जो बाइडेन और डोनाल्ड ट्रंप के बीच पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट, जानें कैसे तय होगी जीत-हार, टॉस का क्या है रोल

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से पहले उम्मीदवारों के बीच अहम मुद्दों पर बहस कराई जाती है. इसके आधार पर वोटर्स उम्मीदवारों को लेकर अपनी राय बनाते हैं. इसे ही प्रेसिडेंशियल डिबेट कहा जाता है.

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CNN पर जो बाइडेन और डोनाल्ड ट्रंप के बीच 90 मिनट की बहस लाइव होगी.
नई दिल्ली/वॉशिंगटन:

अमेरिका में इस साल 5 नवंबर को राष्ट्रपति के चुनाव (US President Elections 2024) होने हैं. शुक्रवार को अमेरिका में पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट होगी. पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) और मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) आमने-सामने होंगे. प्रेसिडेंशियल डिबेट (US First Presidential Debate 2024) भारत के समय के हिसाब से शुक्रवार सुबह 7 से 8 बजे (US टाइम के हिसाब से गुरुवार रात 9 बजे) शुरू होगा. 64 साल बाद इस डिबेट को टीवी स्टूडियो में ऑर्गनाइज कराया जा रहा है. 

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इस बार कमीशन ऑन प्रसेडेंशियल डिबेट आयोजित नहीं कर रहा है, क्योंकि इस पर दोनों पक्षों को आपत्ति थी. अटलांटा में मीडिया नेटवर्क CNN पहले प्रेसिडेंशियल डिबेट को होस्ट करेगा. इसके अलावा CBS और CBS न्यूज 24/7 पर भी प्रेसिडेंशियल डिबेट की स्ट्रीमिंग की जाएगी. दूसरे नेटवर्क पर भी इसे एक साथ प्रसारित किया जाएगा. राष्ट्रपति चुनाव से पहले सितंबर में दूसरी डिबेट होगी. दूसरी डिबेट को ABC मीडिया नेटवर्क होस्ट करेगा.

इस बार CNN के स्टूडियो में प्रेसिडेंशियल डिबेट हो रही है. 

आइए जानते हैं कैसे होती है प्रेसिडेंशियल डिबेट? अमेरिका के इलेक्शन में प्रेसिडेंशियल डिबेट का क्या होता है रोल:-

प्रेसिडेंशियल डिबेट क्या होती है?
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से पहले उम्मीदवारों के बीच अहम मुद्दों पर बहस कराई जाती है. इसके आधार पर वोटर्स उम्मीदवारों को लेकर अपनी राय बनाते हैं. इसे ही प्रेसिडेंशियल डिबेट कहा जाता है. इलेक्शन से पहले ऐसी दो डिबेट कराई जाती है. पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट डेमोक्रेटिक पार्टी के जॉन एफ कैनेडी और रिपब्लिकन पार्टी के रिचर्ड निक्सन के बीच हुई थी. 1960 के चुनाव में निक्सन हार गए. कैनेडी राष्ट्रपति बने थे.

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डिबेट में भाग लेने के लिए क्या है योग्यता?
प्रेसिडेंशियल डिबेट में हिस्सा लेने के लिए किसी कैंडिडेट को 4 स्वीकृत राष्ट्रीय चुनावों में कम से कम 15% समर्थन हासिल करना होता है. साथ ही इलेक्टोरल कॉलेज में 270 वोट जीतने में सक्षम होने के लिए पर्याप्त राज्यों में समर्थन मिलना जरूरी होता है. रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर समेत सभी नॉन-डेमोक्रेटिक और नॉन-रिपब्लिकन नेता डिबेट में हिस्सा नहीं ले पाए. क्योंकि ये 20 जून की डेडलाइन के अंदर जरूरी योग्यता हासिल नहीं कर पाए. 

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क्या हैं डिबेट के नियम?
CNN पर 90 मिनट की ये बहस लाइव होगी. इस बहस के दौरान स्टूडियो में कोई ऑडिएंस नहीं होंगे. दोनों लीडर खड़े होकर ये डिबेट करेंगे. पहले प्रेसिडेंशियल डिबेट में जर्नलिस्ट पैनल और ऑडिएंस भी होते थे. लेकिन डिस्टर्बेंस की वजह से पैनल और ऑडिएंस हटा दिए गए. डिबेट के दौरान कौन किस तरह खड़ा होगा, उसके लिए बाकायदा टॉस भी होता है. टॉस जीतने वाले कैंडिडेट को 2 में से एक ऑप्शन चुनना होता है. वो या तो डिबेट में खड़े होने के लिए अपनी पसंद की साइड चुन सकता है या क्लोजिंग रिमार्क्स दे सकता है. 

