime Bill के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है
लंदन:

ब्रिटेन में पुलिस की शक्तियां बढ़ाने संबंधी सरकार की योजनाओं के खिलाफ लंदन में जोरदार प्रदर्शन हो रहे हैं. रविवार को हुए ‘किल द बिल' प्रदर्शन के दौरान पुलिस अधिकारियों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प के बाद कम से कम 107 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. ब्रिटेन के कई अन्य शहरों मे भी इस कानून के खिलाफ कई दिनों से प्रदर्शन हो रहे हैं. हालांकि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का कहना है कि बिल में ऐसे कोई असीमित अधिकार पुलिस को नहीं दिए गए हैं

पुलिस ने कहा कि मेट्रोपोलिटन पुलिस ने प्रदर्शनकारियों की भीड़ को तितर-बितर करने का प्रयास किया और इस दौरान पुलिस पर पत्थर एवं अन्य वस्तुएं फेंकी गईं. लंदन मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने बताया था कि झड़प के दौरान कम से कम 10 अधिकारी घायल हो गए.मेट्रोपोलिटन पुलिस ने रविवार को बताया कि पुलिस पर हमला करने और शांति भंग करने समेत विभिन्न अपराधों के लिए गिरफ्तारियां की गईं.

लंदन के ‘पार्लियामेंट स्क्वैयर' में शनिवार को पुलिस अभियान का नेतृत्व करने वाले कमांडर एडे एडेलेकन ने कहा कि अधिकतर प्रदर्शनकारियों ने सामाजिक दूरी का पालन किया और पुलिस के निर्देशों का पालन किया, लेकिन कुछ प्रदर्शनकारियों ने अधिकारियों की बात मानने से इनकार कर दिया. विरोध कर रहे लोगों से निपटने के लिए पुलिस की शक्तियां बढ़ाने से संबंधित विधेयक के खिलाफ ब्रिटेन में विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शन हो रहे हैं, जिन्हें ‘किल द बिल' नाम दिया गया है.

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पुलिस और अपराध विधेयक के विरोध में ‘किल द बिल' प्रदर्शन बर्मिंघम, लीवरपुल, मैनचेस्टर, ब्रिस्टल, न्यूकैसल, ब्राइटन, बॉर्नेमाउथ, वेमाउथ और लूटन में भी हुए.लंदन में प्रदर्शन को संबोधित करने वालों में लेबर पार्टी के पूर्व नेता जेरेमी कोर्बिन भी थे. कोर्बिन ने कहा कि इस विधेयक के कारण पुलिस की अनुमति के बगैर प्रदर्शन नहीं किया जा सकेगा. उन्होंने कहा, ‘प्रदर्शन के अधिकार के लिए खड़े होइए, अपनी आवाज सुनाने के अधिकार के लिए खड़े होइए.'

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