निक्सन-कैनेडी से लेकर ट्रंप-बाइडेन तक... ये हैं अमेरिका के 5 सबसे चर्चित प्रेसिडेंशियल डिबेट

अमेरिका में होने वाली प्रेसिडेंशियल डिबेट के इतिहास की बात करें तो इसकी परंपरा 64 साल पुरानी है. साल 1960 में पहली बार डेमोक्रेटिक पार्टी के जॉन एफ कैनेडी और रिपब्लिकन पार्टी के रिचर्ड निक्सन के बीच प्रेसिडेंशियल डिबेट हुई थी.

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कैनेडी ने डिबेट के दौरान निक्सन के पसीने छुड़ा दिए थे. बाद में चुनाव में निक्सन हार गए थे और कैनेडी राष्ट्रपति बने थे.
नई दिल्ली:

अमेरिका में इस साल 5 नवंबर को राष्ट्रपति के चुनाव होने हैं. रिपब्लिकन पार्टी के कैंडिडेट डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी की कैंडिडेट कमला हैरिस राष्ट्रपति की रेस में शामिल हैं. अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से पहले उम्मीदवारों के बीच अहम मुद्दों पर बहस कराई जाती है. इसके आधार पर वोटर्स उम्मीदवारों को लेकर अपनी राय बनाते हैं. इसे प्रेसिडेंशियल डिबेट कहा जाता है. 28 जून को जो बाइडेन (Joe Biden) और डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के बीच पहली डिबेट हुई थी. इसमें ट्रंप को विजेता घोषित किया गया था. हालांकि, उसके बाद बाइडेन ने उम्मीदवारी वापस ले ली और कमला हैरिस ने कैंपेन शुरू किया. ऐसे में कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप के बीच दूसरी प्रेसिडेंशियल डिबेट होने जा रही है.

अमेरिका के समय के हिसाब से मंगलवार रात 9 बजे मौजूदा उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच प्रेसिडेंशियल डिबेट होगी. दूसरे प्रेसिडेंशियल डिबेट को ABC News मीडिया होस्ट कर रहा है. ये डिबेट फिलाडेल्फिया स्थित नेशनल कॉन्स्टिट्यूशनल सेंटर में हो रही है. भारत के समय के हिसाब से डिबेट का टाइम बुधवार सुबह 6:30 बजे से सुबह 8 बजे तक है.

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अमेरिका में प्रेसिडेंट इलेक्शन से पहले ऐसी दो डिबेट कराई जाती है. अमेरिका में होने वाली प्रेसिडेंशियल डिबेट के इतिहास की बात करें, तो इसकी परंपरा 64 साल पुरानी है. साल 1960 में पहली बार डेमोक्रेटिक पार्टी के जॉन एफ कैनेडी और रिपब्लिकन पार्टी के रिचर्ड निक्सन के बीच प्रेसिडेंशियल डिबेट हुई थी.

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यह डिबेट अमेरिका के इतिहास में पहली अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए होने वाली टीवी डिबेट थी. इस डिबेट ने अमेरिकी राजनीति को हमेशा के लिए बदल दिया. कैनेडी ने डिबेट के दौरान निक्सन के पसीने छुड़ा दिए थे. बाद में चुनाव में निक्सन हार गए थे और कैनेडी राष्ट्रपति बने थे. आइए अमेरिका के चुनावी इतिहास में हुए ऐसे 5 डिबेट के बारे में जानते हैं, जो सबसे ज्यादा चर्चा में रहे:-

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रिचर्ड निक्सन vs जॉन एफ कैनेडी (1960 का चुनाव)
अमेरिका में साल 1960 में हुए राष्ट्रपति चुनाव में पहली बार प्रेसिडेंशियल डिबेट हुई थी. तत्कालीन राष्ट्रपति और रिपब्लिकन कैंडिडेट रिचर्ड निक्सन (Richard Nixon)और डेमोक्रेटिक पार्टी के कैंडिडेट जॉन एफ कैनेडी (John F Kennedy) के बीच 26 सितंबर 1960 में ये डिबेट हुई. दोनों नेताओं ने न सिर्फ चुनाव के नतीजों पर बड़ा प्रभाव डाला, बल्कि एक नए युग की शुरुआत भी की. इसमें पब्लिक इमेज बनाना, ब्रांड वैल्यू, मीडिया के जरिए पीआर और कैंपने शामिल थे. इस डिबेट के बाद पहली बार लोकतांत्रिक प्रक्रिया में टेलीविज़न की केंद्रीय भूमिका की भी घोषणा हुई. 

