भारत को चीन सीमा के लिए जरूरी साजो सामान से सहयोग जारी रखेगा US : शीर्ष एडमिरल

भारत और चीन ने शुक्रवार को पूर्वी लद्दाख में कुछ शेष टकराव वाले बिंदुओं पर 22 महीने के लंबे गतिरोध के समाधान के लिए उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता का एक और दौर आयोजित किया.

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
प्रतीकात्मक तस्वीर.
वाशिंगटन:

अमेरिका के एक शीर्ष एडमिरल ने अमेरिकी सांसदों से कहा है कि अमेरिका और भारत एक ‘जबरदस्त साझेदार' हैं और देश भारत को चीन के साथ लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के लिए जरूरी साजो सामान और अन्य चीजों से सहयोग करना जारी रखेगा. अमेरिका हिंद-प्रशांत कमान के कमांडर एडमिरल जॉन एक्विलिनो ने इस सप्ताह ‘सीनेट आर्मड सर्विसेज कमेटी आन मिलिट्री पोस्चर' के समक्ष कहा कि दोनों देशों की सेनाओं के बीच संबंध संभवत: शीर्ष बिंदु पर हैं. वह सीनेटर गैरी पीटर्स के एक सवाल का जवाब दे रहे थे.

पीटर्स ने सवाल किया था, ‘एडमिरल, आपके लिए मेरा प्रश्न है कि क्या आप हमारे भारतीय समकक्षों के साथ अपने संबंधों के बारे में बात कर सकते हैं और हम दोनों देशों के बीच अपने सुरक्षा संबंधों को मजबूत करने के लिए और क्या कर सकते हैं?'

इसके जवाब में एडमिरल एक्विलिनो ने कहा, ‘सीनेटर, मुझे कोई चिंता नहीं है. भारत में हमारे सहयोगी जबरदस्त साझेदार हैं, दोनों देशों की सेनाओं के बीच संबंध शायद अपने उच्चतम बिंदु पर है. हम एकसाथ और अधिक करना जारी रखे हुए हैं.'

Advertisement

उन्होंने कहा, ‘हालांकि जब आप जबरदस्त साझेदारी के बारे में बात करते हैं, तो यह मौजूद है. हम और क्या कर सकते हैं? जानकारी साझा करना जारी रखें, वास्तविक नियंत्रण रेखा पर उन्हें आवश्यक उपकरणों के साथ उनका समर्थन करना जारी रखें और पूरे क्षेत्र में एकसाथ भागीदारी और संचालन जारी रखें.'

Advertisement

उनकी यह टिप्पणी इसके मद्देनजर महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत और चीन ने शुक्रवार को पूर्वी लद्दाख में कुछ शेष टकराव वाले बिंदुओं पर 22 महीने के लंबे गतिरोध के समाधान के लिए उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता का एक और दौर आयोजित किया.

Advertisement

पैंगोंग झील क्षेत्रों में हिंसक झड़प के बाद 5 मई, 2020 को भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध शुरू हो गया.

Advertisement

सीनेट की समिति के समक्ष एडमिरल एक्विलिनो ने अमेरिका और भारत के बीच सैन्य अभ्यास का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा, ‘‘जापान, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और भारत के साथ मालाबार अभ्यास महत्वपूर्ण है. भारतीयों के साथ ‘मिनी लेटरल' और बहुपक्षीय जुड़ाव बढ़ाया और अंततः उन्हें उपकरण बेचना जारी रखा ताकि हम सैन्य क्षेत्र में एक साथ अधिक अंतःक्रियाशील और अधिक प्रभावी हो सकें.''

हिंद-प्रशांत सुरक्षा मामलों के लिये सहायक रक्षा सचिव एली रैटनर ने बुधवार को हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर कांग्रेस की बैठक के दौरान सदन की सशस्त्र सेवा समिति के सदस्यों को बताया कि उनका मानना है कि अमेरिका-भारत रक्षा संबंधों में ''अविश्वसनीय प्रवाह'' है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि भारत के साथ संबंध को लेकर कुछ चुनौतियां भी हैं.

उन्होंने कहा, ''मुझे लगता है कि उनसे (चुनौतियों से) निपटा जा सकता है और हम संबंधों को प्रगाढ़ बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं.'' रैटनर ने कहा, ''अप्रैल के आरंभ में हम यहां बहुप्रतीक्षित ‘टू प्लस टू' वार्ता करने जा रहे हैं.''

अमेरिका-भारत के बीच पिछली ‘टू प्लस टू' वार्ता 2020 में नयी दिल्ली में हुई थी. अगली बैठक की मेजबानी अमेरिका वाशिंगटन में करेगा. ‘टू प्लस टू' मंत्रिस्तरीय वार्ता दोनों पक्षों के विदेश और रक्षा मंत्रियों के बीच होती है.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Holi 2025: Banaras की मशहूर मसाने की होली का अनोखा अंदाज़ | Happy Holi 2025 | NDTV India
Topics mentioned in this article