- अमेरिका और भारत व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए बातचीत में तेजी लाए हैं.
- ट्रंप ने वियतनाम के साथ समझौते की घोषणा की, जिससे अमेरिका में टैरिफ में कमी आई.
- भारत के लिए समझौता महत्वपूर्ण है, लेकिन कृषि और डेयरी मुद्दों पर असहमति बनी हुई है.
- भारत ने जेनेटिकली मॉडिफाइड फसलों पर टैरिफ में कमी को अस्वीकार किया है.
US India Trade Deal Talks: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ लादने वाली 9 जुलाई की डेडलाइन जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, अमेरिका और भारत उससे पहले व्यापार समझौते को अंजाम देने की कोशिश पर जोर दे रहे हैं. बुधवार, 2 जुलाई को भी नेगोशिएशन तेजी पर रहा लेकिन अभी भी डेयरी और कृषि प्रोडक्ट के मुद्दे पर असहमति बनी हुई है, बीच का रास्ता अभी भी निकाला जा रहा है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने वार्ता से परिचित सुत्रों के हवाले से यह रिपोर्ट छापी है.
व्यापार समझौते के लिए कोशिशों में यह तेजी तब वक्त आई है जब ट्रंप ने वियतनाम के साथ एक समझौते की घोषणा की. इस समझौते में कई वियतनामी सामानों पर अमेरिकी टैरिफ को पहले के 46% से घटाकर 20% कर दिया गया. ट्रंप ने कहा कि अमेरिका के प्रोडक्ट वियतनाम में बिना टैरिफ प्रवेश कर सकते हैं, लेकिन उन्होंने ज्यादा डिटेल्स नहीं दिए.
भारत के लिए अहम व्यापार समझौता, लेकिन यह पेंच फंसा
ट्रंप ने 2 अप्रैल को "लिबरेशन डे" करार देते हुए तमाम देशों पर ज्यों का त्यों (रेसिप्रोकल) टैरिफ लगाया था. इसी के हिस्से के रूप में उन्होंने अमेरिका में आने वाली भारतीय वस्तुओं पर 26% टैरिफ लगाने की धमकी दी थी. लेकिन फिर उन्होंने व्यापार समझौते पर बातचीत के लिए समय निकालने दिया और टैरिफ को अस्थायी रूप से 10% तक कम कर दिया गया था.
सूत्रों ने कहा कि व्यापार समझौते को पूरा करने के लिए वे वाशिंगटन में अधिक समय तक रुक सकते हैं, लेकिन वे प्रमुख कृषि और डेयरी मुद्दों पर समझौता नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि अमेरिका में उगाए गए आनुवंशिक रूप से संशोधित (जेनेटिकली मॉडिफाइड या हाइब्रिड) मक्का, सोयाबीन, चावल और गेहूं पर भारत के अंदर टैरिफ कम करना अस्वीकार्य है.
सूत्रों में से एक ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार किसानों के हितों को आत्मसमर्पण करने वाली सरकार के रूप में नहीं दिखना चाहती है. सूत्र ने कहा कि भारत अखरोट, क्रैनबेरी और अन्य फलों के साथ-साथ चिकित्सा उपकरणों, ऑटो और ऊर्जा उत्पादों पर टैरिफ कम करने के लिए तैयार है.
वार्ता से परिचित एक अमेरिकी सूत्र ने कहा कि संकेत हैं कि वे समझौते के करीब हैं और वार्ताकारों को संभावित घोषणा के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है. सूत्र ने कहा कि "किसी सौदे को फाइनल करने के लिए गहन और रचनात्मक प्रयास किए गए हैं. मुझे लगता है कि दोनों पक्ष किसी सौदे को फाइनल करने के आर्थिक महत्व से परे रणनीतिक महत्व को समझते हैं."
राष्ट्रपति ट्रंप ने मंगलवार को उन भावनाओं को दोहराया था. उन्होंने एयर फोर्स वन पर रिपोर्टरों से कहा कि वह भारत के साथ एक समझौते पर पहुंच सकते हैं जो दोनों देशों के लिए टैरिफ में कटौती करेगा और अमेरिकी कंपनियों को भारत के 1.4 बिलियन उपभोक्ताओं के बाजार में प्रतिस्पर्धा (कंपीट) करने में मदद करेगा.