US संसद के निचले सदन में आज ट्रंप के खिलाफ महाभियोग पर वोटिंग, स्पीकर-उप राष्ट्रपति के बीच लेटर वार

वाशिंगटन के स्थानीय समय के हिसाब से सुबह 9 बजे हाउस की बैठक शुरु होगी. यानि भारतीय समय के हिसाब से शाम साढ़े सात बजे ये बैठक शुरू होगी. सदन में आज इस प्रस्ताव पर वोटिंग होनी है. अगर महाभियोग का प्रस्ताव अमेरिका के निचले सदन से पास हो जाता है तो फिर इसे उच्च सदन यानी सीनेट में भेजा जाएगा.

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अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उप राष्ट्रपति माइक पेंस.
वाशिंगटन:

अमेरिकी संसद (US Parliament) के निचले सदन हाउस ऑफ़ रिप्रजेंटेटिव्स (House of Representatives) ने 205 के मुकाबले 223 वोट से प्रस्ताव पास कर उप राष्ट्रपति माइक पेंस (Vice President Mike Pence) और कैबिनेट से 25वें संविधान संशोधन के इस्तेमाल का अनुरोध किया है. हालांकि माइक पेंस हाउस की स्पीकर नैंसी पलोसी को चिट्ठी लिख कर कह चुके हैं कि वो 25वें संशोधन के इस्तेमाल के ज़रिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को पद से हटाने की इजाजत नहीं देंगे. इसके जवाब में पलोसी ने भी कहा है कि वो उपराष्ट्रपति को 24 घंटे का समय देंगी कि वे हाउस का अनुरोध मानते हैं या नहीं.

हालांकि, इस बात की संभावना नहीं के बराबर है कि माइक पेंस हाउस के अनुरोध को मान कर 25वें संविधान संशोधन के ज़रिए डोनाल्ड ट्रंप को हटाएंगे. इसलिए हाउस राष्ट्रपति ट्रंप के ख़िलाफ़ महाभियोग के प्रस्ताव पर भी आगे बढ़ रहा है. हाउस में ये प्रस्ताव पेश किया जा चुका है और आज उस पर बहस होगी.

US: उप-राष्ट्रपति माइक पेंस ने डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ 25वें संशोधन को किया खारिज

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वाशिंगटन के स्थानीय समय के हिसाब से सुबह 9 बजे हाउस की बैठक शुरु होगी. यानि भारतीय समय के हिसाब से शाम साढ़े सात बजे ये बैठक शुरू होगी. सदन में आज इस प्रस्ताव पर वोटिंग होनी है. अगर महाभियोग का प्रस्ताव अमेरिका के निचले सदन से पास हो जाता है तो फिर इसे उच्च सदन यानी सीनेट में भेजा जाएगा, जिसकी बैठक 19 जनवरी से निर्धारित है. हालांकि, सीनेट में डेमोक्रेटिक पार्टी के पास बहुमत नहीं है.

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अमेरिकी सांसदों डेविड सिसिलिने, जैमी रस्किन और टेड लियू ने महाभियोग का प्रस्ताव तैयार किया है, जिसे प्रतिनिधि सभा के 211 सदस्यों ने समर्थन दिया है. इसे सोमवार को सदन में पेश किया गया था. इस महाभियोग प्रस्ताव में निर्वतमान राष्ट्रपति पर अपने कृत्यों के जरिए 6 जनवरी को अमेरिकी संसद भवन के बाहर हिंसा और राजद्रोह के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया है. 
 

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