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इस डिबेट में पूरे समय तक कैनेडी, निक्सन पर हावी रहे थे. बहस के दौरान उम्रदराज निक्सन काफी थके हुए लग रहे थे. उनके चेहरे पर झुर्रियां और बढ़ती उम्र की निशानियां साफ दिख रही थीं. जबकि जॉन एफ कैनेडी ने मेकअप कर रखा था. लिहाजा वो युवा और जोशीले लीडर लग रहे थे. इस डिबेट को CBS मीडिया ने होस्ट किया था. CBS के चीफ फ्रैंक स्टैंटन ने तब कहा था, "कैनेडी ब्रॉन्ज की तरह चमक रहे थे. जबकि निक्सन मौत की तरह लग रहे थे."

टीवी पर बहस का फायदा कैनेडी को मिला. व्यूअर्स को लगा कि उन्होंने जीत हासिल की, जबकि रेडियो पर डिबेट सुनने वालों ने सोचा कि निक्सन जीत रहे हैं. हालांकि, कैनेडी इस डिबेट के विनर हुए और बाद में उन्हें इलेक्शन में भी जीत हासिल हुई.  कैनेडी ने अमेरिका के 35वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली.

जिमी कार्टर VS गेराल्ड रुडोल्फ फोर्ड जूनियर (1976 का चुनाव)
अमेरिका में 1976 के चुनाव में जिमी कार्टर और जेराल्ड रुडोल्फ फोर्ड आमने-सामने थे. उनके बीच 6 अक्टूबर को डिबेट हुई थी. ये अमेरिका के इतिहास की दूसरी डिबेट थी. वॉटरगेट स्कैम के बाद निक्सन को इस्तीफा देना पड़ा, जिसके बाद फोर्ड ने राष्ट्रपति पद संभाला था. वो रिपब्लिकन पार्टी की ओर से नॉमिनेशन को मामूली अंतर से सुरक्षित करने में कामयाब रहे थे. डिबेट में कार्टर ने फोर्ड को मामूली मार्जिन से हरा दिया था. जिमी कार्टर की 33 पॉइंट की बढ़त सिंगल नंबर से कम हो गई थी.

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कार्टर और फोर्ड की बहस रूस-अमेरिका के बीच चल रहे शीत युद्ध के दौरान हुई थी. डिबेट में जेराल्ड फोर्ड ने कह दिया कि रूस का पूर्वी यूरोप पर किसी तरह का दबदबा नहीं है. जबकि, अमेरिका में बच्चा-बच्चा तक ये जानता था कि पूर्वी यूरोप के ज्यादातर देशों पर सोवियत रूस का असर था. फोर्ड की ये बात सुनकर डिबेट के मॉडरेटर न्यूयॉर्क टाइम्स के पत्रकार मैक्स फ्रैंकल खुद को रोक नहीं पाए, कार्टर के बजाय उन्होंने ही फोर्ड के दावे का खंडन कर दिया. इस विवाद की वजह से फोर्ड 1976 के चुनाव में हार गए. कार्टर ने अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली.

जॉर्ज बुश सीनियर vs क्लिंटन vs पेरोट (1992 का चुनाव)
अमेरिका में 1992 के इलेक्शन के लिए हुआ प्रेसिडेंशियल डिबेट कई मायनों में अनूठी थी. पहली बार टाउन हॉल मीटिंग की तरह डिबेट हुई. जिमें कैंडिडेट पोडियम के पीछे खड़े होने के बजाय स्टूल पर बैठे थे. डिबेट में ऑडिएंस भी बैठी थी. डिबेट में रिपब्लिकन पार्टी से बुश सीनियर, डेमोक्रेटिक पार्टी से बिल क्लिंटन और रिफॉर्म पार्टी के उम्मीदवार रॉस पेरोट शामिल हुए थे.

