- अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत पर कुल मिलाकर 50% टैरिफ लगाया है जो व्यापारिक संबंधों को प्रभावित कर रहा है.
- अमेरिकी सदन के डेमोक्रेट्स ने ट्रंप के भारत पर टैरिफ लगाने के फैसले की आलोचना करते हुए इसे पक्षपाती बताया है.
- डेमोक्रेट्स ने कहा कि चीन जैसे बड़े रूसी तेल खरीदारों पर कोई टैरिफ नहीं लगाया गया है, नीति में असमानता दिख रही
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत वाला टैरिफ बम फोड़ा है और अब उनका खुद घर के अंदर विरोध हो रहा है. अमेरिकी सदन की विदेश मामलों की समिति में डेमोक्रेट्स पार्टी ने रूसी तेल की खरीद पर केवल भारत को निशाना बनाने के लिए ट्रंप और उनके प्रशासन की आलोचना की है. उन्होंने साफ शब्दों में कहा है कि रूस के सबसे बड़े कच्चे तेल खरीदार में से एक चीन पर कोई जुर्माने वाला टैरिफ नहीं लगाया गया है.
डेमोक्रेट्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक बयान में कहा, "चीन या बड़ी मात्रा में रूसी तेल खरीदने वाले अन्य देशों पर प्रतिबंध लगाने के बजाय, ट्रंप ने सिर्फ भारत पर टैरिफ लगाया है. इसने अमेरिकियों को नुकसान पहुंचाया और इस प्रक्रिया में अमेरिका-भारत संबंधों को नुकसान पहुंचाया है."
उन्होंने कहा, "यह ऐसा प्रतीत होता है जैसे यह यूक्रेन से जुड़ा है ही नहीं."
इस पैनल ने न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, "यह एक बात होती अगर ट्रंप प्रशासन ने रूसी तेल खरीदने वाले सभी देशों पर द्वितीयक प्रतिबंधों (सेकेंडरी सैंक्शंस) को लगाने का विकल्प चुना होता. लेकिन केवल भारत पर ध्यान केंद्रित करने के निर्णय के परिणामस्वरूप शायद सभी में से सबसे अधिक भ्रमित करने वाला नीतिगत परिणाम सामने आया है: चीन, रूसी ऊर्जा का सबसे बड़ा आयातक, अभी भी डिस्काउंट कीमतों पर तेल खरीद रहा है और अब तक इसी तरह की सजा से बचा हुआ है."
ट्रंप ने भारत पर रूस से तेल खरीदने के लिए अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया है. इससे पहले महीने की शुरुआत में व्यापार घाटे के आधार पर भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया गया था. यानी अब कुल मिलाकर अमेरिका में भारत से निर्यात हो रहे वस्तुओं पर 50 प्रतिशत टैरिफ लग रहा है.
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का अनुमान है कि टैरिफ से 48.2 बिलियन डॉलर के निर्यात पर असर पड़ेगा. हालांकि, पीएम मोदी और भारत ने दबाव में पीछे न हटने की बात कही है. फिलहाल, अमेरिका ने फार्मास्यूटिकल्स और इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसे कुछ क्षेत्रों को अतिरिक्त टैरिफ से छूट दे दी है.