US Election 2024: अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव के वे अनजाने तथ्य, जिन्हें आपका जानना जरूरी है

अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव पांच नवंबर को कराया जाएगा. इसके अलावा इस बार सीनेट के 34 सदस्यों और हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव के सदस्यों के साथ-साथ 11 राज्यों में गवर्नर का भी चुनाव हो रहा है. आइए इस चुनाव से जुड़े तथ्यों से आपको अवगत कराते हैं.

विज्ञापन
Read Time: 7 mins
नई दिल्ली:

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में अब एक हफ्ते से भी कम का समय रह गया है.चुनाव जीतने के लिए डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन धड़े ने जी-जान लगा दिया है.इस बार राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव के साथ-साथ सीनेट के 34 सदस्यों और हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव के सदस्यों और 11 राज्यों में गवर्नर का भी चुनाव हो रहा है. आइए हम अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से जुड़े उन आंकड़ों के बारे में बताते हैं, जो इस चुनाव की दशा और दिशा के साथ-साथ अमेरिकी संसद के भविष्य को भी निर्धारित करेंगे. 

राष्ट्रपति चुनाव में किनके बीच है मुकाबला

अमेरिका में पांच नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान होगा.डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस और रिपब्लिकन पार्टी की उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप दोनों अपनी जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रहे हैं.दोनों ने इस चुनाव में महत्वपूर्ण स्विंग स्टेट में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है.इन राज्यो में दोनों उम्मीदवारों में कांटे की टक्कर है.

अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति को चुनने के लिए 18 करोड़ 65 लाख अमेरिकी नागरिक पात्र मतदाता हैं. अमेरिका के सभी 50 राज्यों के मतदाता हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव के सदस्यों का चुनाव भी करेंगे.हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव के सभी 435 सीटों पर चुनाव हो रहा है.अमेरिका के हर राज्य के लिए हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव के लिए चुने जाने वाले सदस्यों की एक संख्या निर्धारित है. यह संख्या उस राज्य की जनसंख्या पर निर्भर करती है.

अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति को चुनने के लिए 18 करोड़ 65 लाख अमेरिकी नागरिक पात्र मतदाता हैं
Photo Credit: AFP

अमेरिकी क्षेत्रों से हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव के लिए छह सदस्य चुने जाते हैं.इन सदस्यों के पास मतदान का अधिकार नहीं होता है.ये छह अमेरिकी क्षेत्र हैं- कोलंबिया डिस्ट्रिक्ट, अमेरिकी समोआ, गुआम, प्यूर्टो रिको, उत्तरी मारियाना द्वीप और यूएस वर्जिन द्वीप समूह. प्यूर्टो रिको को छोड़कर बाकी के क्षेत्रों के सदस्य हर दो साल पर चुने जाते हैं.प्यूर्टो रिको से सदस्य चार साल में एक बार चुने जाते हैं.

अमेरिकी सीनेट की कीतनी सीटों पर हो रहा है चुनाव 

अमेरिकी सीनेट की 100 में से 33 सीटों पर इस बार चुनाव हो रहा है.वहीं एक सीट का फैसला विशेष चुनाव में होगा. हर राज्य में अमेरिकी सीनेट की दो सीटें होती हैं.वहीं हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव के सीटों की संख्या उस राज्य की जनसंख्या के आधार पर तय की जाती है.सीनेट की मौजूदा स्थिति में 49 रिपब्लिकन, 47 डेमोक्रेट और चार निर्दलीय सदस्य हैं.सीनेट में जो चार निर्दलीय सदस्य हैं, वो हैं- वर्मोंट से बर्नी सैंडर्स, मेन से एंगस किंग, वेस्ट वर्जीनिया से जो मैनचिन और एरिजोना से किर्स्टन सिनेमा.

Advertisement

अमेरिकी सीनेट का अध्यक्ष उपराष्ट्रपति होते हैं. वो सीनेट के सत्र की अध्यक्षता करते हैं. राष्ट्रपति चुनाव परिणामों की घोषणा भी उपराष्ट्रपति ही करते हैं. 

अमेरिका के राज्यों को डेमोक्रेट या रिपब्लिकन पार्टी का समर्थन करने वाले के रूप जाना जाता है.इससे वहां चुनाव परिणाम का अनुमान लगाना आसान हो जाता है.इन राज्यों को इन राजनीतिक पार्टियों के रंग के आधार पर नीले या लाल राज्यों के रूप में भी पहचाना जाता है.खासकर साल 2000 के बाद से.लाल रंग रिपब्लिकन पार्टी का प्रतीक है तो नीला रंग डेमोक्रेटिक पार्टी का. 

Advertisement

डोनाल्ड ट्रंप दूसरी बार ह्वाइट हाउस में जाने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं.
Photo Credit: AFP

इसके बाद भी कुछ राज्य ऐसे हैं, जहां लड़ाई इतनी साफ नहीं है कि उनके बारे में पूर्वानुमान लगाया जा सके.वहां डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवारों के वोट कम-अधिक होते रहते हैं.इन राज्यों को बैटलग्राउंड स्टेट्स, स्विंग स्टेट्स, पर्पल स्टेट्स या टॉस-अप स्टेट्स के नाम से जाना जाता है. 

स्विंग स्टेट की श्रेणी में उन राज्यों को रखा जाता है,जहां जनमत सर्वेक्षणों से पता चलता है कि वहां जीत का अंतर पांच फीसदी से कम का है.इस साल के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में एरिजोना, जॉर्जिया, मिशिगन, नेवादा, उत्तरी कैरोलिना, पेंसिल्वेनिया और विस्कॉन्सिन को इस श्रेणी में रखा गया है. 