यह पहली बार था जब प्रेसिडेंशियल डिबेट में तीन कैंडिडेट ने स्टेज शेयर की थी. डिबेट में फॉरिन पॉलिसी और डोमेस्टिक पॉलिसी को लेकर सवाल किए गए थे. CNN/USA TODAY ने डिबेट के विनर के लिए पोल किया था. पोल में रॉस पेरोट विनर हुए थे. उन्हें 47 पर्सेंट वोट मिले. क्लिंटन को 30 पर्सेंट वोट मिले. जबकि बुश को महज 16 पर्सेंट वोट मिले थे. हालांकि, चुनाव में बिल क्लिंटन को जीत मिली थी. वो 42वें राष्ट्रपति चुने गए थे.

डिबेट के दौरान बुश की एक तस्वीर बहुत वायरल हुई थी. ऑडिएंस में खड़े एक मेंबर ने बुश से आर्थिक मंदी से जुड़ा एक सवाल पूछ लिया था. जब ये सवाल पूछा जा रहा था, तो बुश अपनी घड़ी देख रहे थे. वो सवाल ठीक से सुन भी नहीं पाए. उनके इस जेस्चर को लेकर अखबारों ने लिखा कि बुश डिबेट में बुरी तरह बोर हो गए और वे ज्यादा देर तक इसका हिस्सा नहीं बने रहना चाहते थे. इससे लोगों के बीच गलत मैसेज गया. इसके बाद वो चुनाव हार गए.

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बुश जूनियर vs गोर (2000 का इलेक्शन)
इस चुनाव में जॉर्ज बुश सीनियर के बेटे बुश जूनियर और एल गोर (अल्बर्ट गोर) के बीच मुकाबला हुआ था. यह अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव देश के लगभग ढाई शताब्दी लंबे इतिहास में सबसे करीबी मुकाबला माना जाता है. पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज एचडब्ल्यू बुश के सबसे बड़े बेटे जॉर्ज डब्ल्यू बुश और उपराष्ट्रपति अल गोर से लोकप्रिय वोट हार गए थे. हालांकि, उन्होंने राष्ट्रपति पद का दावा करने के लिए इलेक्टोरल कॉलेज में जरूरी 270 वोटों से एक वोट ज्यादा हासिल किया. इसके बाद बुश जूनियर 2000 में अमेरिका के 43वें राष्ट्रपति चुने गए थे.

जो बाइडेन vs डोनाल्ड ट्रंप (2024 का इलेक्शन)
2024 के चुनाव के लिए 28 जून को पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट हुई थी. राष्ट्रपति जो बाइडेन (डेमोक्रेटिक पार्टी) और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (रिपब्लिकन पार्टी) ने लोकतंत्र, राष्ट्रीय सुरक्षा, रूस-यूक्रेन युद्ध, इजरायल-गाजा युद्ध, टैक्स सिस्टम, चीन के साथ रिश्ते, इमिग्रेशन पॉलिसी समेत तमाम मुद्दों पर बहस की. इस दौरान दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर निजी हमले करते हुए गंभीर आरोप भी लगाए. डोनाल्ड ट्रंप ने जो बाइडेन पर आरोप लगाया कि उन्हें चीन से पैसे मिलते हैं. जबकि बाइडेन ने ट्रंप को पोर्न स्टार मामले को लेकर घेरा.

डिबेट होस्ट करने वाले CNN मीडिया नेटवर्क ने अपने पोल में डोनाल्ड ट्रंप को प्रेसिडेंशियल डिबेट का विजेता घोषित किया. इसके साथ ही न्यूयॉर्क टाइम्स, BBC, अलजजीरा और वॉशिंगटन पोस्ट ने भी अपने-अपने सर्वे में बाइडेन के मुकाबले ट्रंप को प्रभावशाली लीडर बताया. इस डिबेट के कुछ दिन बाद ट्रंप पर जानलेवा हमला हुआ था. हमले में ट्रंप बाल-बाल बच गए थे. इसके कुछ दिनों बाद बढ़ती उम्र का हवाला देते हुए बाइडेन ने नॉमिनेशन वापस ले लिया और कमला हैरिस ने कैंपेन शुरू किया.

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