अमेरिकी अंतरिक्ष यान ओडीसियस अब भी कर रहा काम, 22 फरवरी को चंद्रमा पर हुआ था लैंड

अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने 1972 में आखिरी बार चंद्रमा से जुड़े मिशन को चांद की सतह पर उतारा था. इसलिए भी ओडीसियस बेहद चर्चा में है.

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नई दिल्‍ली:

साल 1972 के बाद पहली बार राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन (नासा) का यान फरवरी 2024 में चांद पर उतरा, जिसने बहुत अच्‍छा प्रदर्शन किया. उड़ान नियंत्रकों के अनुसार, 1972 के बाद से चंद्रमा पर उतरने वाला पहला अमेरिकी अंतरिक्ष यान ओडीसियस, चंद्रमा की सतह पर अपने अंतिम पांचवें दिन के अंत के करीब है... इसकी बैटरी अंतिम घंटों में है और यह अभी तक सक्रिय है. 

रॉयटर की रिपोर्ट के मुताबिक, टेक्सास स्थित इंटुएटिव मशीन्स ने मंगलवार को एक ऑनलाइन अपडेट में कहा कि ह्यूस्टन में उसका नियंत्रण केंद्र लैंडर के संपर्क में रहा, क्योंकि उसने "कंपनी के मिशन को आगे बढ़ाने के लिए पेलोड सांइस डेटा और इमेजरी को कुशलतापूर्वक भेजा."

‘इंट्यूटिव मशीन्स' का लैंडर ओडीसियस यह 22 फरवरी 2024 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरा था. हालांकि, अंतरिक्ष यान के चंद्रमा की सतह पर उतरते समय कुछ गड़बड़ी हो गई थी. झुकी हुई स्थिति में उतरने के कारण इसकी संचार और सौर-चार्जिंग क्षमता को बाधित कर दिया था. इंटुएटिव मशीन्स ने अगले दिन बताया कि लैंडिंग संबंधी समस्या के लिए मानवीय त्रुटि जिम्मेदार थी. एक इंट्यूएटिव एक्जीक्यूटिव ने शनिवार को रॉयटर्स को बताया कि समय और पैसा बचाने के लिए प्री-लॉन्च जांच के दौरान लेजर सिस्टम की टेस्ट-फायरिंग को छोड़ने के कंपनी के फैसले से सुरक्षा स्विच में चूक हुई. 

इंट्यूएटिव अधिकारियों के अनुसार, रेंज फ़ाइंडर्स की विफलता और वर्क-अराउंड के अंतिम समय में प्रतिस्थापन के कारण अंततः ओडीसियस को ऑफ-किल्टर तरीके से उतरना पड़ा या नहीं, यह एक बड़ा प्रश्न बना हुआ है. कंपनी ने पिछले शुक्रवार को कहा कि अंतरिक्ष यान के दो संचार एंटीना खराब हो गए थे... ये गलत दिशा की ओर इशारा कर रहे थे और इसके सौर पैनल भी गलत दिशा की ओर थे, जिससे यान की बैटरी को रिचार्ज करने की क्षमता सीमित हो गई थी.

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