Advertisement

इलेक्टोरल कॉलेज के मतदाता

राष्ट्रपति चुनाव में सबसे ज्यादा वोट हासिल करने वाला उम्मीदवार विजेता नहीं होता है, बल्कि दोनों पार्टियों के उम्मीदवार को सभी 50 राज्यों में होने वाले चुनाव को जीतने के लिए प्रतिस्पर्द्धा करनी पड़ती है.हर प्रांत में जनसंख्या पर आधारित इलेक्टोरल कॉलेजों की एक निश्चित संख्या होती है.इस तरह कुल 538 इलेक्टोरल कॉलेज होते हैं.इनमें से 270 या इनसे अधिक में जीतने वाला ही विजेता घोषित किया जाता है. 

कमला हैरिस 2020 के चुनाव में उपराष्ट्रपति चुनी गई थीं. उपराष्ट्रपति ही सीनेट का प्रमुख होता है.
Photo Credit: AFP

Advertisement

राष्ट्रीय स्तर पर कोई उम्मीदवार सबसे ज्यादा वोट हासिल कर सकता है, जैसे हिलेरी क्लिंटन ने 2016 के चुनाव में राष्ट्रीय स्तर पर सबसे ज्यादा वोट हासिल किए थे. लेकिन इलेक्टोरल कॉलेज चुनाव में वो डोनाल्ड ट्रंप से हार गई थीं.ट्रंप ने उन स्विंग स्टेट में भी जीत दर्ज की थी, जहां क्लिंटन के जीत की भविष्यवाणी की गई थी, जैसे पेनसेल्विनिया, मिशिगन और विस्कांकिन. इलेक्टोरल कॉलेज में मतदाताओं को चुनाव से पहले राजनीतिक दलों द्वारा चुना जाता है. ये मतदाता आमतौर पर पार्टी के पदाधिकारी या समर्थक होते हैं.इलेक्टोरल कॉलेज की बैठक में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के लिए निर्णायक वोट डाले जाएंगे.इस साल 17 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे.

मेन और नेब्रास्का में कैसे होता है चुनाव 

अमेरिका के 50 राज्यों में से 48 में जिस राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को सबसे अधिक वोट मिलते हैं, वह उस राज्य के सभी मतदाताओं को जीत लेता है. लेकिन दो राज्यों- मेन और नेब्रास्का में यह नियम लागू नहीं होता है.ये दोनों राज्य अपने वोटों को वितरित करने के लिए एक वैकल्पिक पद्धति का उपयोग करते हैं.इसे कांग्रेसनल डिस्ट्रिक्ट पद्धति कहा जाता है. 

अमेरिकी चुनाव का गणित

अमेरिका के हर राज्य में निर्वाचकों की संख्या हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में उसके सदस्यों की संख्या प्लस दो के बराबर होती है. उदाहरण के लिए, फ्लोरिडा को 30 इलेक्टोरल कॉलेज वोट मिलते हैं.इस राज्य के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में  28 सदस्य और सीनेट में दो सदस्य हैं. इसी तरह टेक्सास में 40 इलेक्टोरल वोट हैं.इस राज्य के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में 38 प्रतिनिधि और दो सीनेटर हैं.

कितने राज्यों में हो रहा है गवर्नर का चुनाव

अमेरिका के 11 राज्यों और दो क्षेत्रों प्यूर्टो रिको और अमेरिकन सामाओ के मतदाता अपने-अपने गवर्नर का भी चुनाव 2024 के चुनाव में करेंगे. जिन राज्यों में गवर्नर का चुनाव होना है, वे हैं डेलावेयर, इंडियाना, मिसौरी, मोंटाना, न्यू हैम्पशायर, वेस्ट वर्जीनिया, नॉर्थ कैरोलिना, नॉर्थ डकोटा, यूटा, वर्मोंट और वाशिंगटन.

समय से पहले मतदान की सुविधा

अमेरिका चुनाव की तारीख से भी पहले मतदान करने का विकल्प देता है. इसे अग्रिम मतदान या चुनाव पूर्व मतदान भी कहा जाता है. इसके तहत मतदाता इस बार चुनाव की तय तारीख पांच नवंबर से पहले भी मतदान कर सकते हैं.इसके लिए मतदाता डाक से मतदान, इसके लिए बनाए गए मतदान केंद्रों पर जाकर मतदान करने की सुविधा दी जाती है.इस तरह के मतदान के पीछे का विचार मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाना और चुनाव के दिन मतदान केंद्रों पर भीड़ को कम करना है.अमेरिकी अखबार 'न्यूयार्क टाइम्स' की एक खबर के मुताबिक इस साल के चुनाव में अब तक चार करोड़ 40 लाख से अधिक मतदाताओं ने इस सुविधा का लाभ उठाया है. 

अमेरिका में कब हुआ सबसे अधिक मतदान

अमेरिकी चुनाव में मतदान आमतौर पर 60 फीसदी के आसपास होता है.साल 2020 के चुनाव में ऐतिहासिक रूप से 66.6 फीसदी मतदान हुआ था.यह अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में पिछले एक सदी में हुआ,सबसे अधिक मतदान था. उससे पहले 2016 के चुनाव में 60.1 फीसदी मतदान हुआ था तो 2012 के चुनाव में 58.6 फीसदी मतदान हुआ था. इसी तरह से 2008 में 61.6 फीसदी मतदान हुआ था. 

ये भी पढ़ें: दिल्ली को ये हुआ क्या है? मामूली सी बात पर हुई कहासुनी और दो युवकों की चाकू गोदकर कर दी हत्या

Featured Video Of The Day
Bihar Elections 2025: Stalin और Revanth Reddy वाला दांव महागठबंधन के लिए उल्टा साबित होगा?
Topics mentioned in this article