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डिबेट के लिए इस बार किसने जीता है टॉस?
इस बार का टॉस जो बाइडेन ने जीता है. बाइडेन ने खड़े होने के लिए स्टेज की लेफ्ट साइड चुनी है, जो अमूमन खड़े होने की मुफीद जगह है. यानी टीवी पर डिबेट देखने वाले लोगों को जो बाइडेन राइड साइड दिखेंगे. 

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किन मुद्दों पर होगी डिबेट? 
-फिलहाल पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट इजरायल-गाजा युद्धा और रूस-यूक्रेन युद्ध पर अमेरिका के रुख पर फोकस रहेगी. 
-इसके साथ ही चीन के साथ बिजनेस रिलेशन और कॉम्पिटिशन पर भी सवाल होंगे.
-क्लाइमेट चेंज और उसको रोकने की कोशिशों में अमेरिकी भागीदारी भी बहस का बड़ा मुद्दा हो सकती है.
-इमिग्रेशन, एबॉर्शन और हेल्थ पॉलिसी पर भी डिबेट होनी है.
-प्रेसिडेंशियल डिबेट में टैक्स सिस्टम, क्राइम रेट, गन कल्चर से जुड़े कानूनों पर भी बात होगी. 
-यूएस डेमोक्रेसी को बचाए रखने का सवाल भी होगा. 

ट्रंप और बाइडेन के बीच 10 सितंबर को दूसरी डिबेट होनी है.

कौन तय करता है डिबेट में किसकी हुई जीत और कौन हारा?
यूएस प्रेसिडेंशियल डिबेट में किसकी जीत हुई और किसकी हार... इसका फैसला 4 पैरामीटर्स पर किया जाता है:- 1. न्यूज चैनल और पॉलिटिकल एक्सपर्ट डिबेट के बाद राय देते हैं. इस दौरान कैंडिडेट्स की परफॉर्मेंस, जवाब देने की टाइमिंग, सेंस, एक्यूरेसी और चेहरे के हाव-भाव यानी बॉडी लैंग्वेज को जांचा जाता है.

2. दूसरा पैरामीटर्स ओपिनियन पोल्स का है. न्यूज चैनल और सर्वे एजेंसियां प्रेसिडेंशियल डिबेट के बाद ओपिनियन पोल कराती हैं. फिर उसके नतीजे बताए जाते हैं. हार और जीत के संभावित कारणों का भी खुलासा किया जाता है.

3.सोशल मीडिया भी पैरामीटर की तरह काम करता है. X (पहले ट्विटर), फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यूजर्स के रिएक्शन से पता चलता है कि प्रेसिडेंट के इलेक्शन में कौन मजबूत है और कौन कमजोर.

4. इसके अलावा वोटिंग इंटेंशन सर्वे भी हार-जीत का फैसला करने का एक जरिया है. कुछ एजेसिंया वोटिंग इंटेंशन सर्वे कराती हैं. इसमें वोटर्स से पूछा जाता है कि प्रेसिडेंशियल डिबेट के बाद क्या उनकी वोटिंग का फैसला बदला है? यानी जो कैंडिडेट ज्यादा वोटर्स को इंप्रेस कर पाता है, उसे विजेता माना जाता है.

दूसरी डिबेट की डेट क्या है?
जो बाइडेन और डोनाल्ड ट्रंप दूसरी डिबेट के लिए भी राजी हो गए हैं. 10 सितंबर को ये डिबेट होनी है, जिसे ABC मीडिया नेटवर्क होस्ट करेगा. 

वाइस प्रेसिडेंट की डिबेट कब होगी?
अमेरिका में वाइस प्रेसिडेंशियल डिबेट 23 जुलाई या 13 अगस्त को हो सकती है. बाइडेन कैंपेन ने डिबेट की रिक्वेस्ट स्वीकार करते हुए कहा कि दोनों तारीखों पर कमला हैरिस डिबेट के लिए समय निकाल सकती हैं. हालांकि, ट्रंप ने अभी तक वाइस प्रेसिडेंट पद के डिबेट के लिए कैंडिडेट का ऐलान नहीं किया है.


 

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