अमेरिका में भारतीय छात्रों पर आफत! स्टूडेंट वीजा पर ट्रंप की सख्ती से भारत ने देखी 45% गिरावट, चीन आगे निकला

डोनाल्ड ट्रंप की सख्ती के बाद अगस्त में अमेरिका ने लगभग 1/5th कम स्टूडेंट वीजा जारी किए हैं. सबसे बड़ा असर भारतीय स्टूडेंट्स पर पड़ा है, उनको जारी होने वाले वीजा में भारी गिरावट आई है.

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Donald Trump Immigration Policy: स्टूडेंट वीजा पर ट्रंप की सख्ती से भारत ने देखी 45% गिरावट
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  • अमेरिका ने अगस्त में स्टूडेंट वीजा जारी करने में 19.1% की कमी की है, सबसे बड़ा असर भारतीय छात्रों पर पड़ा है
  • भारत के लिए जारी स्टूडेंट वीजा में पिछले साल के मुकाबले 44.5 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज हुई है
  • अमेरिका ने H-1B वीजा पर नया शुल्क लगाया है, जिसका प्रभाव विशेष रूप से भारतीय टेक कर्मचारियों पर पड़ा है
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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी संरक्षणवादी नीति को लागू करते हुए दूसरे देशों के स्टूडेंट्स के लिए भी अमेरिका के दरवाजे बंद करने शुरू कर दिए हैं. ट्रंप की सख्ती के बाद अगस्त में अमेरिका ने लगभग 1/5th कम स्टूडेंट वीजा जारी किया है. सबसे बड़ा असर भारतीय स्टूडेंट्स पर पड़ा है, उनको जारी होने वाले वीजा में भारी गिरावट आई है. भारत को पछाड़कर अब अमेरिका में पढ़ने के लिए अपने स्टूडेंट्स को भेजने वाला सबसे बड़ा ओरिजिन देश चीन बन गया है. न्यूज एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार सोमवार, 6 अक्टूबर को जारी आंकड़ों से यह पता चला.

इंटरनेशनल ट्रेड कमिशन के अनुसार, अमेरिका ने अगस्त में 313,138 स्टूडेंट वीजा जारी किए, जो 2024 के इसी महीने से 19.1 प्रतिशत कम है. अगस्त अमेरिका के तमाम यूनिवर्सिटी के लिए सबसे कॉमन शुरुआती महीना है.

भारत को सबसे बड़ा झटका, चीन को तरजीह

पिछले साल अमेरिका में आए सबसे अधिक विदेशी स्टूडेंट भारत से थे. लेकिन अब भारत ही सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. एक साल पहले की तुलना में भारत के लिए 44.5 प्रतिशत कम स्टूडेंट वीजा जारी हुए हैं. भारत के मामले में ही सबसे नाटकीय गिरावट देखी गई है.

चीनी स्टूडेंट्स के लिए वीजा जारी करने में भी गिरावट आई है लेकिन भारत के जैसे दर से नहीं. अमेरिका ने अगस्त में मेन लैंड चीन के छात्रों को 86,647 वीजा जारी किए, जो भारतीयों को जारी किए गए वीजा से दोगुने से भी अधिक है. हालांकि यह आंकड़े अमेरिका में रहने वाले भारतीय छात्रों की कुल संख्या को नहीं दिखाते हैं. इनमें से कई पहले से जारी वीजा पर अमेरिका में रहते हैं.

भारत को सबसे अधिक डेंट क्यों?

व्हाइट हाउस में लौटने के बाद से डोनाल्ड ट्रंप ने इमिग्रेशन पर अंकुश लगाने और अमेरिका की यूनिवर्सिटीज को कंट्रोल में करने को सबसे बड़ी प्राथमिकता दी है. ट्रंप और उनका प्रशासन यूनिवर्सिटीज को वामपंथ के प्रमुख शक्ति आधार के रूप में देखता है.

अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने जून में स्टूडेंट वीजा की प्रक्रिया को कुछ समय के लिए निलंबित कर दिया था. जबकि यही स्टूडेंट वीजा जारी करने के लिए व्यस्ततम महीना होता है. उन्होंने आदेश जारी किया था कि अमेरिकी दूतावास वीजा के लिए अप्लाई करने वालों के सोशल मीडिया की जांच करें.

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विशेष रूप से भारतीयों को प्रभावित करने वाले नियमों में, ट्रंप सरकार ने आवेदकों के लिए अपने देशों में अमेरिकी वाणिज्य दूतावासों के अधिकार क्षेत्र के बाहर वीजा के लिए आवेदन करना अधिक कठिन बना दिया है, भले ही बैकलॉग हो.

ट्रंप लगातार भारत को निशाने पर ले रहे हैं, जबकी दशकों से अमेरिका की दोनों पार्टियों के नीति निर्माताओं ने भारतीयों का स्वागत किया है. ट्रंप ने H-1B वीजा पर भी भारी नया शुल्क लगाया है, जिसका उपयोग बड़े पैमाने पर भारतीय टेक कर्मचारी करते हैं.

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